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    जीवन में सिर्फ बड़े सपने नहीं; छोटे-छोटे मकसद भी देते हैं खुशहाली, सेहत और लंबी उम्र

    Updated: Sun, 16 Nov 2025 12:24 PM (IST)

    कहा जाता है कि जिंदगी में बड़े उद्दश्य होने चाहिए, ताकि सफलता मिल सके। लेकिन क्या आप जानते हैं जीवन में छोटे-छोटे उद्देश्य होना भी उतना ही जरूरी है। जी हां, जब हम रोज के छोटे-छोटे मकसद तय करते हैं, तब हमारे दिमाग को ऐसा लगता है कि हमने अपने जीवन में कुछ हासिल किया है। इससे फिजिकल और मेंटल हेल्थ दोनों बेहतर रहती है।

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    क्यों जीवन में छोटे उद्देश्य होना है जरूरी? (Picture Courtesy: Freepik)

    लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। हम अक्सर सुनते हैं कि जीवन में बड़ा लक्ष्य होना जरूरी है, जैसे- खूब सारे पैसे कमाना, ऊंचा पद या कुछ ऐसा जो हमें समाज में खास पहचान दिलाए। लेकिन साइकोलॉजी, साइंस और हेल्थ एक्सपर्ट का कहना है कि जीवन का मतलब समझने के लिए हमेशा बड़े सपनों की जरूरत नहीं पड़ती (Benefits of Small Life Goals)। 

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    जीवन में आगे बढ़ने के लिए छोटे-छोटे लक्ष्य भी उतनी ही ताकत देते हैं, कभी-कभी उससे भी ज्यादा। हालिया रिसर्च इसे साबित करती है कि जीवन में मायने या मकसद होना हमारे दिमाग, दिल और शरीर को सुरक्षित रखने वाला एक कवच है। यह न केवल पॉजिटिविटी बढ़ाता है, बल्कि सेहत को बेहतर बनाकर हमारी उम्र को भी बढ़ा सकता है।

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    (Picture Courtesy: Freepik)

    जीवन में मकसद क्यों जरूरी है?

    एक्सपर्ट बताते हैं कि जिस व्यक्ति का जीवन को लेकर लक्ष्य साफ होता है, उसकी लंबी उम्र और अच्छे स्वास्थ्य की संभावना ज्यादा होती है। अमेरिका में 7,000 से ज्यादा अधेड़ उम्र के लोगों पर की गई एक स्टडी में पाया गया कि जिन लोगों के जीवन में कोई न कोई उद्देश्य था, उनमें मृत्यु की संभावना 15% कम थी।

    वहीं, जिनके पास कोई मकसद नहीं था, उनमें डिप्रेशन, एंग्जायटी और दिल की बीमारियों का खतरा कई गुना ज्यादा पाया गया। यानी मकसद सिर्फ मन को दिशा नहीं देता, यह शरीर को भी मजबूती देता है।

    छोटे लक्ष्य क्यों जरूरी हैं?

    लोगों को लगता है कि बड़ा सपना ही उन्हें आगे बढ़ाएगा, लेकिन हकीकत इससे अलग है। छोटे-छोटे मकसद, जैसे रोज 20 मिनट लिखना, अपनी हॉबी के लिए समय निकालना, किसी की मदद करना या एक नई चीज सीखना हमारे भीतर संतुष्टि और खुशी को बढ़ाते हैं।

    वहीं, बड़ा लक्ष्य अगर पूरा न हो पाए तो स्ट्रेस और सेल्फ डाउट पैदा होता है। छोटे मकसद रोजमर्रा की खुशी देते हैं और हमारा दिमाग अचीवमेंट की भावना से भरता है, जो हमें मानसिक और शारीरिक रूप से स्वस्थ रखता है।

    कैसे खोजें अपना ‘लाइफ पर्पज’?

    • छोटे-छोटे लक्ष्य तय करें- हर सुबह एक छोटा उद्देश्य तय करें, जैसे 15 मिनट मेडिटेशन, 10 पन्ने पढ़ना, या किसी दोस्त को दिल से मैसेज भेजना। क्लियर और प्रैक्टिकल लक्ष्य दिमाग को दिशा देते हैं।
    • अपनी वैल्यू और क्षमताओं पर ध्यान दें- आप क्या मानते हैं? आपके लिए क्या सही है? आप किस चीज में अच्छे हैं?इन्हीं सवालों में आपके जीवन का मकसद छिपा होता है।
    • अपने अतीत में झांकें- बचपन में क्या करने से आपको खुशी मिलती थी? कई बार वही पुरानी हॉबी आज भी हमें एनर्जी और संतुष्टि दे सकती है। चाहे वह संगीत हो, कहानी लिखना या पेंटिंग करना।
    • अपने छोटे मकसद दूसरों से शेयर करें- परिवार या दोस्तों से अपनी प्लानिंग शेयर करें। उनका सपोर्ट और फीडबैक आपको और मजबूत बनाएगा।
    • रोजमर्रा के अनुभवों में मतलब खोजें- सिर्फ बड़ी उपलब्धियां ही मायने नहीं रखतीं। छोटे-छोटे सुख, छोटी सफलताएं और सीख भी जीवन को खूबसूरत बनाती हैं।