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    महाराज को मात करती महफिलें, अब विवाह मंडप पर वाकई नजर आते हैं जन्नत के नजारे

    By Aarti TiwariEdited By:
    Updated: Sat, 19 Nov 2022 06:35 PM (IST)

    विवाह एक पवित्र संस्कार और आजीवन याद रखा जाने वाला आयोजन भी। चकित कर देने वाली भव्यता और चकाचौंध अब इसकी पहचान है। विवाह मंडप रूपी मंच पर परीकथा सी परिकल्पना को साकार करने के लिए करोड़ों रुपए खर्च हो गए तो क्या खुशियों से कोई समझौता मंजूर नहीं यहां।

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    कोरोना काल के बाद बदल गए हैं विवाह समारोह के मिजाज

    सीमा झा।

    पम्मी आंटी इन दिनों किट्टी पार्टी में नियमित शामिल नही हो पातीं। वह अपने वाट्सएप ग्रुप में सबसे माफी मांगते हुए शापिंग में व्यस्त हैं। जिंदगी के हर पल को जी लेना उनका जीवन दर्शन है। अगले माह भतीजी अराध्या की शादी में भी अपने इस फलसफे को पूरी तरह जीना चाहती हैं। इस शादी में विदेश से भी कई मेहमान आने वाले हैं। उनका स्वागत तो सबसे बेहतर चुने गए वेडिंग प्लानर का सिरदर्द है, लेकिन भतीजी की शादी पहले कभी न देखा-सुना जाने वाला आयोजन बन पाएगी? असली सवाल यही है!

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    तो यह है बिग फैट वेडिंग

    कैसिनो थीम, विंटेज थीम, राजसी राजपूताना अंदाज वाली थीम हो या बोहेमियन, सूफी थीम... ऐसी ही अनेक इनोवेटिव थीम से सजे विशाल प्रांगण, आलीशान भव्य मंडप, महलनुमा बाग, शाही शान दर्शाते पारंपरिक-आधुनिक परिधानों में सजे दूल्हा-दुल्हन के साथ झूमते ढेरों मेहमान। कहीं दुल्हन की एंट्री क्रेन से कराई जा रही है तो कहीं पुल पर शाही अंदाज में रिंग सेरेमनी, मेहंदी और हल्दी की रस्म निभाई जा रही है। ये कुछ दृश्य हैं बिग फैट वेडिंग यानी किसी भी भारी-भरकम बजट वाली शादी के। भारत में विवाह एक बड़ा व्यवसाय बन चुका है तो इसमें उच्च आयवर्गीय भारतीय परिवारों में संपन्न होने वाले इन शाही विवाह समारोहों का भी बड़ा योगदान है। बिग फैट वेडिंग को आम विवाह से अलग करते हैं तो बस इसमें होने वाले अथाह खर्चे। यह खर्च लाखों से शुरू होकर करोड़ों रुपये तक में हो सकता है। आमतौर पर लोग चार प्रकार से ऐसे विवाह समारोह आयोजित करते हैं- रिंग सेरेमनी, मेहंदी-हल्दी, संगीत और विवाह समारोह। हर दिन का अलग बजट होता है। हर रस्म की अलग थीम और हर थीम की अलग कीमत। कुछ लोग तो एक वेन्यू पर सारे रस्म नहीं करते बल्कि अलग अलग वेन्यू पर संपन्न होती है विवाह की रस्में। भारत की जानी-मानी वेडिंग प्लानर गुंजन बंसल कहती हैं, ‘बिना प्रभावी योजना के किसी भी विवाह को संपन्न नहीं किया जा सकता, पर बिग फैट वेंडिंग में पूरी योजना ही पैसे पर केंद्रित होती है। मुहूर्त तय होने के बाद आमंत्रण कार्ड भेजने से लेकर हनीमून पर होने वाले खर्चों में कोई समझौता नहीं होता। यह पूरी तरह पर्सनलाइज्ड यानी अपनी रुचि के अनुसार तय होता है।’

    बात न कीजिए खर्च की

    एक शानदार मंडप रूपी मंच पर वेडिंग प्लानर बेहद खूबसूरती से कल्पना को साकार करता है। महज वरमाला पर दो से पांच लाख रुपये तक खर्च कर सकते हैं लोग। मशहूर सेलिब्रिटी ब्यूटी एक्सपर्ट मंजरी सिंह कहती हैं, ‘खर्च की बात करना यहां खुशी में खलल डालता है। बस जो सपना देखा है वह पूरा होना चाहिए।’ मेकओवर आर्टिस्ट और ब्राइडल एक्सपर्ट प्रीति रंजन कहती हैं, ‘हमें लग सकता है कि इतना पैसा बेकार खर्च हो रहा है पर यह हमारा-आपका नजरिया भी हो सकता है। ऐसे विवाह समारोह के आयोजकों के लिए तो यह जीवन में एक बार पूरा होने वाला सपना है। इसलिए इसे यादगार बनाने के लिए पैसा खर्च करना उनकी अपनी पसंद है।’

