जानें अलग-अलग रंगों का महत्व और वो करते हैं हमारी जिंदगी को प्रभावित
विज्ञान मानता है कि रंगों का व्यक्ति के शारीरिक मानसिक और भावनात्मक स्वास्थ्य पर गहरा असर पड़ता है।इसलिए कमरे से लेकर कपड़े तक चुनते वक्त रंगों पर करें खास फोकस।
रंग व्यक्तित्व, स्वास्थ्य, स्वभाव व मनः स्थिति के बारे में बहुत कुछ बताते हैं। आज की तनाव व भागदौड़ भरी जीवनशैली में कई बार रंगों से मन को सुकून मिल जाता है। रंगों में छिपे संदेश पढ़ें और अपने दिन के लिए चुनें कोई खास रंग।
विज्ञान मानता है कि रंगों का व्यक्ति के शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक स्वास्थ्य पर गहरा असर पड़ता है। गहरे रंग जोश, ऊर्जा और सकारात्मकता प्रदान करते हैं तो हल्के रंग शांत करने का काम करते हैं। तो ये कहना गलत नहीं होगा कि रंग आपकी पर्सनैलिटी को भी दर्शाने का काम करते हैं। जानें रंगों के इस करिश्माई प्रभाव के बारे में।
नीला रंग
शांत-सौम्य नीले रंग में दबाव मुक्त करने का चमत्कारिक गुण है। यह आंखों को सुकून पहुंचाता है, बेचैनी कम करके बल्ड प्रेशर को ठीक करता है। मन में बेचैनी या घबराहट हो तो नीले के न्यूट्रल या सॉफ्ट शेड्स पहनें या इस्तेमाल करें, फिर इनका प्रभाव देखें।
हरा रंग
हरा यानि सृष्टि का रंग। कलर पैलेट के सबसे खूबसूरत रंगों में से एक है। बेज ग्रीन और पेल येलो ग्रीन इस कैटेगरी के सबसे बेहतरीन रंग हैं, जो तनाव को दूर करने में कारगर हैं।
बैंगनी रंग
बैंगनी रंग ज्ञान, शांति, संतुलन व मजबूती का प्रतीक है। हड्डियों के विकास के अलावा शरीर में पोटैशियम और सोडियम को संतुलित करता है। रिसर्च बताती है कि वॉयलेट लाइट में ध्यान केंद्रित करने से इसका दस गुना बेहतर प्रभाव पड़ता है।
पीला रंग
पीला रंग जोश, ऊर्जा एवं उत्साह का प्रतीक है। चुस्ती-फुर्ती चाहते हैं तो अपनी टेबल पर पीले फूल रखें। किचन में इसका प्रयोग करें, क्योंकि हर स्त्री का एक्टिव हिस्सा यहीं बीतता है।
सफेद रंग
सफेद से पवित्रता, स्पष्टता, पारदर्शिता व ताजगी का बोध होता है। यह इंटीरियर का बेस कलर है। माना जाता है कि प्रेग्नेंट स्त्री सफेद पेंट वाले कमरे में सोए तो शिशु पर अच्छा प्रभाव पड़ता है।