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    Ambedkar Jayanti 2025 Quotes: संविधान निर्माता बाबा साहेब के 10 क्रांतिकारी विचार बदल देंगे आपकी सोच

    Updated: Sun, 13 Apr 2025 03:58 PM (IST)

    14 अप्रैल सिर्फ एक तारीख नहीं बल्कि क्रांति समानता और न्याय की गूंज है। इस दिन उस व्यक्तित्व का जन्म हुआ था जिनकी कलम ने भारत का संविधान लिखा और जिनकी सोच ने करोड़ों लोगों को जीने का हक और उम्मीद दी। जी हां हम बात कर रहे हैं डॉ. भीमराव रामजी अंबेडकर की। आइए इस मौके पर पढ़ें उनके 10 अनमोल विचार (Ambedkar Jayanti 2025 Quotes)।

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    Ambedkar Jayanti 2025 Quotes: बाबासाहेब की जयंती पर पढ़ें उनके 10 अममोल विचार (Image Source: Jagran)

    लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। Ambedkar Jayanti 2025 Quotes: बाबा साहेब सिर्फ एक नेता नहीं थे, वो उम्मीद थे उन करोड़ों लोगों के लिए जिन्हें समाज ने हाशिए पर धकेल दिया था। उन्होंने समाज के हर उस हिस्से के लिए लड़ाई लड़ी जिसे दुनिया ने अनदेखा कर दिया था।

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    इस अंबेडकर जयंती 2025 पर आइए, जानते हैं बाबा साहेब के ऐसे 10 क्रांतिकारी विचार (BR Ambedkar Quotes in Hindi), जो न केवल आपके नजरिए को बदल देंगे, बल्कि आपके भीतर छिपे हौसले और उम्मीद को भी जगा देंगे।

    1. "शिक्षित बनो, संगठित रहो और संघर्ष करो।"

    बाबा साहेब का यह नारा सामाजिक जागरूकता और अधिकारों की प्राप्ति का रास्ता दिखाता है। वे मानते थे कि शिक्षा से ही व्यक्ति आत्मनिर्भर बनता है, संगठन से ताकत मिलती है और अन्याय के खिलाफ संघर्ष जरूरी है।

    2. "मैं उस धर्म को मानता हूं जो स्वतंत्रता, समानता और भाईचारा सिखाता है।"

    बाबा साहेब ऐसे धर्म को मानते थे जो सबको बराबर माने, किसी में भेद न करे और प्रेम व इंसानियत को बढ़ावा दे।

    3. "हम सबसे पहले और अंत में भारतीय हैं।"

    इस कथन में राष्ट्रीय एकता और नागरिक कर्तव्य की भावना झलकती है। डॉ. अंबेडकर का मानना था कि जाति, धर्म या भाषा से पहले हमारी पहचान भारतीय होना है।

    4. "संविधान केवल वकीलों का दस्तावेज नहीं है, यह एक जीवनदृष्टि है।"

    संविधान को केवल कानून की किताब समझना गलत है। यह आम नागरिक के जीवन को बेहतर बनाने वाला मार्गदर्शक दस्तावेज़ है।

    5. "जो व्यक्ति अपनी मृत्यु तक नहीं सीखता, वह मरा हुआ है।"

    डॉ. अंबेडकर लाइफलॉन्ग लर्निंग के पक्षधर थे। उनका मानना था कि सीखते रहना ही इंसान को सही मायने में जिंदा और प्रगतिशील बनाता है।

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    6. "मनुष्य महान बनता है अपने कर्मों से, न कि जन्म से।"

    यह कथन जाति प्रथा पर कड़ा प्रहार करता है। बाबा साहेब मानते थे कि इंसान की महानता उसके विचारों और कार्यों में होती है, जन्म से नहीं।

    7. "यदि हम एक संयुक्त एकजुट नहीं रहे, तो हम पर फिर से गुलामी थोप दी जाएगी।"

    यह चेतावनी है कि समाज में एकता की कमी हमारे अधिकारों और स्वतंत्रता के लिए खतरा बन सकती है।

    8. "इतिहास बताता है कि जहां नैतिकता और अर्थशास्त्र में टकराव होता है, वहां जीत हमेशा अर्थशास्त्र की होती है।"

    यह विचार दर्शाता है कि जब पैसों और नैतिकता में संघर्ष होता है, तो ज़्यादातर लोग नैतिकता को त्याग देते हैं। हमें इससे बचना चाहिए।

    9. "हमारे पास यह स्वतंत्रता किसलिए है? ताकि हम अपने सामाजिक व्यवस्था को सुधारें जो असमानता, भेदभाव और अन्याय से भरी है।"

    बाबा साहेब का मानना था कि राजनीतिक आजादी का असली मकसद सामाजिक समानता और न्याय लाना है।

    10. "एक महान आदमी एक प्रतिष्ठित आदमी से इस तरह अलग होता है कि वह समाज का सेवक होता है।"

    डॉ. अंबेडकर कहते हैं कि सच्ची महानता दूसरों की सेवा में है, न कि सिर्फ नाम और शोहरत कमाने में।

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