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    Diwali Green Crackers: क्या होते हैं ग्रीन पटाखे? जानें बाज़ार में इन्हें कैसे पहचान सकते हैं?

    By Ruhee ParvezEdited By:
    Updated: Thu, 20 Oct 2022 12:19 PM (IST)

    Diwali Green Crackers आपने कई बार ग्रीन पटाखों के बारे में सुना होगा लेकिन क्या जानते हैं कि यह कैसे आम पटाखों से अलग होते हैं? तो आइए जानें कि आम पटाखों से किस तरह अलग होते हैं ग्रीन पटाखे? साथ ही इन्हें बाज़ार में कैसे पहचाना जा सकता है?

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    Diwali Green Crackers: क्या होते हैं ग्रीन पटाखे

    नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Diwali Green Crackers: दिवाली का पर्व आ ही गया। यह एक ऐसा त्योहार है, जिसका हर किसी को इंतज़ार रहता है। इस दिन लोग घर को रंगोली, लाइट्स और दियों से सजाने के साथ खुद भी नए कपड़े पहनते हैं। पटाखे भी खूब जलाए जाते हैं, हालांकि, इस साल कई शहरों में पटाखों को लेकर सख्ती जताई जा रही है, वजह है वायु प्रदूषण का ख़तरनाक स्तर पर पहुंचना।

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    दिल्ली में दिवाली पर पटाखे जलाने पर बैन लगा दिया गया है। निर्देशों का उल्लंघन करने वालों को 6 महीने तक की जेल के साथ-साथ 200 रुपये का जुर्माना भी लगाया जाएगा। वहीं, कई शहरों में कुछ घंटों के लिए पटाखे जलाने की अनुमति दी गई है, तो कहीं, सिर्फ ग्रीन पटाखे ही जला सकेंगे। ऐसे में आइए जानते हैं कि ग्रीन पटाखे क्या होते हैं और इनको आप कैसे पहचान सकते हैं।

    ग्रीन पटाखों और पारंपरिक पटाखों में क्या फर्क है?

    हरे और पारंपरिक पटाखे, दोनों को जलाने से प्रदूषण फैलता है, इसलिए लोगों को किसी भी तरह के पटाखे जलाने से बचना चाहिए। हालांकि, दोनों में फर्क इतना ही है कि पारंपरिक पटाखों की तुलना ग्रीन पटाखे 30 फीसदी कम वायु प्रदूषण करते हैं। हरे पटाखे उत्सर्जन को काफी हद तक कम करते हैं और धूल को अवशोषित करते हैं और इसमें बेरियम नाइट्रेट जैसे खतरनाक तत्व नहीं होते हैं। पारंपरिक पटाखों में ज़हरीली धातुओं को कम ख़तरनाक यौगिकों से बदल दिया जाता है। ग्रीन पटाखों को जलाने की अनुमति सिर्फ उन्हीं शहरों में दी गई है, जहां हवा की गुणवत्ता मध्यम या खराब है।

    बाज़ार में आप ग्रीन पटाखों को कैसे पहचान सकते हैं?

    सिर्फ SWAS, SAFAL और STAR इन तीन श्रेणियों में आने वाले पटाखों को ही खरीदें। इन्हें वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (CSIR) द्वारा विकसित किया गया है। SWAS, यानी "सुरक्षित जल रिलीज़र" में एक छोटी पानी की जेब/बूंदें होनी चाहिए, जो फटने पर भाप के रूप में निकल जाती हैं। यह हवा में भाप छोड़ कर पटाखों से निकलने वाली धूल को दबा देता है। इसमें पोटैशियम नाइट्रेट और सल्फर शामिल नहीं होते और निकलने वाले कण धूल लगभग 30 प्रतिशत तक कम हो जाते हैं।

    इसी तरह STAR, सुरक्षित थर्माइट पटाखा है, जिसमें पोटेशियम नाइट्रेट और सल्फर शामिल नहीं है, जलने पर कण कम निकलते हैं और आवाज़ की तीव्रता भी कम होती है। SAFAL, सुरक्षित न्यूनतम एल्यूमीनियम है, जिसमें एल्यूमीनियम का न्यूनतम उपयोग होता है, और इसके बजाय मैग्नीशियम का उपयोग किया जाता है। पारंपरिक पटाखों की तुलना इनके फटने पर आवाज़ कम होती है।

    ग्रीन पटाखों को जलाते समय किन बातों का ख्याल रखना चाहिए?

    एक्सपर्ट्स की सलाह है कि सड़क पर बिकने वाले पटाखों में ग्रीन पटाखे न ढूंढ़ें। इससे बेहतर है कि किसी लाइसेंस प्राप्त विक्रेता से ही खरीदें। इन पटाखों को जलाते वक्त लंबी मोमबत्ती या फिर फूलझड़ी का ही इस्तेमाल करें। साथ ही हाथों को सीधा रखें ताकि आप में और पटाखे के बीच दूरी ज़्यादा रहे। साथ ही बच्चों या बड़ों का पटाखों को जलाते वक्त जूते पहनकर रखने चाहिए। साथ ही इन्हें किसी खुली जगह पर जलाना चाहिए और भीड़भाड़ वाली जगह पर इसे जलाने से बचना चाहिए। आसपास पानी की एक बालटी भी साथ रखें। दीवाली पर लंबे, ढीले-ढाले सिंथेटिक के कपड़े न पहनें।