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    जेन-जी की पार्टी का नया तरीका है Cafe Raves, क्यों युवाओं को पसंद आ रहा है फन का ये नया तरीका

    Updated: Thu, 18 Sep 2025 03:35 PM (IST)

    पार्टी का नाम सुनते ही सबसे पहले दिमाग में आता है रात को डीजे पर बजता गाना और अल्कोहल। लेकिन अब पार्टी के मायने थोड़े बदल गए हैं (Gen Z Party Trend) खासकर जेन-जी के लिए। जी हां अब जेन-जी पार्टी के पुराने तरीके को छोड़कर नया तरीका अपना रहा है जिसे Cafe Raves कहते हैं। आइए जानें इसके बारे में।

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    क्या होते हैं कैफे रेव्स? (Picture Courtesy: Instagram)

    लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। पार्टी का नाम सुनते ही दिमाग में रातभर चलने वाली डीजे की बीट्स, नियोन लाइट्स और ड्रिंक्स से भरे क्लब की तस्वीर उभरती है। लेकिन जेन-जी अब पार्टी करने के इस फॉर्मेट को नया ट्विस्ट (Gen Z Party Trend) दे रही है। उनके लिए पार्टी का मतलब अब सिर्फ रात और अल्कोहल नहीं, बल्कि कॉफी, दिन का उजाला है।

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    जी हां, अब जेन-जी ने पार्टी के मायने बदल दिए हैं (Youth Party Culture) और इससे जन्म हुआ है कैफे रेव्स (Cafe Raves) का। आप इसके नाम से ही अंदाजा लगा सकते हैं कि यहां लोग अल्कोहल की जगह कॉफी की चुस्कियों के साथ डीजे की धुन पर नाचते और गाते हैं। आइए जानें कैसे शुरू हुआ यह ट्रेंड और क्यों आ रहा है लोगों को इतना पसंद।

    कैसे शुरू हुआ कैफे रेव कल्चर?

    यह ट्रेंड सबसे पहले यूरोप और अमेरिका जैसे शहरों से सामने आया था। वहां दिन के समय कैफे में डीजे सेट्स और लाइव म्यूजिक के साथ लोग इकट्ठा होते, बातचीत करते और बिना अल्कोहल के एनर्जी का मजा लेते थे। लेकिन अब भारत में भी इसकी शुरुआत हो चुकी है और सिर्फ बड़े शहरों में ही नहीं, बल्कि छोटे शहरों में भी इस तरह की पार्टी का चलन बढ़ रहा है।

    क्यों पसंद आ रहे हैं कैफे रेव्स?

    • हेल्दी ऑप्शन- आज की पीढ़ी पार्टी तो करना चाहती है, लेकिन शराब और हैंगओवर से दूरी बनाकर। शराब से सेहत को कितना नुकसान पहुंचता है, लोग इस बारे में ज्यादा जागरूक हो रहे हैं। इसलिए कॉफी, माचा, हल्दी-अदरक शॉट्स जैसे ऑप्शन से वे खुद को हेल्दी और फ्रेश महसूस कराते हैं।
    • दिन के समय पार्टी- हर कोई देर रात तक बाहर नहीं रह सकता। कैफे रेव्स दिन में होते हैं, जिससे कामकाजी लोग, युवा और यहां तक कि परिवार भी आसानी से हिस्सा ले सकते हैं। इससे नींद भी पूरी हो जाती है और पार्टी का मजा भी।
    • इंक्लूसिव और कम्फर्ट- क्लब की भीड़ और शोरगुल से अलग, कैफे का माहौल ज्यादा वेल्कमिंग और कम्फर्टेबल होता है। यहां इंट्रोवर्ट्स भी आराम से सोशलाइज कर सकते हैं।
    • म्युजिक पर फोकस- कैफे रेव्स में ज्यादातर हाउस, अफ्रो और इलेक्ट्रॉनिक म्यूजिक बजता है, जिससे पूरी वाइब ग्लोबल और यूनिक महसूस होती है।

    बदलती पीढ़ी की सोच

    मिलेनियल्स और जेन-जी अल्कोहल और नाइटलाइफ से दूर हटकर ऐसे ऑप्शन तलाश रहे हैं, जहां कनेक्शन और क्रिएटिविटी को प्राथमिकता मिले। यही वजह है कि कैफे रेव्स उन्हें अपनी ओर खींच रहे हैं।

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