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    काम में देर करने की आदत, बन सकती है प्रमोशन न मिलने की वजह, रिसर्च में हुआ खुलासा

    क्या आपका काम भी अक्सर डेडलाइन बीतने के बाद पूरा हो पाता है। अगर हां तो संभल जाइए क्योंकि इसका असर आपके करियर पर भी पड़ सकता है। कुछ समय पहले हुए एक शोध में इस बारे में पता करने की कोशिश की गई और क्या पाया गया इसका जवाब जानकर आप हैरान रह जाएंगे। आइए जानें क्या कहती है यह रिसर्च।

    By Swati Sharma Edited By: Swati Sharma Updated: Mon, 18 Nov 2024 08:45 AM (IST)
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    क्या आप भी काम को लेकर करते रहते हैं टाल-मटोल? (Picture Courtesy: Freepik)

    लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। कुछ लोगों की आदत होती है कि वे काम को तब तक टालते हैं, जब तक उसकी डेडलाइन सिर पर न आ जाए (Procrastination)। ऐसा वे अपने जीवन के हर पहलू में करते हैं, फिर चाहे घर हो या दफ्तर, वे हर जगह काम देर से ही करते हैं।

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    क्या आप भी काम को डेड लाइन आने तक टालते रहते हैं? अगर हां, तो आपकी इस आदत का असर ऑफिस में आपकी इमेज पर भी पड़ सकता है। जी हां, आपकी यह टाल-मटोल करने की आदत (Late Work) आपकी प्रोफेश्नल लाइफ पर काफी असर डाल सकती है। साइंस डायरेक्ट जरनल में छपी एक स्टडी यही बताती है। 

    7 हजार प्रोफेशनल्स पर हुई रिसर्च

    इस स्टडी के शोधकर्ताओं डेविड फैंग और सैम जे मैगलियो ने पाया कि जो लोग डेडलाइन बीतने के बाद काम पूरा करते हैं, उनके इस देर से हुए काम की कोई वेल्यू नहीं रहती। ऐसा इसलिए क्योंकि काम देर से पूरा होने पर उसकी क्वालिटी पर सवाल उठने लगते हैं और साथ ही यह भी मान लिया जाता है कि इसे करने में कामचोरी की गई होगी। इतना ही नहीं, ऐसा करने से कर्मचारी की विश्वसनीयता पर भी सवाल उठने लगते हैं और बहुत हद तक संभावना रहती है कि आगली बार से बॉस आपको किसी बड़े प्रोजेक्ट की जिम्मेदारी न सौंपें। इस रिसर्च में अमेरिका और ब्रिटेन के 7 हजार से ज्यादा प्रोफेश्नल्स को शामिल किया गया था और जिसके बाद यह खुलासा हुआ।

    यह भी पढ़ें: काम को कल पर टालने की आदत हो सकती है नुकसानदेह, इन तरीकों से करें इसे मैनेज

    इस आदत के पीछे क्या होती है वजह?

    काम में देर होने के पीछे की वजह को 'प्लानिंग फैलेसी' कहा जाता है। प्लानिंग फैलेसी यानी किसी काम को करने में कितना समय लगेगा, इसका सही अनुमान न लगा पाना और इसकी वजह से काम पूरा करने में देर हो जाना। यह समस्या कई लोगों के साथ होती है। कई बार मैनेजमेंट से भी यह हो सकता है, जिसका खामियाजा बाद में कर्मचारी को भुगतना पड़ सकता है।

    करियर हो सकता है खराब

    इस शोध के लिए मैनेजमेंट, एचआर और कई अन्य प्रोफेशनल्स से बात की गई और पाया गया कि जिन कर्मचारियों ने अपना प्रोजेक्ट या असाइनमेंट देर से जमा किया था, उनकी विश्वसनीयता 40% कम आंकी गई। इसके कारण कर्मचारी की बॉस के सामने नेगेटिव छवि बनती है, जो उनके करियर पर असर डाल सकता है।

    एक दिन लेट होना भी पड़ता है भारी

    कई बार हम ऐसा मानते हैं कि डेडलाइन बस एक दिन से ही तो मिस हुई है, लेकिन आपको बता दें कि इससे फर्क नहीं पड़ता कि देर एक दिन से हुई है या एक हफ्ते से। आपके बॉस की नजरों में वह समान ही है। इस रिसर्च में पाया गया कि जिन लोगों ने अपना काम समय से पहले या टाइम पर जमा किया था, उनके काम की गुणवत्ता को एक जैसा माना गया, लेकिन जिन लोगों ने भले ही एक दिन देर से जमा किया हो, उनके काम को कम गुणवत्ता वाला माना गया है।

    नहीं मिलता कोई जरूरी प्रोजेक्ट

    इस रिसर्च में यह बात भी सामने आई कि काम देर से जमा करने से न केवल काम की गुणवत्ता को कम माना जाता है, बल्कि कर्मचारी को भी कम भरोसेमंद माना जाता है। जो लोग काम जमा करने में डेडलाइन मिस करते हैं, उन्हें अक्सर लापरवाह माना जाता है। इसके कारण मैनेजमेंट के सामने ऐसी छवि बनती है कि इस कर्मचारी पर भविष्य में भरोसा नहीं किया जा सकता और उन्हें किसी भी जरूरी काम को सौंपने से बचा जाता है।

    प्रमोशन की भी कम हो जाती है संभावना

    काम देर से जमा करने के नुकसान यही खत्म नहीं होते। इस शोध से यह भी पता चला कि मैनेजमेंट उन कर्मचारियों को गैर-जिम्मेदार समझती है और उन्हें प्रमोशन या नई जिम्मेदारी मिलने की संभावना भी 30% कम हो जाती है। ऐसा कर्मचारी की देर करने वाली आदत से हो सकने वाले नुकसान से बचने के लिए किया जाता है। हालांकि, एक बात और सामने आई है कि अगर काम में देर होने के कारण के बारे में बॉस को पहले से सूचित किया जाए, तो उसके दुष्प्रभाव कुछ हद तक कम हो जाते हैं।

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