बैल कोल्हू सरसों का तेल और नरिश रिफाइंड बनाने के लिए आधुनिक प्रक्रिया अपनाती है ये कंपनी
बैल कोल्हू (Bail Kolhu) सरसों का तेल और रिफाइंड तेल बनाने के लिए आधुनिकतम प्रकिया को अपनाया जाता है।
नई दिल्ली, जेएनएन। वर्तमान में लोग अपनी सेहत को लेकर बेहद सजग हो गए हैं। उनकी सतर्कता न केवल एक्सरसाइज में, बल्कि खाने की मात्रा और उसकी क्वालिटी पर भी देखने को मिल जाती है। बहुत से ऐसे लोग हैं, जो बाजार से कोई भी खाद्य उत्पाद खरीदने से पहले उसकी पोषण संबंधी जानकारी लेना नहीं भूलते। बात जब खाद्य उत्पादों की हो रही है, तो खाने के तेल पर अपनी जानकारी को दुरुस्त करना बहुत जरूरी है। खासकर, रिफाइंड तेल के बारे में आपको जानना चाहिए कि यह कैसे बनता है और इसे बनाने में कितनी मेहनत लगती है।
लंबी प्रक्रिया के बाद रिफाइंड होता है तेल
विशेषज्ञों के मुताबिक सोयाबिन या फिर सूरजमुखी के तेल को आप सीधे नहीं खा सकते। इसके लिए इन्हें रिफाइंड किया जाता है ताकि तेल में मौजूद गंध समेत अन्य अवयवों को दूर किया जा सके। वैसे रिफाइंड तेल को लेकर कई तरह की गलत धारणाएं भी फैलाई जाती हैं, जैसे इसे खाने से कई बड़े रोग हो सकते हैं, जबकि ऐसा नहीं है। फूड एक्सपर्ट के अनुसार यहां रिफाइंड का मतलब उसके फिजिकल रूप को बदलना है, अर्थात तेल से अपमिश्रित अवयव, गंध और रंग को निकाला जाता है। इसे निकालने के लिए तीन तरह की प्रक्रिया को अपनाया जाता है, जिसे न्यूट्रलाइजेशन, ब्लीचिंग व डियोडोरइजेशन प्रकिया कहा जाता है। रिफाइंड तेल बनाने की यह प्रक्रिया काफी रिसर्च के बाद तैयार की गई है और ये सरकार द्वारा स्वीकृत है।
मानक पर खरे उतरते हैं तेल
तेल को बनाने में उत्तम प्रक्रिया का इस्तेमाल करने के मामले में उत्तर प्रदेश की बी. एल. एग्रो (B L Agro Industries Ltd) कंपनी सबसे आगे मानी जाती है। इस कंपनी के बैल कोल्हू (Bail Kolhu) सरसों का तेल और रिफाइंड तेल बनाने के लिए आधुनिकतम प्रकिया को अपनाया जाता है। यहां बनाए जाने वाले बैल कोल्हू (Bail Kolhu) सरसों का तेल और रिफाइंड तेल न केवल हाइजीन होते हैं, बल्कि सभी मानकों पर खरे भी उतरते हैं। बता दें कि बी. एल. एग्रो (B L Agro Industries Ltd) कंपनी के बैल कोल्हू (Bail Kolhu) ब्रांड के नाम से सरसों का तेल और ‘नरिश’ नाम से कई तरह के रिफाइंड तेल बाजार में उपलब्ध है। इसमें सूरजमुखी का तेल, कैनोला का तेल और सोयाबीन का तेल शामिल है। कंपनी शुद्धता और गुणवत्ता का पूरा ख्याल रखती है।
जांच के बाद होती है पैकेजिंग
बात रिफाइंड तेल की करें तो तेल के साथ गम्स, वैक्स तथा फैटी एसिड आ जाते हैं, इसलिए लैब में सभी तरह की जांच के बाद ही रिफाइंड तेल को पैकजिंग के लिए फाइनल रूप दिया जाता है तथा इसमें विटामिन मिश्रित करके शत प्रतिशत शुद्ध रूप में आपके घर तक पहुंचाते हैं। रिफाइनरी क्षमता को लेकर बी. एल. एग्रो (B L Agro Industries Ltd) कितनी बड़ी कंपनी है इसका अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि वर्तमान में इसकी रिफाइनरी क्षमता 700 टन प्रतिदिन है। इनका कच्ची घानी सरसों का तेल न सिर्फ उत्तर प्रदेश में बल्कि पूरे भारत में प्रसिद्ध है। बाजार में ये तेल बैल कोल्हू (Bail Kolhu) ब्रांड के नाम से उपलब्ध है।
विशेषज्ञ भी दे रहे सलाह
खुद को सेहतमंद रखना हर व्यक्ति की सबसे बड़ी प्राथमिकता होनी चाहिए। खासकर, खाने-पीने की चीजों पर सावधानी बरतनी बहुत जरूरी है। अगर कोई तेल सोल्वेन्ट विधि से निकाला गया है, तो उसे रिफाइन करके ही बेचा जा सकता है। बाजार में कई तरह के रिफाइंड तेल मौजूद हैं जो हेल्दी और पौष्टिक होने का दावा करते हैं, लेकिन यह आपकी समझ पर निर्भर करता है, कि आप किस तेल को अपनी सेहत के लिए बेहतर मानते हैं और किसे नहीं। इसलिए बाजार से कोई भी तेल लेने से पहले उसकी अच्छी तरह से जांच पड़ताल कर लें।
फिट रहने के लिए व्यायाम भी जरूरी
विशेषज्ञों के मुताबिक यदि आप खुद को फिट रखना चाहते हैं तो व्यायाम के साथ-साथ अपने आहार पर जरूर ध्यान दें। आहार सीधे हमारे स्वास्थ्य से जुड़े हुए होते हैं। हमें क्या खाना है और क्या नहीं, इस बात की जानकारी अवश्य होनी चाहिए। क्योंकि इससे हमारे शरीर को न केवल विटामिन्स और मिनरल्स मिलता हैं, बल्कि कई अन्य पोषक तत्व भी प्राप्त होता है। साथ ही, सही आहार से आपके शरीर का अंग भी स्वस्थ रहता है और आप बीमारियों से दूर रहते हैं। इसलिए बाजार से आप जो भी खरीदें उसकी शुद्धता, गुणवत्ता और पौष्टिकता पर जरूर ध्यान दें।
ये आर्टिकल BL Agro के साथ पार्टनर कॉन्टेंट का हिस्सा है ।
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