Aluminum Utensils: जानें एल्युमिनियम के बर्तनों में खाना बनाना सही है या गलत?
Aluminum Utensils हम किचन में खाना पकाने के लिए कई तरह के बर्तनों का इस्तेमाल करते हैं। पिछले कुछ समय से सही मेटल को लेकर हो रही चर्चा ने लोगों को कंफ्यूज कर दिया है। अगर आप भी बर्तन को लेकर असमंजस में हैं तो आइए आज जानते हैं कि यह एल्युमिनियम से क्या नुकसान हो सकते हैं। साथ ही जानें कि बर्तन के लिए सही मेटल कौन-सा है?

नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Aluminum Utensils: खाना बनाने और खाने के लिए कई प्रकार के कुकवेयर का इस्तेमाल किया जाता है। इसमें अधिकतर तो फायदेमंद होते हैं, लेकिन कुछ काफी नुकसानदायक भी होते हैं। इन्ही में से एक है एल्युमिनियम। एल्युमिनियम एक हल्के वजन वाला धातु है, जो अन्य कुकवेयर धातु की तुलना में सस्ता होता है।
आइए जानते हैं कि क्यों लगभग हर घर में एल्युमिनियम के कुकवेयर पाए जाते हैं –
- यह वज़न में हल्के होते हैं।
- यह अच्छा हीट कंडक्टर होता है, जिससे इसमें खाना जल्दी पकता है।
- यह अन्य कुकवेयर की तुलना में सस्ता होता है।
- इसका उपयोग गैस या ओवन दोनों में ही कर सकते हैं।
- यह स्क्रैच रेसिस्टेंट होते हैं जिसका मतलब यह है कि इसमें जल्दी स्क्रैच नहीं लगते हैं।
- यह नॉन स्टिक का काम भी करते हैं, जिससे इसमें खाना बनाने में आसानी होती है।
लेकिन क्या एल्युमिनियम के बर्तन में खाना बनाना उचित है?
ऐसे तो WHO के अनुसार, एक व्यक्ति एक दिन में 50 मिलीग्राम एल्युमिनियम ले सकता है, लेकिन अगर सेहत की बात करें तो क्या ये नुकसानदायक हो सकता है?
आइए जानते हैं कि कितनी सच्चाई है इस बात में।
- एल्युमिनियम के बर्तन में खाना बनाने का सबसे बड़ा खतरा होता है लीचिंग। इसका मतलब यह हुआ कि एल्युमिनियम के बर्तन में खाना बनाने से एल्युमिनियम का कुछ हिस्सा खाने में शामिल हो कर सेहत को नुकसान पहुंचाता है।
- लीचिंग तब होती है, जब खाना बहुत अधिक तापमान पर बनाया जा रहा हो, अधिक एसिडिक खाना बनाना जिसमें नींबू, टमाटर आदि शामिल हो। हालांकि लीचिंग बहुत ही कम मात्रा में होती है और एक स्वस्थ व्यक्ति के पाचन प्रणाली से होकर आसानी से शरीर से बाहर निकल भी जाती है।
- हालांकि, इससे कई लोगों को नुकसान भी पहुंच सकता है। यह व्यक्ति की सेहत, उसके जेनेटिक, उसकी पाचन शक्ति आदि पर निर्भर करता है।
- यही वजह है कि एल्युमिनियम में खाना बनाने से बचने की सलाह दी जाती है। यही प्रक्रिया एल्युमिनियम फॉयल में खाना लपेट कर रखने या बनाने से भी होती है। इसी जागरूकता के कारण आजकल लंच बॉक्स में एल्युमिनियम फॉयल में खाना पैक करके देने का प्रचलन कम हो गया है।
- इसके नुकसान यह हैं कि यह एक न्यूरोटॉक्सिन है। एक सीमित मात्रा से अधिक एल्युमिनियम का इस्तेमाल अल्जाइमर, पार्किंसन, कैंसर जैसे खतरनाक रोगों से संबंधित पाया गया है।
एल्युमिनियम लीचिंग से कैसे बचा जा सकता है?
- एनोडाइज एल्युमिनियम कुकवेयर का इस्तेमाल करें जिसमें सुरक्षित कोटिंग होती है और एल्युमिनियम लीच हो कर खाने से नहीं मिल पाता है।
- इस कोटिंग की लेयर का भी पता लगाएं और अगर इस कोटिंग में भी कोई नुकसानदायक धातु का उपयोग हुआ है तो इसका प्रयोग न करें।
- एल्युमिनियम कुकवेयर को साफ करने के सभी निर्देशों का सख़्ती से पालन करें और इसे मेटल के जूने से साफ न करें अन्यथा इससे कोटिंग निकलने का खतरा बना रहता है।
- टूटे फूटे एल्युमिनियम बरतनों का उपयोग न करें। इससे लीचिंग की समस्या बढ़ती है।
- संभव हो तो एल्युमिनियम फॉयल की जगह पार्चमेंट पेपर जैसे अन्य विकल्पों का प्रयोग करें।
Disclaimer: लेख में उल्लिखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।
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