    बस आज जी लें जिंदगी

    याद कीजिए कोरोना का वह दौर, जब जिंदगी पर अचानक ब्रेक लग गया। एक अंधेरी सुरंग में बंद घुटन महसूस कर रहे थे लोग। एक दिन लाकडाउन खुला और जिंदगी को पटरी पर लाने की जद्दोजहद शुरू हो गयी। अनुमान था कि अब लोग बचत की ओर बढ़ेंगे। खर्च को लेकर समझ बढ़ेगी। घूमने-फिरने और शादियों में होने वाले बेहिसाब खर्चे पर लगाम लगेगा। पर हुआ इसका उल्टा। लोग अब घूमने-फिरने और शादियों में पहले से अधिक खर्च करने लगे हैं। जाने-माने वेडिंग प्लानर और पीएनएम कंपनी के सीईओ पवन चावला कहते हैं, ‘हमें लगा था कि कोरोना के बाद शादी का बिजनेस कमजोर पड़ जाएगा। महंगाई बढ़ने से खर्च बढ़े हैं तो लोग अब उतना खर्च नहीं करेंगे, जितना कोविड से पहले करते थे, लेकिन हर अनुमान गलत साबित हो रहा है। जिंदगी को भरपूर जीने की ख्वाहिश ऐसी है कि अब लोगों को बजट की परवाह नहीं, बेहिसाब खर्च से उन्हें कोई मलाल नहीं। ऐसा लगता है लोगों ने कसम खा ली है कि मौत का पता नहीं कब आ जाए, तो आज जिंदगी जी लें।’

    हर हसरत पूरी होगी

    पवन चावला बताते हैं, ‘अब औसतन हर चीज पर 30 प्रतिशत का खर्च बढ़ गया है। सजावट, वेन्यू बुकिंग, बरात, घोड़ी, कार, कैटरिंग, आर्टिस्ट, मेकअप, परिवहन आदि... यह समझिए कि हर चीज पर फर्क आया है। दूल्हे की एंट्री की बात करें तो यदि दूल्हा घोड़ी पर आए तो अलग खर्च और विंटेज कार पर आता है तो इसमें अलग खर्च आता है। कुछ चीजों पर तो 50 प्रतिशत तक खर्च बढ़ गए हैं।’ देश की जानी-मानी वेडिंग प्लानर गुंजन बंसल के मुताबिक, ‘सजावट में मंडप, लाइट, ड्रेप्स, बेंच, टेबल, फूलों के प्रबंधन में एक दिन में लाखों रुपये के खर्च का बजट है। सजावट में यदि असली फूल ज्यादा रखेंगे तो कीमत और बढ़ेगी।’ पवन चावला के मुताबिक, ‘इन दिनों लोग मनोरंजन पर अथाह खर्च कर देते हैं। बड़े आर्टिस्ट कुछ मिनटों के लिए 20-30 लाख रुपये तक लेते हैं। इसके अलावा, फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी पर भी अच्छी-खासी रकम खर्च होती है। इसके बाद आपको दूल्हा-दुल्हन का मेकअप, कास्ट्यूम पर आने वाला खर्च भी देखना होता है। हां, इन सबकी व्यवस्था करने वाले वेडिंग प्लानर की फीस भी अभी देना बाकी होता है। शादी के लिए सबसे अहम पंडित जी भी बजट की मुख्य कड़ी होते हैं। यहां भी खर्च का ब्यौरा रोचक है। पंडित यदि काशी से आते हैं तो खर्च अलग होगा। यह तकरीबन दो लाख है और इसमें उनके आने-जाने का खर्च अलग से है। इसी तरह प्रयागराज, तंजावुर (दक्षिण भारत) से बुलाना चाहते हैं तो अलग से खर्चा देना होता है।

    गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं

    इस मेगा बजट वाली शादी का खर्च क्लाइंट के चुनाव पर निर्भर होता है। मेकअप आर्टिस्ट मंजरी सिंह के साथ वेडिंग प्लानर गुंजन बंसल भी यही मानती हैं। गुंजन कहती हैं, ‘हमारी सर्विस क्लाइंट की मांग के मुताबिक ही होती है। कुछ लोग बस मैनेजमेंट पार्ट संभालने के लिए बोलते हैं पर हमारे लिए यह ज्यादा कठिन काम होता है, इसलिए अक्सर इसे खारिज कर देते हैं।’ गुंजन मानती हैं कि पैसे के बारे में पहले से पता होता है कि इतना अमूमन खर्च करना है तो वेंडर के साथ ठीक तरीके से प्रबंधन हो पाता है। साथ ही, भारी-भरकम बजट के विवाह में क्वालिटी कंट्रोल यानी सारी व्यवस्था उच्च कोटि की हो, इसे भी अच्छी तरह से देखना संभव हो पाता है। क्लाइंट भी तो यही चाहते हैं कि गुणवत्ता से किसी कीमत पर समझौता नहीं हो। होटल व्यवसायी स्नेहा अग्रवाल कहती हैं, ‘इस साल तो हर चीज पर रेट बढ़ा है। अच्छी गुणवत्ता मिले, इसलिए अगले साल जुलाई तक की बुकिंग अभी से हो चुकी हैं।’

    जैसा डेस्टिनेशन, वैसा बजट

    एक खास जगह जाकर विवाह समारोह आयोजन यानी वेन्यू का चयन भी इस मेगा बजट का हिस्सा होता है। दिल्ली एनसीआर में ऐसे कई वेन्यू हैं, जहां करोड़ों रुपये बजट वाले ऐसे आलीशान विवाह आयोजन संपन्न होते हैं। गुंजन बंसल बताती हैं, ‘जो व्यक्ति ज्यादा पैसा खर्च करना चाहते हैं, वे आसपास के देश चले जाते हैं। वहीं जो देश में ही शाही अंदाज में शादी करना चाहते है, वे किसी पैलेस या फोर्ट में शादी करते हैं। उनकी पसंद में उदयपुर, जयपुर, गोवा, केरल आदि डेस्टिनेशन आते हैं। पर शाही अंदाज में विवाह का यही खर्च करोड़ों रुपये तक जाता है।’

    इंस्टा पर छाने का जुनून

    दो तीन दिन के उत्सव में जमकर खर्च करते हैं लोग। इसमें एक खास मकसद होता है कि विवाह की तस्वीरें इंटरनेट मीडिया पर छा जाएं। कम से कम इंस्टाग्राम पर तो जरूर नजर आएं। यह समारोह पूरे परिवार का एक तरह से उत्सव के साथ छुट्टियां मनाने का अवसर भी होता है। गुंजन बंसल बताती हैं कि लोग इतना खर्च करते हैं मगर चुनिंदा मेहमानों को बुलाते हैं ताकि भीड़ कम हो। अच्छी तस्वीरें आएं। हर तरफ विवाह समारोह की तस्वीरें छा जाएं और इंस्टा पर प्रशंसकों की बाढ़ आ जाए। मंजरी कहती हैं, ‘इंस्टा रील बनाकर फैंस को इंप्रेस नहीं किया तो कैसा सेलिब्रेशन! हर अवसर, हर रस्म को लेकर सजग रहते हैं लोग ताकि इंस्टाग्राम पर तस्वीरें शानदार आएं। यह एक जुनून है जो लोगों को जमकर नचाता है, हंसाता है, खुशी से पागल बना डालता है।’

    लाइक के लिए सब राजी

    मंजरी सिंह एक सेलिब्रिटी मेकअप आर्टिस्ट हैं। बालीवुड की जानी-मानी अभिनेत्रियों, अभिनेताओं के साथ उनकी तस्वीरें इंटरनेट मीडिया पर उनकी लोकप्रियता की कहानी कहती हैं। वह कई सेलिब्रिटी व इंटरनेशनल वेडिंग प्लानर के साथ जुड़ी हैं। मंजरी बताती हैं, ‘ऐसे विवाह समारोह की सबसे पहली प्राथमिकता ‘लाइक’ हासिल करना होता है। खूबसूरत सेट, बेहतरीन मेहमाननवाजी, शानदार उपहार व दूल्हा-दुल्हन के साथ-साथ पूरा परिवार कैसा दिख रहा है, उन सबमें ‘लाइक’ का ठप्पा मिल जाए, तो समझिए आयोजन सफल है।’ जहां तक मेकअप आदि पर खर्चे की बात है तो वह कहती हैं, ‘इस मेगा इवेंट में मेकअप आर्टिस्ट एक से तीन लाख रुपये तक की डिमांड कर सकते हैं, पर यह डिमांड लुक के हिसाब से है, यानी मेहंदी, संगीत, हल्दी और विवाह पर अलग-अलग फीस।’ मंजरी बताती हैं, ‘आउटफिट, विवाह की थीम, रंग संयोजन को देखते हुए मेकअप किया जाता है। काकटेल के लिए अलग, मेहंदी के लिए अलग रंग और थीम के साथ अलग।’ क्या सौंदर्य प्रसाधनों के मूल्य बढ़ने का असर हुआ है? इस पर मेकओवर आर्टिस्ट और ब्राइडल एक्सपर्ट प्रीति रंजन कहती हैं, ‘हां बेशक। इस हिसाब से ही मेकअप के दाम बढ़े हैं। हालांकि इसका क्लाइंट पर कोई असर नहीं है। लोग उन्हें कह दें कि वाह आपके यहां विवाह में आनंद आ गया! फिर तो सारी चिंता वहीं खत्म हो जाती है।’

