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    Chapati History: कभी सोचा है, आखिर गोल ही क्यों बनाई जाती है रोटियां?

    By Ruhee ParvezEdited By: Ruhee Parvez
    Updated: Fri, 07 Apr 2023 09:05 AM (IST)

    Chapati History चपाती तो हम सभी रोज खाते हैं लेकिन हम में से कितनों को इसे बनाना भी आता है? रोटी को बिल्कुल पर्फेक्ट गोल बनाना किसी आर्ट से कम नहीं। आइए जानें कि चपाती को गोल आकार कहां से मिला?

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    Chapati History: गोल ही क्यों बनाई जाती हैं रोटियां?

    नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Chapati History: रोटियां बनाना भी किसी कला से कम नहीं है। गोल, मुलायम और सही तरीके से सिकी रोटी बनाना सभी के बस की बात नहीं है। यह कला एक्सपीरियंस से आती है। कई लोगों के लिए तो रोटी को गोल बनाना ही सबसे बड़ी मुसीबत होती है। हालांकि, कभी आपने सोचा है कि चपाती को गोल आकार ही क्यों दिया गया? इसे किसी दूसरी शेप में भी तो बनाया जा सकता था?

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    चपाती हम भारतीयों के खाने का अहम हिस्सा है, इसलिए इसे बनाने की कला सीखना भी जरूरी है। वरना आप कब तक चावलों से गुजारा करेंगे। ताजा सिकी चपातियों की खुशबू से ही भूख लग जाती है और कई डिशेज के साथ तो रोटी ही मजेदार लगती है। तो आइए आज जानते हैं कि रोटी या चपाती को गोल ही क्यों बनाया जाता है?

    चपाती का आकार क्यों होता है गोल?

    रोटी के गोल आकार के पीछे सीधा सा गणित यह है कि आटे की लोई जो गोल होती है, उससे गोल आकार बनाना ही सबसे आसान होता है। बेलन रोटी को हर तरफ से गोल कर इस काम को और आसान बना देता है।

    यह गोल शेप इसे सेकने में भी मददगार साबित होती है, क्योंकि तवा भी गोल होता है और चपाती हर तरफ से सिक जाती है।

    कुछ धार्मिक और सांस्कृतिक मान्यताओं के अनुसार, चपाती का गोल आकार जीवन और मृत्यु के चक्र का प्रतिनिधित्व करता है। भारत के कुछ क्षेत्रों में, चपाती को प्रसाद के रूप में भगवान को भी चढ़ाया जाता है। साथ ही इसे भेंट और बलिदान के प्रतीक के रूप में भी देखा जाता है। कई घरों में पहली चपाती गाय के लिए बनाने की प्रथा भी है। हिंदू ज्योतिष में माना जाता है कि ऐसा करने से आपका शुक्र ग्रह मजबूत होता है और बेहतर अवसरों में मदद मिलती है।

    भारत और चपाती से प्रेम

    आप शायद ही जानते हों, कि चपाती शब्द असल में हिन्दी के शब्द 'चपत' से आया है, जिसका मतलब होता है थप्पड़। हालांकि, चपाती का थप्पड़ से कोई संबंध नहीं है। ऐसा भी कहा जाता है कि चपाती उन पहले खानों में से थी, जिसे भारत में गेंहू की मदद से सबस पहले बनाया गया। गेहूं भारत का मुख्य भोजन है।

    रोटी को गेंहू के आटे को गूंद कर तैयार किया जाता है, जिसे दाल, सब्जी आदि के साथ खाया जाता है। भारत के अलग-अलग राज्यों में रोटी को ज्वार, बाजरा, राजगिरा, रागी, मक्की, बेसन और कई तरह आटे से बनाई जाती है। मुगल दौर में चपाती में कई बदलाव देखे गए, जैसे तंदूरी रोटी बनाई गई। शाही खानदानों में तंदूरी रोटी को इसके स्मोकी और अलग स्वाद के लिए काफी पसंद किया जाता था।