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    बच्चों को इस तरह सिखाएं Sharing is Caring वाली आदतें, बड़े होने पर भी हमेशा रखेंगे ख्याल

    बच्चों को बताएं कि मिल बांट कर खाना खाने से प्रेम बढ़ता है। बच्चों को सिखाएं कि जब वह मिल बांट कर खाते हैं तो उनके दोस्त बढ़ते हैं। इस तरह की छोटी-छोटी बातें बच्चों को सिखाएं जिससे उनके अंदर शेयरिंग इज केयरिंग की आदतें डेवलप होने लगें। ये आदतें एक बार बच्चों में डेवलप हो जाएं तो लंबे समय तक रहती हैं।

    By Mohammed Ammar Edited By: Mohammed Ammar Updated: Fri, 07 Feb 2025 07:00 AM (IST)
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    शेयरिंग इस केयरिंग पहले खुद से शुरू करें। ( Pic Courtesy : Freepik)

    लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। Sharing is Caring बच्चों को सिखाना चाहिए कि शेयरिंग इज केयरिंग (Sharing is Caring) की आदतें कितनी महत्वपूर्ण हैं। यह आदतें न केवल बच्चों को दूसरों के प्रति सहानुभूति और दया सिखाती हैं, बल्कि यह उन्हें बड़े होने पर भी दूसरों का ख्याल रखने की आदत में मदद करती हैं। जब बच्चें बड़े भी हो जाते हैं तो वह एक दूसरे का ख्याल रखने से नहीं चूकते। चाहे वह उनका पार्टनर हो या फिर दोस्त या कोई और वह हमेशा एक दूसरे का ख्याल रखते हैं। 

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    शेयरिंग इज केयरिंग की आदतें सिखाने के तरीके

    1. उदाहरण प्रस्तुत करें: बच्चों को दिखाएं कि आप खुद कैसे दूसरों के साथ साझा करते हैं। बच्चों को सिखाने से पहले उन्हें खुद उदाहरण दें। बच्चे बड़ो को ही देखकर सीखते हैं। जो बड़े करते हैं वहीं बच्चे सीखते हैं। इसलिए हमेशा बच्चों के सामने आप भी शेयरिंग करें जिसे देखकर बच्चे खुद प्रभावित होते हैं।

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    2. बच्चों को करें इनकरेज: बच्चों को अपने खिलौने, पुस्तकें और अन्य वस्तुएं दूसरों के साथ साझा करने के लिए प्रोत्साहित करें। उन्हें बताएं कि जब भी कोई चीज उनके पास हो तो उसे दूसरे के साथ शेयर करें। जब आप बच्चों के भीतर शेयरिंग की आदत विकसित करते हैं तो उनमें खुद केयरिंग आने लगती है। 

    3. शेयरिंग के फायदे समझाएं: बच्चों को समझाएं कि साझा करने से दूसरों को कितनी खुशी मिलती है और यह कैसे हमारे समाज को मजबूत बनाता है। आप बच्चों को बताएं कि आज उनके पास जो चीज हैं उसे वो शेयर करें अगर कल को उनके पास वो चीज नहीं होगी तो दूसरे लोग उनके साथ फिर शेयर करेंगे। समाज ऐसे ही चलता है एक दूसरे की मदद करने से। 

    4. बच्चों को मौके प्रदान करें: बच्चों को साझा करने के अवसर प्रदान करें, जैसे कि खिलौने दान करना या दूसरों के साथ खाना साझा करना। जब आपके घर में मेहमान छोटे बच्चों के साथ आएं तो बच्चों से कहें कि अपने खिलौने और अपना नाश्ता या चॉकलेट उन छोटे बच्चों के साथ शेयर करें। जब बच्चे साझा करते हैं, तो उनकी प्रशंसा करें और उन्हें बताएं कि वे कितने अच्छे हैं।

    बच्चों में ये आदतें होती हैं पैदा 

    - सहानुभूति और दया

    - सामाजिक कौशल

    - सहयोग और टीमवर्क

    - आत्मविश्वास और आत्म-सम्मान

    - दूसरों के प्रति सम्मान और समझ

    इन आदतों को सिखाने से बच्चे बड़े होने पर भी दूसरों का ख्याल रखने की आदत में मदद मिलेगी और वे एक बेहतर इंसान बनेंगे।

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