Tea In India: गुणों का भंडार है भारत में उगने वाली ये 4 चाय, देश ही नहीं, विदेश में भी है भारी मांग
चाय भारत में सबसे ज्यादा पसंद किया जाने वाला पेय पदार्थ है। बीते कुछ समय में चाय पूरी दुनिया में काफी लोकप्रिय हो चुका है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि आपकी पसंदीदा चाय आखिर कहां से आती है। अगर नहीं तो चलिए जानते हैं।
नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Tea In India: चाय एक ऐसा पेय पदार्थ है, जिसे लोग हर मौसम में पीना पसंद करते हैं। बारिश हो या गर्मी चाय के दीवाने हर मौसम में इसे पीना पसंद करते हैं। वहीं, अगर बात की जाए सर्दी की तो सर्दियों के मौसम में चाय पीने का अपना एक अलग ही मजा है। चाय हमारे जीवन में इस कदर बस गई है कि लोगों की सुबह अक्सर चाय के साथ ही होती है। वहीं, कई लोग ऐसे भी हैं, जो शाम या रात के वक्त भी चाय पीना पसंद करते हैं। लोग अपनी पसंद के मुताबिक, तरह-तरह की चाय पीते हैं। चाय की इसी लोकप्रियता के चलते हर साल दुनियाभर में 15 दिसंबर को इंटरनेशनल टी डे मनाया जाता है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि जिस चाय की चुस्कियों का आप घर बैठे आनंद लेते हैं, वह असल में आती कहां से है। अगर नहीं तो आज टी डे के मौक पर हम आपको बताएंगे देश में उगने वाली अलग-अलग चाय के बारे में-
असम की चाय
असम में उगाई जाने वाली चाय भारत की प्रचलित चाय में से एक है। यह चाय देश ही नहीं, बल्कि विदेश में भी काफी डिमांड में रहती है। असम में पाई जाने वाली चाय ब्लैक टी का एक प्रकार, जो अपने कड़क स्वाद के लिए जानी जाती है। इसे ब्रह्मपुत्र नदी के किनारों पर तराई क्षेत्र में उगाया जाता है। असम की चाय दिमाग को चुस्त रखने के साथ कई तरह के कैंसर से भी बचाने में काफी असरदार है।
दार्जिलिंग की चाय
अपने शानदार स्वाद के लिए मशहूर दार्जिलिंग चाय दुनियाभर में प्रसिद्ध है। स्थानीय मिट्टी और हिमालयी हवा में उगाई जाने वाली यह चाय अपनी उच्च गुणवत्ता के लिए जानी जाती है। छोटे पत्तों से बनाई जाने वाली दार्जिलिंग की चाय काले, हरे, सफेद रंग में पाई जाती है। खास बात यह है कि दार्जिलिंग देश का पहला ऐसा राज्य है, जहां चाय का उत्पादन किया गया था। इसे जीआई टैग भी मिला हुआ है। इसके फायदों की बात करें तो दार्जिलिंग चाय मोटापे से बचाव करने के साथ ही पेट में होने वाले अल्सर में भी काफी फायदेमंद है।
नीलगिरी की चाय
भारत में उगाई जाने वाले एक और मशहूर चाय नीलगिरी की चाय है। बीते करीब 100 साल से इसका उत्पादन किया जा रहा है। मुन्नार और नीलगिरी के पश्चिमी घाटी के दक्षिण भाग में उगने वाली यह अपनी तेज सुगंध के लिए काफी प्रसिद्ध है। नीलगिरी की चाय का उपयोग ज्यादातर आइस-टी में किया जाता है। डायबिटीज के मरीजों के लिए कारगर यह चाय दांतों के लिए काफी लाभदायक मानी जाती है।
कांगड़ा की चाय
हिमाचल प्रदेश स्थित कांगड़ा घाटी में उगाई जाने वाली कांगड़ा की चाय ब्लैक और ग्री टी का एक प्रकार है। पालमपुर और धर्मशाला में काफी लोकप्रिय इस चाय को साल 2005 में जीआई टैग दिया गया था। पौधों की पत्तियों और कलियों से बनने वाली यह चाय दुनिया की सबसे स्वादिष्ट चाय में से एक है। इसका इतिहास करीब 180 साल पुराना है। स्वाद में अच्छी होने के साथ ही यह चाय गुणों की भी खान है। महिलाओं को सुंदर बनाने के साथ ही कांगड़ा चाय हाई ब्लड प्रेशर समेत कई बीमारियों में असरदार है।
Picture Courtesy: Freepik
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