    मोलभाव करने का अवसर

    कोविड के बाद चीजें काफी बदली हैं। लोग खर्च तो कर ही रहे हैं, पर जो लोग पैसे को लेकर थोड़े सजग हैं, वे गुड डील की तलाश भी कर रहे हैं। कई होटल रहने-खाने के खर्चे पर बढ़िया आफर देते हैं। ऐसा देश और विदेश दोनों जगह के होटल कर रहे हैं। इससे क्लाइंट को डील करने में विकल्प मिलने लगे हैं। वे अब बार्गेनिंग यानी मोलभाव कर सकते हैं।

    गुंजन बंसल, वेडिंग प्लानर

    भावना के आगे भाव फीके

    चीजों के दाम बढ़ रहे हैं फिर भी लोग विवाह के लिए खर्च में कतई कोताही नहीं बरतते। दरअसल, विवाह भावना से जुड़ी चीज है। इसमें ‘भाव’ यानी कीमत नहीं देखते लोग। अभी पिछले दिनों ही मैंने देखा कि जहां पहले से ही हमारे यहां मेन्यू में चार-पांच मिठाइयां है, लोग तमाम महंगाई के बाद भी दो और जोड़ देने की मांग कर रहे हैं।

    स्नेहा अग्रवाल, होटल व्यवसायी

    बदल रहा है ट्रेंड

    अभी हाल ही में मैंने पांच करोड़ की शादी का कांट्रैक्ट लिया है। कुछ लोग ऐसे भी हैं जो इतना नहीं दे सकते, पर कहते हैं मैंने फलां जगह ऐसा देखा था तो ऐसे हुआ। हमारा उनसे तो बढ़िया आयोजन होना चाहिए। दूसरों से बड़ा दिखने व करने की यह चाहत एक जुनून बन चुकी है। अपने बजट से ज्यादा खर्च पर जोर दे रहे हैं लोग।

    पवन चावला, सीईओ, पीएनएम

    ’ सभी फोटो: स्वयं

    हनीमून बने खूबसूरत याद

    दो साल पहले जिस फाइव स्टार होटल का किराया 15 हजार रुपये प्रति दिन/प्रति रूम के हिसाब से था, अब वह 22 हजार रुपये में मिल रहा है पर लोग बुक कर रहे हैं। लगभग हर जगह यही हाल है। कनाडा में वीजा के लिए 28 लाख फाइलें लगी हुई हैं। एक खूबसूरत याद बनाने के लिए लोग मालदीव में चार दिन के लिए पांच लाख रुपये तक खर्च कर रहे हैं।

    सुमित दुग्गल, टूर एंड ट्रैवल एक्सपर्ट

    दिल्ली व जयपुर में दो करोड़ रुपये व उदयपुर में तीन-चार करोड़ रुपये तक है डेस्टिनेशन वेडिंग का औसत।

    20 प्रतिशत महिलाएं विवाह में 10 से 20 लाख रुपये खर्च करना चाहती हैं और लगभग 12 प्रतिशत पुरुष भी इसके समान बजट का विवाह खर्च चाहते हैं। छह प्रतिशत महिलाएं इससे दोगुना यानी 40 लाख रुपये तक खर्च करने के पक्ष में हैं।

    (मेट्रिमोनी डाट काम के सर्वे के अनुसार)

    डेकोर में अमूमन बजट का 10 प्रतिशत खर्च होता है। पांच करोड़ रुपये के बजट में शादी कर रहे हैं तो इसमें दो करोड़ रुपये वेन्यू में, फूल में 40 लाख रुपये, थीम के रंग में 10 लाख रुपये तक का खर्च आ सकता हैं। इस तरह के बजट में भोजन पर 80 लाख रुपये तक खर्च आ सकता है।

    डीजे, कोरियोग्राफर, आर्टिस्ट आदि पर भी 10 से 15 प्रतिशत राशि खर्च होती है।

    यदि बजट 10 करोड़ रुपये का है तो पहनावे पर लाखों और मेकअप पर छह से 15 लाख रुपये तक खर्च हो रहा है।

    शादी के लिए होटल के किराए में 30 से 50 प्रतिशत तक वृद्धि हुई है।