National Science Day 2024: रोजमर्रा की जिंदगी को आसान और सुविधाजनक बनाने में साइंस का रोल
फरवरी की 28 तारीख का दिन भारत में National Science Day के रूप में मनाया जाता है। इस दिन भारतीय वैज्ञानिक सर सीवी रमन द्वारा रमन प्रभाव की खोज की गई थी और साल 1930 में उन्हें इस आविष्कार के लिए नोबेल पुरस्कार से नवाजा गया था। साइंस ने हमारी डे टू डे की लाइफ को किस कदर आसान बना दिया है जानेंगे इस बारे में।

लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। National Science Day: साइंस सिर्फ सुदूर आकाशगंगा या कॉम्प्लेक्स फॉर्मूले तक ही सीमित नहीं रह गया है, बल्कि आज के समय में ये हमारी डे टू डे की लाइफ का भी जरूरी हिस्सा बन चुका है। हमारे सोने-जागने से लेकर खाना पकाने, गाड़ी चलाने, खेती, चिकित्सा से लेकर सिंपल फोटोग्राफी तक में विज्ञान शामिल है। यों कहें कि इसने हमारी दुनिया को आसान व सुविधाजनक बनाने के साथ ही कब्जा भी कर रखा है। नेशनल साइंस डे के मौके पर विज्ञान के जिंदगी में ऐसे ही कुछ योगदान के बारे में हम जानेंगे।
बेहतर स्वास्थ्य और खुशहाली
चिकित्सा के क्षेत्र में वैज्ञानिक प्रगति ने स्वास्थ्य देखभाल में क्रांति ला दी है। तरह-तरह के टीके बच्चों से लेकर बड़ों तक को कई घातक बीमारियों से बचाने का काम कर रहे हैं। एंटीबायोटिक्स इन्फेक्शन लड़ते हैं तो वहीं डायग्नोस्टिक टूल्स बीमारियों का शीघ्र पता लगाने और उपचार करने में मदद कर रहे हैं। इसके अलावा, पोषण और व्यायाम विज्ञान से जुड़े शोध हमें अपनी डाइट और फिजिकल एक्टिविटीज के बारे में जागरूक बनाने में मदद कर रहे हैं।
संचार के क्षेत्र में
टीवी, मोबाइल, इंटरनेट, रेडियो जैसे संचार के और कई माध्यमों ने सूचना के क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव किए हैं। इनके जरिए कम से कम समय में ज्यादा से ज्यादा सूचनाएं प्राप्त की जा सकती हैं। कम्युनिकेशन को इस कदर आसान बनाने का पूरा श्रेय साइंस को जाता है।
मनोरंजन के क्षेत्र में
संचार के साथ-साथ विज्ञान ने मनोरंजन के क्षेत्र में भी कई अवसर प्रदान किए हैं। टीवी, सिनेमा, टेप-रिकॉर्डर ये सारी चीज़ें विज्ञान की ही देन हैं।
कृषि के क्षेत्र में
विज्ञान में हो रही खोजों और प्रयोगों से कृषि क्षेत्र को भी फायदा मिल रहा है। साइंस के माध्यम से रासायनिक क्रियाओं द्वारा कई जरूरी उर्वरक तैयार किए जा रहे हैं, जो खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता बढ़ाने में मददगार साबित हो रहे हैं। विज्ञान की मदद से ही बढ़ती आबादी की खाद्य संबंधी आवश्यकताओं की पूर्ति हो पा रही है।
विज्ञान के प्रति रूचि पैदा करके और अपने दैनिक जीवन में इसके एप्लीकेशन को समझकर, हम अपनी और आने वाली पीढ़ियों के लिए एक बेहतर और उज्जवल भविष्य का निर्माण कर सकते हैं।
(श्री नितिन विजय, मोशन एजुकेशन के संस्थापक और सीईओ से बातचीत पर आधारित)
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