Christmas 2022: वर्षों पहले बैन था क्रिसमस सेलिब्रेशन, जानें इस दिन के इतिहास से जुड़ी दिलचस्प बातें
दुनियाभर में आज क्रिसमस मनाया जा रहा है। इन खास मौके पर लोग अलग-अलग तरीके से जश्न मना रहे हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि एक समय ऐसा भी था जब इस त्योहार को मनाया पाप माना जाता था। जानते हैं क्रिसमस के दिलचस्प इतिहास के बारे में-
नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Christmas 2022: पूरी दुनिया में आज क्रिसमस मनाया जा रहा है। देश-विदेश में काफी उत्साह के साथ इस त्योहार को मनाया जाता है। क्रिसमस को कई लोग बड़े दिन के नाम से भी जानते हैं। साल का आखिरी बड़ा त्योहार होने की वजह से लोग इसे काफी उत्साह के साथ सेलिब्रेट करते हैं। वहीं, क्रिसमस के आते ही नए सल का जश्न भी शुरू हो जाता है। इन दिनों हर कोई काफी धूमधाम से इस दिन को सेलिब्रेट करता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि एक समय ऐसा भी था, जब क्रिसमस मनाने की मनाही थी और इसका जश्न मनाना पाप माना जाता था। यह सुनकर अगर आप हैरान हो गए हैं, तो आज क्रिसमस के मौके पर बात करेंगे इस दिन के चौंका देने वाले इतिहास के बारे में-
1640 के दशक में बैन था क्रिसमस सेलिब्रेशन
प्यूरिस्ट और प्रोटेस्टेंट ईसाई का ऐसा मानना था कि धार्मिक व्यक्ति को किसी भी तरह का उत्सव नहीं मनाना चाहिए। इतना ही नहीं यह लोग ऐसा भी मानते थे कि जश्न मनाना एक पाप है। ऐसे में अपनी इस मान्यता के चलते 1640 के आसपास ब्रिटेन से पारित हुए एक आदेश के जरिए क्रिसमस पर रोक लगा दी गई। इस आदेश का असर अमेरिका के अलावा उन देशों में भी देखने के मिला, जो ब्रिटेन के उपनिवेश थे। क्रिसमस पर लगे इस बैन के तहत नाचना, क्रिसमस से जुड़े नाटक करना, खेल खेलना, क्रिसमस कैरल्स गाना, खुशी मनाना और ड्रिंक करना आदि पर पाबंदी थी।
ब्रिटेन के राजा बने चार्ल्स ने हटाया प्रतिबंध
इतना ही नहीं उस दौरान क्रिसमस ट्री लगाना और इसे सजाना भी बुरा माना जाता है। साथ ही पाई और पुडिंग जैसी डिशेज बनाना भी गुनाह माना जाता था। यही नहीं उस समय क्रिसमस के मौके पर काम करना और दुकानें खोलना भी जरूरी था। कुछ साल तक चले इस प्रतिबंध को बाद में साल 1660 में ब्रिटेन के राजा बने चार्ल्स ने हटाया था। हालांकि, इसके बाद भी उपनिवेश और कट्टर ईसाई संगठनों ने 1870 तक क्रिसमस से दूरी बनाए रखी। बता दें कि चार्ल्स बिट्रेन के वही राजा हैं, जिन्हें पुर्तगाल की राजकुमारी कैथरीन ओ ब्रेगेंजा से शादी के बाद दहेज में बंबई शहर भी मिला था।
इस दिन आता है ईसा मसीह का सही जन्मदिन
यूं तो पूरी दुनिया में 25 दिसंबर को ही क्रिसमस का त्योहार मनाया जाता है, लेकिन कुछ देश ऐसे भी हैं, जहां 25 दिसंबर को नहीं, बल्कि जनवरी के महीने में क्रिसमस मनाया जाता है। रूस और आर्मेनिया जैसे कुछ देश हर साल 7 जनवरी को यह त्योहार सेलिब्रेट करते हैं। इसके पीछे की मुख्य वजह कैलेंडर की गड़बड़ी है। दरअसल, जिन देशों में जूलियस सीजर के नाम पर प्रचलित जूलियन कैलेंडर चलता था, उसमें और ग्रैगोरियन कैलेंडर में कुछ दिनों का अंतर था। लेकिन अब पूरी दुनिया में ग्रैगेरियन कैलेंडर ही चलता है, ऐसे में ईसा मसीह का सही जन्मदिन 7 जनवरी ही माना जाता है।
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