इन आसान तरीकों से बढ़ सकती है प्रोडक्टिविटी, छोटी-छोटी कोशिशों से दिखेगा बड़ा असर
आजकल की लाइफस्टाइल में खुद के लिए समय निकालना काफी मुश्किल हो गया है। ऐसे में काम के बोझ और अनियमित खान-पान का असर हमारी प्रोडक्टिविटी पर भी होता है। लेकिन कुछ छोटे-मोटे सुधार करके आप अपनी प्रोडक्टिविटी को बढ़ा सकते हैं। आइए जानें प्रोडक्टिविटी बढ़ाने के लिए क्या करना चाहिए।

लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। आज की तेज रफ्तार जिंदगी में फोकस और प्रोडक्टिविटी बनाए रखना किसी चुनौती से कम नहीं। लगातार डेडलाइन, काम का दबाव और नए आइडियाज लाने की होड़ में मन अक्सर बिखर जाता है।
लेकिन दुनियाभर के कई सफल सीईओ साबित करते हैं कि थोड़ी-थोड़ी नियमित कोशिशें लंबे समय में बड़ा फर्क लाती हैं। आइए जानते हैं कि वे कैसे अपने दिन को संतुलित, फोकस्ड और प्रोडक्टिव रखते हैं।
दिन की शुरुआत सही तरीके से करें
सुबह का समय सबसे प्रोडक्टिव माना जाता है। सुबह के पहले कुछ घंटे सोचने और दिनभर के लिए प्लान बनाने के लिए सबसे बेहतर होते हैं। यह रूटीन पूरे दिन के लिए एनर्जी और क्लैरिटी देता है।
वॉक करें, सोचें और जुड़ें
वॉकिंग न सिर्फ शरीर को ताजगी देती है, बल्कि मन की उलझनें भी दूर करती है और सोचने की क्षमता बढ़ाती है। इसलिए दिन में वॉक पर जाना काफी फायदेमंद होता है। काम के बीच 15 मिनट का ब्रेक लेकर बाहर वॉक पर जाना दोस्तों या सहकर्मियों से भी कनेक्ट करने का यह अच्छा मौका है।
(Picture Courtesy: Freepik)
सोशल मीडिया से दूरी बनाएं
सोशल मीडिया व्यक्ति का ध्यान भटकाता है और इसके कारण हम अपना घंटों समय बर्बाद कर देते हैं। इसलिए सोशल मीडिया से ब्रेक लेकर आप खुद को ज्यादा शांत, फोकस्ड और प्रोडक्टिव बना सकते हैं।
छोटी कोशिशों की अहमियत समझें
हर काम में परफेक्शन लाने की कोशिश के बजाय “थोड़ा-थोड़ा लेकिन रोज” का मंत्र अपनाएं। अगर एक्सरसाइज का समय नहीं मिल पा रहा, तो सिर्फ 20 मिनट की वॉक, 10 मिनट योग या बच्चों को स्कूल तक पैदल ले जाना भी काफी है। लगातार की गई छोटी कोशिशें ही बड़ी सफलता का आधार होती हैं।
प्राथमिकताएं तय करें
अपने काम को कलर कोड तय करें- ग्रीन (आज का काम), येलो (इस हफ्ते का), पिंक (इस महीने का)। इससे दिनभर की प्राथमिकताएं तय करने में मदद मिलती है और आप अपने काम में अधिक फोकस्ड रह पाएंगे।
फिटनेस, नींद और पोषण का संतुलन रखें
फिटनेस, स्लीप और न्यूट्रिशन- प्रोडक्टिविटी की जड़ में है। इसलिए जब शरीर फिट, नींद पूरी और आहार संतुलित होता है, तब दिमाग ज्यादा एक्टिव रहता है और बेहतर काम करता है।
दिन खत्म होने से पहले कल की तैयारी करें
रात में ही अगले दिन की प्राथमिकताएं तय कर लें। सुबह ब्रेन टीजर्स हल करें और शाम को वॉक के जरिए दिन का तनाव कम करें। इससे मन अगली सुबह के लिए तैयार रहेगा।
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