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    Gandhi Jayanti 2022: गांधीजी की 153वीं जयंती के मौके पर जानें उनके 3 प्रिय भजनों के बारे में!

    By Ruhee ParvezEdited By:
    Updated: Sat, 01 Oct 2022 09:14 AM (IST)

    Gandhi Jayanti 2022 Bapus Famous Bhajan इस साल महात्मा गांधी की 153वीं जयंती मनाई जा रही है इस मौके पर हम आपको बता रहे हैं उनके प्रिय भजनों के बारे मे ...और पढ़ें

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    Gandhi Jayanti 2022: गांधीजी के 3 पसंदीदा भजन

    नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Gandhi Jayanti 2022: इस बार 2 अक्टूबर को गांधी जी की 153वीं जयंती मनाई जा रही है। इस दिन स्कूल और कॉलेजों में खास प्रोग्राम का आयोजन किया जाता है। कोरोना वायरस महामारी की वजह से पिछले दो सालों से स्कूल बंद थे, इसलिए इस साल यह जश्न और भी खास होगा। स्कूल और कॉलेजों में तरह-तरह की प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाता है। जिसमें छात्र गांधी जी की जीवनी, महात्मा गांधी पर स्पीच, उनके गीत, भजन और कविताएं सुनाते हैं। आज हम आपको बताने जा रहे हैं उन भजन के बारे में जो गांधी जी को बेहद प्रिय थे, वह अक्सर पर इन्हें गुनगुनाया और सुना करते थे।

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    वैष्णव जन तो तेने कहिये, जे पीर पराई जाणे रे

    वैष्णव जन तो तेने कहिये, जे पीर पराई जाणे रे ।।

    पर दुःखे उपकार करे तोये, मन अभिमान न आणे रे ।।

    सकल लोक माँ सहुने वन्दे, निन्दा न करे केनी रे ।।

    वाच काछ मन निश्चल राखे, धन-धन जननी तेरी रे ।।

    वैष्णव जन तो तेने कहिये, जे पीर पराई जाणे रे ।।

    समदृष्टि ने तृष्णा त्यागी, पर स्त्री जेने मात रे ।।

    जिहृवा थकी असत्य न बोले, पर धन नव झाले हाथ रे ।।

    मोह माया व्यापे नहि जेने, दृढ वैराग्य जेना तन मा रे ।।

    राम नामशुं ताली लागी, सकल तीरथ तेना तन मा रे ।।

    वण लोभी ने कपट रहित छे, काम क्रोध निवार्या रे ।।

    भणे नर सैयों तेनु दरसन करता, कुळ एको तेर तार्या रे ।।

    ***************************************

    साबरमती के सन्त तूने कर दिया कमाल

    दे दी हमें आज़ादी बिना खड्ग बिना ढाल

    साबरमती के सन्त तूने कर दिया कमाल

    आंधी में भी जलती रही गांधी तेरी मशाल

    साबरमती के सन्त तूने कर दिया कमाल

    दे दी ...

    धरती पे लड़ी तूने अजब ढंग की लड़ाई

    दागी न कहीं तोप न बंदूक चलाई

    दुश्मन के किले पर भी न की तूने चढ़ाई

    वाह रे फ़कीर खूब करामात दिखाई

    चुटकी में दुश्मनों को दिया देश से निकाल

    साबरमती के सन्त तूने कर दिया कमाल

    दे दी ...

    रघुपति राघव राजा राम

    शतरंज बिछा कर यहां बैठा था ज़माना

    लगता था मुश्किल है फ़िरंगी को हराना

    टक्कर थी बड़े ज़ोर की दुश्मन भी था ताना

    पर तू भी था बापू बड़ा उस्ताद पुराना

    मारा वो कस के दांव के उलटी सभी की चाल

    साबरमती के सन्त तूने कर दिया कमाल

    दे दी ...

    रघुपति राघव राजा राम

    जब जब तेरा बिगुल बजा जवान चल पड़े

    मज़दूर चल पड़े थे और किसान चल पड़े

    हिंदू और मुसलमान, सिख पठान चल पड़े

    कदमों में तेरी कोटि कोटि प्राण चल पड़े

    फूलों की सेज छोड़ के दौड़े जवाहरलाल

    साबरमती के सन्त तूने कर दिया कमाल

    दे दी ...

    *************************************************

    रघुपति राघव राजा राम

    रघुपति राघव राजा राम

    रघुपति राघव राजा राम

    पतित पावन सीता राम

    सीता राम सीता राम

    भज प्यारे तू सीता राम

    रघुपति राघव राजा राम

    पतित पावन सीता राम

    ईश्वर अल्लाह तेरे नाम

    सबको सन्मति दे भगवान

    रघुपति राघव राजा राम

    पतित पावन सीता राम

    रात को निंदिया दिन तो काम

    कभी भजोगे प्रभु का नाम

    करते रहिये अपने काम

    लेते रहिये हरि का नाम

    रघुपति राघव राजा राम

    पतित पावन सीता राम

    Picture Courtesy: Freepik