धोखा खाकर बदल चुका है अपारशक्ति खुराना का मिजाज, दहशत फैलाने को हुए तैयार
‘स्त्री’ तथा ‘पति पत्नी और वो’ के अभिनेता अपारशक्ति खुराना अभी तक चुलबुले और कामिक किरदारों में नजर आए। हालिया रिलीज फिल्म ‘धोखा राउंड द कार्नर’ में आतंकवादी हक गुल की भूमिका में उनका अंदाज पहले से काफी बदला है।

दीपेश पांडेय
हालिया रिलीज फिल्म ‘धोखा: राउंड द कार्नर’ में अपारशक्ति खुराना ने पहली बार नकारात्मक भूमिका निभाई है। अब तक वे ‘स्त्री’ तथा ‘पति पत्नी और वो’ में चुलबुले और कामिक किरदारों में नजर आ चुके हैं। इस बारे में वह कहते हैं, ‘वैसे तो ये पहले ही हो जाना चाहिए था, लेकिन अब तक मैंने जो भी किया उसका मुझे कोई पछतावा नहीं है। इसके दो कारण हैं। पहला, मैं किसी कामेडी स्क्रिप्ट को सिर्फ इसलिए इन्कार करके अनादर नहीं करना चाहता था कि मैं कुछ अलग करना चाहता हूं। कभी उस चीज का अनादर नहीं करना चाहिए, जिसके लिए दर्शकों ने आपको प्यार दिया है। दूसरी बात, हमारी इंडस्ट्री खुद ही कलाकारों को टाइपकास्ट कर देती है। कहीं न कहीं हमारे अपने ही लोग इस बात पर भरोसा नहीं करते हैं कि यह इंसान कुछ अलग भी कर सकता है। ऐसा सभी के साथ कभी न कभी होता है। ऐसे मौके पर खुद पर भरोसा और धैर्य रखना व अपनी कला को संवारना होता है। तो जब मुझे इस फिल्म का आफर आया, तो मैंने दिल खोलकर इसका स्वागत किया।’
इस फिल्म से जुड़ने को लेकर वे कहते हैं, ‘निर्देशक कूकी गुलाटी सर एक लाइन कहते हैं कि मुझे खुशाली (अभिनेत्री) के लिए भूषण कुमार (निर्माता) का फोन नहीं आया, बल्कि अपार के लिए आया। बतौर कलाकार उनकी यह बात मुझे संतुष्टि देती है कि देश के सबसे सफल प्रोड्यूसर से मुझे ऐसा प्यार और सम्मान मिल रहा है।’
फिल्म में कश्मीरी लहजे में बोलने के बारे में अपारशक्ति कहते हैं, ‘मैंने कूकी सर से कहा कि मैं पहली बार कोई गंभीर काम कर रहा हूं, लोगों को कुछ गलत नहीं लगना चाहिए। आपको मुझे कश्मीरी दिखाने में दिक्कतें आएंगी, क्योंकि मैं पंजाबी हूं। उसके दो दिन बाद मेरा लुक टेस्ट हुआ। सो, मैंने पहले से ही यूट्यूब की मदद से कश्मीरी लोगों की बोलचाल व अंदाज सीखना शुरू कर दिया था। जब मेरा पूरा लुक टेस्ट सही निकला, तो उसी दिन शाम को हम डायलेक्ट टीचर से मिले। उन्होंने ही मुझे अच्छी तरह से कश्मीरी लहजे में बोलना सिखाया।’
निजी जिंदगी में मिले धोखे को लेकर अपारशक्ति कहते हैं, ‘कालेज टाइम में मुझे भी प्यार में धोखा मिल चुका है। मुझे लगता है कि कहीं न कहीं ये चीजें भी जीवन में आवश्यक होती हैं। जब तक आपको धोखा या रिजेक्शन नहीं मिलेगा, आप अच्छी तरह से सीख नहीं पाएंगे। मैंने खुद को मिले धोखों से बहुत कुछ सीखा है।’
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