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International Dance Day 2024: देश ही नहीं विदेशों में भी मशहूर हैं भारत के ये 5 क्लासिकल डांस

29 अप्रैल का दिन दुनियाभर में International Dance Day के तौर पर मनाया जाता है। फादर ऑफ बैले के नाम से मशहूर जॉर्जेस नोवरे की याद में यह दिन मनाया जाता है। सबसे पहली बार साल 1982 में अंतरराष्ट्रीय रंगमंच संस्थान (ITI) के तरफ से इस दिन को मनाया गया था। इस खास मौके पर आइए जानते हैं कुछ फेमस इंडियन क्लासिकल डांस के बारे में।

By Priyanka Singh Edited By: Priyanka Singh Published: Mon, 29 Apr 2024 02:15 PM (IST)Updated: Mon, 29 Apr 2024 02:15 PM (IST)
International Dance Day 2024: भारतीय के पॉपुलर क्लासिकल डांस फॉर्म

लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। International Dance Day 2024: अंतरराष्ट्रीय डांस दिवस, जो हर साल 29 अप्रैल को दुनियाभर में धूमधाम के साथ मनाया जाता है। नृत्य को कई लोग महज मनोरंजन का जरिया मानते हैं, लेकिन ये उससे कहीं आगे है। पुराने समय में नृत्य के माध्यम से कथाएं व कहानियां सुनाई जाती थीं। बदलते वक्त के साथ अब कई तरह के डांस फॉर्म्स आ चुके हैं, लेकिन भारत के कुछ क्सासिकल डांस का जलवा आज भी वैसे ही कायम है, बल्कि पहले जहां ये सिर्फ भारत में ही मशहूर थे वहीं अब इनके मुरीद विदेशों में भी हैं। आज इंटरनेशनल डांस डे के मौके पर आइए जानते हैं भारत के ऐसे ही कुछ क्लासिकल डांस फॉर्म्स के बारे में। 

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कथक (उत्तर प्रदेश)

कथक उत्तर भारत का मशहूर शास्त्रीय नृत्य है, जिसमें डांस के जरिए कथा को प्रस्तुत किया जाता है। इसमें कथा को भाव-भंगिमाओं, राग, हाथ की मुद्राओं और ताल के साथ बताया जाता है। यह बहुत पुरानी नृत्य शैली है। जिसका जिक्र महाभारत में भी मिलता है। मुगल काल में इस नृत्य को दरबार में प्रस्तुत किया जाता था। कथक का मुख्य आकर्षण चक्कर और घुंघरु है। उत्तर प्रदेश के इस शास्त्रीय नृत्य के चार घराने होते हैं, जिसमें जयपुरी घराना, लखनऊ घराना, बनारसी घराना और रायगढ़ घराना शामिल है। इस शास्त्रीय नृत्य के प्रसिद्ध कलाकार पंडित लच्छू महाराज, पंडित बिरजू महाराज, सितारा देवी, शोभना नारायण हैं।

भरतनाट्यम (तमिलनाडु)

भारत का जो दूसरा मशहूर क्लासिकल डांस है वो है भरतनाट्यम, जिसकी उत्पत्ति तमिलनाडु में मानी जाती है। दक्षिण भारत का यह नृत्य तमिलनाडु के देवदासियों द्वारा विकसित माना जाता है। यह नृत्य भरत मुनि के नाट्यशास्त्र से प्रेरित है। इस नृत्य को भारत का सबसे लोकप्रिय नृत्य माना जाता है। तरह-तरह की मुद्राएं और अभिनय भी डांस में शामिल होता है। मल्लिका साराभाई, पद्मा सुब्रह्मण्यम, सोनल मानसिंह, यामिनी कृष्णमूर्ति इस नृत्य से जुड़े कुछ मशहूर नाम हैं। 

मोहिनीअट्टम (केरल)

केरल का शास्त्रीय नृत्य मोहिनीअट्टम भी एक बेहद लाजवाब नृत्य है। जिसे लय, मुद्रा और संगीत के जरिए प्रस्तुत किया जाता है। यह नृत्य कला भगवान विष्णु के मोहिनी अवतार से प्रेरित माना जाता है। ऐसा कहा जाता है कि भगवान विष्णु ने मोहिनी रूप धारण कर भस्मासुर का वध किया था। केरल के प्राचीन मंदिरों से इसकी उत्पत्ति हुई थी। मोहिनीअट्टम डांस में भरतनाट्यम और कथकली दोनों का मिश्रित रूप देखने को मिलता है। हेमा मालिनी, श्रीदेवी, के.कल्याणी अम्मा तंकमणि, काला देवी आदि मोहिनीअट्टम डांस प्रस्तुत करने वाले जाने-माने नाम हैं।

कुचिपुड़ी (आंध्र प्रदेश)

कुचिपुड़ी आंध्र प्रदेश की मशहूर नृत्य शैली है। पहले यह नृत्य सिर्फ पुरुषों द्वारा मंदिरों में प्रस्तुत किया जाता था, लेकिन बाद में महिलाएं भी इसमें शामिल होने लगीं। यह नृत्य अपनी अनोखी मुद्राओं और अभिव्यक्तियों के लिए खासतौर से मशहूर है। इसमें नर्तक दुख, सुख, प्रेम, क्रोध सभी को बहुत ही अलग तरीकों से दर्शाते हैं।

ओडिसी (ओडिशा)

ओडिशा राज्य का मशहूर ओडिसी नृत्य भी बहुत ही पुराना और मशहूर शास्त्रीय नृत्य है। इस नृत्य की झलक कोणार्क के सूर्य मंदिर के शिलालेखों में भी देखने को मिलती है। हिंदू देवताओं के जीवन से जुड़ी कथाओं को इस नृत्य के जरिए प्रस्तुत किया जाता था। देखने में इसकी प्रस्तुति काफी हद तक भरतनाट्यम जैसी लगती है। माधवी मुदगल, कुमकुम मोहंती, रामिल इब्राहिम, गंगाधर प्रधान, केलुचरण महापात्रा ओडिसी नृत्य से जुड़े मशहूर नाम हैं।

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Pic credit- freepik


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