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    China Mars mission:कोविड -19 संक्रमण के बीच 'मिशन मंगल' की तैयारी में जुटा चीन

    By Shilpa SrivastavaEdited By:
    Updated: Fri, 17 Jul 2020 06:23 PM (IST)

    China Mars mission ‘ तियानवेन-1’ नाम से चीन का यह मंगल अभियान ‘लाल ग्रह’ (मंगल) के लिये आगामी तीन अभियानों में एक है। जिनमें एक अमेरिका का और एक (यूएई) का मिशन है।

    China Mars mission:कोविड -19 संक्रमण के बीच 'मिशन मंगल' की तैयारी में जुटा चीन

    नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। दुनिया को कोरोनावायरस महामारी में उलझा कर रखने वाला चीन मंगल ग्रह पर अपना अभियान भेजने की तैयारियों में जुटा है। जबकि कोरोना संक्रमण के कारण यूरोप और रूस ने मंगल पर इस साल की गर्मियों में रोवर भेजने की अपनी योजनाएं स्थगित कर दी है, लेकिन चीन ने अपने प्रथम मंगल अभियान के तहत एक ‘रोवर’ भेजने की तैयारियों को शुरू कर दिया है। इसके लिये ‘लॉंग मार्च-5 रॉकेट’ को प्रक्षेपण स्थल पर ले जाया गया है।

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    ‘ तियानवेन-1’ नाम से चीन का यह मंगल अभियान ‘लाल ग्रह’ (मंगल) के लिये आगामी तीन अभियानों में एक है। जिनमें एक अमेरिका का और एक संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) का मिशन है।

    लॉंग मार्च-5 रॉकेट चीन का सर्वाधिक भार वाहक प्रक्षेपण यान है और इसका तीन बार प्रयोग किया जा चुका है, लेकिन इसपर कभी पैलोड नहीं था। चीन का प्रथम मंगल अभियान बताये जा रहे ‘तियानवेन-1’ का उद्देश्य वैज्ञानिक आंकड़े जुटाने के लिये लाल ग्रह पर एक रोवर उतारना है।

    चीनी राष्ट्रीय अंतरिक्ष प्रशासन के हवाले से सरकारी मीडिया द्वारा जारी खबरों के मुताबिक रॉकेट जुलाई या अगस्त के अंत में हैनान प्रांत के दक्षिणी द्वीप में स्थित वेंचांग अंतरिक्ष प्रक्षेपण केंद्र से प्रक्षेपित किया जाएगा। चीन के इस अभियान को उसके अंतरिक्ष कार्यक्रम में सर्वाधिक महत्वाकांक्षी माना जा रहा है।

    अमेरिका कार से भी बड़े आकार का रोवर भेज रहा है, जिसका नाम ‘परजरवेंस’ है। यह वहां की चट्टानों के नमूने एकत्र कर विश्लेषण के लिये करीब एक दशक में धरती पर लाएगा। इसका प्रक्षेपण 30 जुलाई से 15 अगस्त के बीच होने का कार्यक्रम है।

    वहीं, संयुक्त अरब अमीरात का अमाल या ‘‘होप’’नाम का अंतरिक्ष यान एक आर्बिटर है जिसे यूनिवर्सिटी ऑफ कोलेरैडो बोल्डर की साझेदारी से बनाया गया है और इसे सोमवार को जापान से प्रक्षेपित किये जाने का कार्यक्रम है। यह अरब जगत का पहला अंतर ग्रहीय अभियान होगा।

    उल्लेखनीय है कि अभी तक अमेरिका ही एकमात्र ऐसा देश है जिसने मंगल पर सफलतापूर्वक अंतरिक्ष यान उतारा है और उसने यह कमाल आठ बार किया। नासा के दो लैंडर वहां संचालित हो रहे हैं, ‘इनसाइट’ और ‘क्यूरियोसिटी’। छह अन्य अंतरिक्ष यान मंगल की कक्षा से लाल ग्रह की तस्वीरें ले रहे हैं, जिनमें अमेरिका से तीन, यूरोपीय देशों से दो और भारत से एक है। मंगल ग्रह के लिये चीन ने अंतिम प्रयास रूस के सहयोग से किया था, जो 2011 में नाकाम रहा था। 

                    Written By Shahina Noor