दुनियाभर में गूंजता है कर्नाटक के चन्नापटना खिलौनों का डंका, खासियत जानकर आप भी चाहेंगे इन्हें खरीदना
भारत के हर राज्य में कुछ न कुछ ऐसा जरूर मिलता है जो अपनी यूनिकनेस के लिए दुनियाभर में मशहूर हैं। इनमें कर्नाटक के चन्नापटना खिलौने (Karnataka Channapatna Toys) भी शामिल हैं। जीआई टैग मिले हुए इन खिलौनों की मांग दुनियाभर में है। लकड़ी के ये खिलौने अपनी खासियत के लिए दुनियाभर में अपनी खास जगह बना चुके हैं। आइए जानें क्या हैं इनकी खासियत।

लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। Channapatna Wooden Toys: कर्नाटक के चन्नापटना शहर को भारत की "खिलौना नगरी" के रूप में जाना जाता है। यहां बनाए जाने वाले खिलौने (Karnataka Traditional Toys) न केवल भारत में, बल्कि पूरी दुनिया में अपनी यूनिकनेस और क्वालिटी के लिए मशहूर हैं।
चन्नापटना के खिलौने (Handcrafted Toys India) अपनी रंगीनता, सुरक्षा और पर्यावरण के लिए सुरक्षित होने के कारण दुनियाभर में पसंद किए जाते हैं। आइए जानते हैं कि ये खिलौने इतने मशहूर क्यों हैं और इनकी खासियत क्या है।
200 साल पुराना है इतिहास
चन्नापटना के खिलौनों का इतिहास 200 साल से भी ज्यादा पुराना है। ऐसा माना जाता है कि टीपू सुल्तान के शासनकाल में फारसी कारीगरों ने इस कला को चन्नापटना में पेश किया था। उन्होंने स्थानीय कारीगरों को लकड़ी के खिलौने बनाने की कला सिखाई, जो आगे चलकर इस शहर की पहचान बन गई। आज भी यह कला पीढ़ी-दर-पीढ़ी स्थानीय कारीगरों द्वारा संरक्षित और विकसित की जा रही है।
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खिलौनों की खासियत
प्राकृतिक और सुरक्षित सामग्री
चन्नापटना के खिलौने मुख्य रूप से रबरवुड (लकड़ी की एक प्रजाति) से बनाए जाते हैं। यह लकड़ी हल्की, मजबूत और पर्यावरण के अनुकूल होती है। खिलौनों को रंगने के लिए प्राकृतिक रंगों का इस्तेमाल किया जाता है, जो बच्चों के लिए पूरी तरह सुरक्षित होते हैं। यही वजह है कि इन खिलौनों को बच्चों के लिए परफेक्ट माना जाता है।
हस्तनिर्मित और अनूठी डिजाइन
चन्नापटना के खिलौने हाथ से बनाए जाते हैं, जिससे हर खिलौना अनूठा और विशेष बन जाता है। इन खिलौनों में पारंपरिक और आधुनिक डिजाइनों का सुंदर मिश्रण देखने को मिलता है। गुड़िया, जानवर, कार, और शैक्षणिक खिलौने जैसे अलग-अलग प्रकार के डिजाइन उपलब्ध हैं।
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पर्यावरण अनुकूल
चन्नापटना के खिलौने पूरी तरह से प्राकृतिक और बायोडिग्रेडेबल सामग्री से बनाए जाते हैं। इन्हें बनाने में किसी भी प्रकार के हानिकारक केमिकल्स का इस्तेमाल नहीं किया जाता है, जिससे ये पर्यावरण के लिए भी सुरक्षित हैं।
सांस्कृतिक महत्व
ये खिलौने भारतीय संस्कृति और कला को दर्शाते हैं। इनमें पारंपरिक कलाओं और डिजाइनों को शामिल किया जाता है, जो भारतीय इतिहास और परंपराओं को जीवित रखते हैं।
वैश्विक स्तर पर मान्यता
चन्नापटना के खिलौनों को भौगोलिक संकेत (GI) टैग प्राप्त है, जो इनकी गुणवत्ता और प्रामाणिकता को सुनिश्चित करता है। यह टैग इन खिलौनों को ग्लोबल मार्केट में एक खास पहचान देता है।
वैश्विक लोकप्रियता
चन्नापटना के खिलौने न केवल भारत में बल्कि अमेरिका, यूरोप और एशिया के कई देशों में भी निर्यात किए जाते हैं। इनकी सुरक्षा, पर्यावरण अनुकूलता और कलात्मकता के कारण ये खिलौने अंतर्राष्ट्रीय बाजार में भी खूब पसंद किए जाते हैं। विदेशी पर्यटक भी इन खिलौनों को स्मृति चिन्ह के रूप में खरीदना पसंद करते हैं।
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