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    Childhood Friendship: क्यों बचपन के दोस्तों से दोबारा बात शुरू करने में महसूस होती है हिचक, आखिर क्या है इसकी वजह

    Updated: Sun, 26 May 2024 12:52 PM (IST)

    हम अपने जीवन में इतने व्यस्त हो जाते हैं कि धीरे-धीरे बचपन के दोस्तों के साथ दोस्ती की तार कमजोर होने लगती है। कभी कॉलेज की वजह से कभी ऑफिस के कारण या कभी नए लोग मिलने की वजह से पुराने दोस्तों से हमारी बातचीत कम होने लगती है जिनके साथ कुछ सालों बाद दोबारा बात शुरू करना काफी मुश्किल होता है। आइए जानें ऐसा क्यों होता है।

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    बचपन के दोस्तों से दोबारा बात करना होता है मुश्किल (Picture Courtesy: Freepik)

    लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। Childhood Friendship Benefits: लोगों से मिलना और बिछड़ना, यहीं जीवन की रीत है। ऐसे ही कई बार बचपन में बने दोस्तों से भी हम बिछड़ जाते हैं। कई बार हम अपनी पढ़ाई के कारण या नौकरी के कारण बचपन के दोस्तों से दूर हो जाते हैं और धीरे-धीरे उनसे बात-चीत भी बंद कर देते हैं। अगर अपका भी आपके किसी बचपन के दोस्त के साथ कॉन्टेक्ट छूटा है, तो आप इस बात को और बेहतर तरीके से समझ पा रहे होंगे कि अनचाहे में ही सही लेकिन बचपन के दोस्त से बात-चीत छूट ही जाती है।

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    बचपन के दोस्त से दोबारा बात करने में झिझक होती है

    हालांकि, ऐसा माना जाता है कि बचपन की दोस्ती काफी गहरी होती है। बचपन के दोस्तों से कभी भी मिलें, कितने सालों बाद भी मिलें, हमेशा ऐसा लगता है, जैसे अभी कल ही तो मिले थे। लेकिन हाल ही में इस बारे में हुइ एक शोध में जो सामने आया है, वह आपके होश उड़ा सकता है। दरअसल, साइमन फ्रेजर और ससेक्स यूनिवर्सिटी की इस रिसर्च में बचपन के दोस्त से बातचीत दोबारा शुरू करना क्यों नहीं चाहते, इस बारे में जानने की कोशिश की। इस स्टडी में पाया गया कि बचपन के पुराने दोस्तों से अगर बातचीत खत्म हो गई है, तो दोबारा बात करने में ऐसा महसूस होता है, जैसे हम किसी अनजान शख्स से बात कर रहे हैं। इस झिझक की वजह से ही लोग अपने बचपन को दोस्तों से दोबारा बात शुरू करने में संकोच करते हैं।

    (Picture Courtesy: Freepik)

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    क्यों पुराने दोस्तों से बात करना मुश्किल होता है?

    इस रिसर्च में यह बात भी सामने आई है कि बात न होने की वजह से धीरे-धीरे जुड़ाव खत्म होने लगता है, जो दोबारा बात करते समय हिचकिचाहट को और बढ़ाता है। इस शोध में कुल 2,500 लोग शामिल हुए, जिनमें से 90 प्रतिशत लोगों ने यह जवाब दिया कि जुड़ाव न रहने के कारण ही वे पुराने दोस्तों से दोबारा बात शुरू करने में असहज महसूस करते हैं। इस रिसर्च के मुताबिक, लोगों के अकेला रह जाने के पीछे, पुराने दोस्तों से दोबारा बात शुरू न करना, एक बड़ा कारण है।

    बचपन की दोस्तों से बात करने के फायदे

    हालांकि, इस स्टडी में यह भी सामने आया है कि बचपने के दोस्तों से दोबारा बात शुरू करने से उनके साथ ज्यादा मजबूत कनेक्शन बनता है और उनके साथ काफी गहरा संबंध बनता है। आपको बता दें कि पुराने दोस्तों के साथ दोबारा बना कनेक्शन आपके नए दोस्तों से ज्यादा गहरा हो सकता है। इतना ही नहीं, पुराने दोस्तों से दोबारा बातचीत शुरू करने से, मेंटल हेल्थ को भी बेहतर रखने में मदद मिलेगी। इसलिए बचपन के दोस्तों से बात शुरू करना कई मानसिक समस्याओं को काबू करने में काफी मदद मिलती है।

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