बहुत ज्यादा दिखावा लोगों को बना रहा है कर्जदार, इन आदतों से आज ही कर लीजिए तौबा
वहीं बेफिजूल कामों में पैसे खर्च करना कर्जदार होने का सबसे बड़ा कारण है। कई लोग ऐसी जगह पैसे खर्च करते हैं उन्हें पैसे खर्च करने की जरूरत ही नहीं है। ऐसा करके लोग खुद को कर्जदार बना लेते हैं। वहीं कई बार देखा जाता है कि कुछ लोग हर हफ्ते वीकेंड पार्टी पर हजारो रुपये खर्च कर देते हैं।

लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। लोग अच्छा पैसा कमाने के बावजूद कर्ज की दलदल में फंस रहे हैं। ऐसा क्या हो रहा है कि पिछले कुछ सालों में लगभग हर इंसान कर्ज में जकड़ चुका है। अगर आप इन सब बातों पर गौर करें तो आपको समझ आएगा कि जो लोग कर्ज के बोझ में फंस चुके हैं वह खुद इसके जिम्मेदार भी होते हैं।
ऐसे में यह जरूरी है कि आप अपनी उन आदतों में जरूर सुधार करें जिनकी वजह से आप कर्जदार हो सकते हैं या फिर कर्जदार हो रहे हैं। अगर आपने इन बातों पर कंट्रोल कर लिया तो जाहिर है आप कर्ज की दलदल में फंसने से बच सकते हैं।
1- कमाई के हिसाब से ही खर्च करें पैसा
एक पुरानी कहावत है कि आमदनी अठन्नी और खर्चा रुपया। यह बात आज की मौजूदा स्थिति के हिसाब से बिल्कुल सटीक बैठती है। क्योंकि कई लोग कम कमाई होने के बावजूद महंगे शौक पाल लेते हैं। यह महंगे शौक उन्हें कर्ज की तरफ ले जाते हैं। अगर आपकी कमाई कम है तो आपके खर्चे अपनी कमाई के हिसाब से ही होने चाहिए। अगर आप दूसरे को देखकर खर्च करेंगे तो यकीनन आप अपने शौक पूरे करने के लिए कर्ज की चपेट में चले जाएंगे।
2- बिना जरूरत चीजों को खरीदना
कई लोगों की आदत होती है कि उनको किसी चीज की जरूरत भी नहीं होती है लेकिन वो चीज वो और किसी के पास देख लेते हैं तो उसे खरीद लेते हैं। यह आदत आपको कर्जदार बना देती है। मौजूदा समय में लोग खर्च भी एक दूसरे को देखकर करते हैं न कि अपने जरूरत के हिसाब से। यह आदत आपको कर्जदार बना देती है। आप तब तक कोई चीज न खरीदें जब तक आपको इसकी जरूरत न हो।
3- बेफिजूल कामों में पैसे खर्च करना
बेफिजूल कामों में पैसे खर्च करना कर्जदार होने का सबसे बड़ा कारण है। कई लोग ऐसी जगह पैसे खर्च करते हैं उन्हें पैसे खर्च करने की जरूरत ही नहीं है। ऐसा करके लोग खुद को कर्जदार बना लेते हैं। कई बार देखा जाता है कि कुछ लोग हर हफ्ते वीकेंड पार्टी पर हजारो रुपये खर्च कर देते हैं। इसके बाद ऐसे लोग अपनी यात्रा में बहुत पैसा खर्च कर देते हैं। जिससे उन्हें कर्जदार होना पड़ता है।
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