क्या होता है Year Ender... क्यों साल के आखिरी दिनों में 'रिकैप' का बढ़ जाता है क्रेज?
जैसे ही दिसंबर का महीना आता है और साल विदा होने को होता है, हमारे चारों तरफ 'ईयर एंडर' शब्द गूंजने लगता है। गूगल अपनी सबसे ज्यादा सर्च की गई लिस्ट जार ...और पढ़ें

बीते कल की यादें या आने वाले कल की तैयारी? साल के अंत में क्यों बढ़ जाती है 'Flashback' की चाहत (Image Source: AI-Generated)
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। जैसे ही कैलेंडर का आखिरी पन्ना पलटने वाला होता है, अचानक हमारे स्मार्टफोन और सोशल मीडिया हमें बताने लगते हैं कि हमने साल भर क्या किया। कहीं गूगल अपनी सर्च लिस्ट से चौंकाता है, तो कहीं स्पॉटिफाई आपके साल भर के गानों का सफर आपके सामने रख देता है। ऐसा लगता है मानो पूरा साल एक बार फिर हमारी आंखों के सामने 'रिवाइंड' हो रहा हो। आइए, इस 'ईयर एंडर' के दिलचस्प सफर को समझते हैं।

(Image Source: AI-Generated)
क्या है ईयर एंडर का असली मतलब?
सरल शब्दों में कहें तो 'ईयर एंडर' पूरे साल का एक छोटा सा लेखा-जोखा या हिसाब-किताब है। इसमें यह देखा जाता है कि पिछले 12 महीनों में हमने क्या देखा, क्या सुना, कौन सी चीजें ट्रेंड में रहीं और कौन सी यादें हमारे दिल के करीब रहीं। यह साल भर की बड़ी घटनाओं को संक्षेप में समेटने का एक तरीका है।
हजारों साल पुराना है इसका इतिहास
शायद आपको जानकर हैरानी हो, लेकिन ईयर एंडर का कॉन्सेप्ट कोई नया नहीं है। इसकी जड़ें हजारों साल पुरानी सभ्यताओं से जुड़ी हैं:
- प्राचीन सभ्यताएं: करीब 3000 BCE में मिस्र और बेबीलोन जैसी सभ्यताओं में साल भर की बड़ी घटनाओं, मौसम के बदलावों और खगोलीय रिकॉर्ड रखने की परंपरा थी।
- रोमन और ग्रीक काल: रोमन और ग्रीक सभ्यताओं में भी पूरे साल का विवरण दर्ज किया जाता था। जिसे आज हम डिजिटल लिस्ट के रूप में देखते हैं, वह वास्तव में इसी पुरानी परंपरा का आधुनिक रूप है।
पंचांग से लेकर डिजिटल दौर तक का सफर
ईयर एंडर ने समय के साथ कई रूप बदले हैं। 1500 से 1900 के बीच यह एक नए अंदाज में सामने आया:
- पंचांग और अखबार: पुराने समय में पंचांगों में सिर्फ त्योहार ही नहीं, बल्कि ग्रहों की चाल और मौसम का लेखा-जोखा भी होता था। बाद में अखबारों ने साल भर की मुख्य खबरों की 'समरी' छापना शुरू किया।
- टाइम मैगजीन की शुरुआत: साल 1929 में 'टाइम मैगजीन' ने 'Year in Review' की शुरुआत की, जिसने इसे और लोकप्रिय बना दिया।
- रेडियो और टीवी का दौर: 1950 से 1980 के बीच रेडियो और टेलीविजन पर साल के अंत में स्पेशल शो आने लगे, जहां पूरे साल की समीक्षा दिखाई जाती थी।
- सोशल मीडिया क्रांति: 2010 के बाद फेसबुक, इंस्टाग्राम और X (ट्विटर) जैसे प्लेटफॉर्म्स ने ट्रेंड्स दिखाने शुरू किए। अब यूट्यूब और स्पॉटिफाई इसे व्यक्तिगत स्तर पर ले आए हैं, जहां वे आपको बताते हैं कि आपने व्यक्तिगत रूप से साल भर क्या पसंद किया।
आखिर क्यों हमें इतना पसंद है ईयर एंडर?
लोग साल के आखिर में इन लिस्टों का बेसब्री से इंतजार करते हैं। इसके पीछे कुछ मुख्य कारण हैं:
- नॉस्टैल्जिया: बीते हुए साल की अच्छी यादों को दोबारा देखना लोगों को खुशी देता है।
- ट्रेंड की जानकारी: यह जानने की उत्सुकता रहती है कि साल भर दुनिया में क्या सबसे ज्यादा चर्चित रहा।
- क्लोजर की फीलिंग: साल खत्म होने के साथ एक तरह का 'क्लोजर' मिलता है, जिससे हमें लगता है कि हमने एक सफर पूरा कर लिया है और अब नए साल के लिए तैयार हैं।
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