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किसी के साथ हंसी-मजाक करना न पड़ जाए आप पर ही भारी, इसके लिए ध्यान रखें ये बातें

हंसना-हंसाना एक बहुत ही अच्छा काम है। इससे आप अपने साथ दूसरों को भी खुश रख सकते हैं लेकिन कई बार हंसी-मजाक आप पर ही भारी पड़ जाता है। सामने वाला खुश होने की जगह नाराज हो जाता है। हंसी-मजाक करने का भी एक वक्त होता है क्या आप जानते हैं इस बारे में? अगर नहीं तो आज हम इसी के बारे में जानेंगे।

By Priyanka Singh Edited By: Priyanka Singh Published: Tue, 20 Feb 2024 08:30 AM (IST)Updated: Tue, 20 Feb 2024 08:30 AM (IST)
हंसी-मजाक न पड़ जाए आप पर ही भारी, इसके लिए ध्यान रखें ये बातें

लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। किसी उदास, रोते हुए चेहरे पर मुस्कुराहट लाना बहुत अच्छा और भलाई का काम होता है। हंसी-मजाक करने से मूड अच्छा और आसपास का माहौल लाइट होता है, लेकिन कई बार कुछ लोग छोटे से हंसी-मजाक से भी हर्ट या नाराज हो जाते हैं। ऐसे में सामने वाले को गिल्टी फील होने लगती है क्योंकि उसने तो अपनी तरफ से अच्छा किया फिर ऐसा क्यूं? तो आपको बता दें हंसी-मजाक करने का भी टाइम और तरीका होता है, जिसके बारे में आज हम जानेंगे।   

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हंसी-मजाक करते समय इन बातों का रखें खास ध्यान 

मूड समझना है जरूरी

कई बार लोग बाहर से किसी खराब मूड में आते हैं, ऐसे में आपका हंसी-मजाक करना उनका स्ट्रेस दूर करने की जगह उसे और बढ़ा सकता है, तो पहले थोड़ा उनका मूड समझ लें, फिर उसे लाइट करने की तरह-तरह की कोशिशें करें। 

कोई दुखी या परेशान हो

वैसे तो दुखी या परेशान लोगों का मूड बदलने के लिए ही हंसी-मजाक किया जाता है, लेकिन कई बार ऐसे समय पर आपकी ये कोशिश नाकामयाब भी हो सकती है और सामने वाले पर इसका उल्टा प्रभाव पड़ सकता है, तो पहले सामने वाले की दुख या परेशानी का कारण जान लें फिर उस हिसाब से काम करें। 

जब आपकी हंसी से कोई चिढ़ रहा हो

अगर आपको लगता है कि आपके हंसी-मजाक से आसपास का माहौल खुशनुमा हो जाता है, तो बहुत ज्यादा स्योर न हो, कई बार आपकी हंसी किसी को चिढ़ाने का भी काम करती है और इससे माहौल बिगड़ सकता है। ऐसे में बात को बढ़ाने से बेहतर अपनी हंसी पर कंट्रोल कर लें। 

तो आखिर कब करना चाहिए मजाक?

खुशी के मौकों पर

घर में किसी तरह का कोई फंक्शन है, कई सारे मेहमान आए हैं, तो वहां हंसी-मजाक से आपसी झिझक को दूर किया जा सकता है। बिना मजाक-मस्ती और खींचातानी के कहां ही शादी-ब्याह के पल यादगार बनते हैं। 

खाने की टेबल पर 

खाने की टेबल पर भी हंसी-मजाक किया जा सकता है। फैमिली के साथ खाने बैठें, तो फोन, टीवी से दूर आपस में बातचीत करें, हंसने-गुदगुदाने वाली बातें करें। इससे स्ट्रेस दूर होता है।

कहीं बाहर घूमने जाने पर

दोस्तों, फैमिली के साथ कहीं आउटिंग या पिकनिक पर जाएं, तो वहां हंसी-मजाक करने का मौका मिस न करें। इससे माहौल और ज्यादा खुशनुमा हो जाता है। खुद के साथ दूसरों को भी इसमें शामिल करें। चुटकुले, पुराने किस्से-कहानियों, फन एक्टिविटीज से हर किसी को इंगेज रखें।

कुछ जरूरी बातें

- हंसी-मजाक हमेशा एक सीमा में रहकर ही करें, हदें पार न करें।

- बात-बात पर हंसी-मजाक करना भी अवॉयड करें। इससे आपको कोई सीरियसली नहीं लेता। 

- कभी भी किसी की लाचारी का मजाक न बनाएं।

जिस तरह शरीर को चुस्त-दुरुस्त रखने के लिए अच्छा खानपान व डेली फिजिकल एक्टिविटी जरूरी है, वैसे ही दिमाग को सेहतमंद रखने के लिए हंसना और खुश रहना जरूरी है। हंसने से कई सारी बीमारियों का खतरा दूर होता है। खुलकर हंसने से शरीर में ब्लड का सर्कुलेशन बेहतर होता है, हार्ट हेल्दी रहता है, शरीर में मेलाटोनिन नामक हार्मोन एक्टिव होता है, जिससे नींद अच्छी आती है। और तो और इससे त्वचा भी खूबसूरत और जवां बनी रहती है। सुबह की 5-10 मिनट का हंसी-मजाक आपके पूरे दिन को खुशनुमा बना सकता है।

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Pic credit- freepik


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