Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Working Hours के बाद भी देना पड़ता है ऑफिस के मेल का जवाब, तो कंपनी और कर्मचारी दोनों को होता है नुकसान

    Updated: Mon, 14 Oct 2024 07:11 PM (IST)

    आजकल काम और पर्सनल लाइफ की ब्राउंटी (work-life balance) ही मिट गई है। अगर आपको भी वर्किंग आवर्स के बाद ईमेल पर लगातार एक्टिव रहना पड़ता है तो यह आर्टिकल आपके लिए ही है। यहां हम आपको बताएंगे कि कैसे यह प्रैक्टिस (after-hours work) कर्मचारियों पर गैरजरूरी दबाव बनाती है और ऑफिस की प्रोडक्टिविटी को भी नुकसान पहुंचाती है। आइए जानें।

    Hero Image
    ऑफिस की प्रोडक्टिविटी और कर्मचारी की खुशी दोनों छीन सकता है Working Hours के बाद का मेल (Image Source: jagran.com)

    लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। आजकल की डिजिटल दुनिया ने काम और पर्सनल लाइफ (work-life balance) के बीच की बाउंड्री को धुंधला कर दिया है। स्मार्टफोन और ईमेल की आसान पहुंच ने हमें कभी भी, कहीं भी काम करने की सुविधा तो दे दी है, लेकिन साथ ही यह एक नई चुनौती भी पेश कर रही है। दरअसल, काम के घंटों के बाद भी ऑफिस का ईमेल का आना और उसका तुरंत जवाब देने का दबाव, कर्मचारियों के मानसिक स्वास्थ्य (mental health) और वर्क लाइफ बैलेंस को गंभीर रूप से प्रभावित कर रहा है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    लगातार एक्टिव रहने की उम्मीद, कर्मचारियों को तनाव, थकान और बर्नआउट की ओर धकेल रही है। ऐसे में, उनकी प्रोडक्टिविटी कम हो रही है और कंपनियों को भी इसका नुकसान उठाना पड़ रहा है। बता दें, हर वक्त उपलब्ध रहने का असल मतलब प्रोडक्टिव होना बिल्कुल नहीं है। आइए इस आर्टिकल में आपको इससे जुड़े सवालों का जवाब तलाशते हैं।

    कर्मचारी और कंपनी दोनों के लिए नुकसान

    एक हालिया शोध से चौंकाने वाले नतीजे सामने आए हैं। काम के घंटों के बाद लगातार ईमेल का जवाब देने से कर्मचारियों और कंपनियों दोनों को ही गंभीर नुकसान हो रहा है। अध्ययन से पता चला है कि काम के बाद ईमेल का दबाव कर्मचारियों में तनाव और बर्नआउट का प्रमुख कारण बन रहा है। न केवल यह, बल्कि यह कंपनी की उत्पादकता को भी बुरी तरह प्रभावित कर रहा है।

    यह भी पढ़ें- सिर्फ लंबे समय तक काम करना ही Workaholism नहीं, इन लक्षणों से भी कर सकते हैं इसकी पहचान

    आजकल, कर्मचारी सिर्फ ईमेल तक ही सीमित नहीं हैं। वे काम के लिए WhatsApp, टेलीग्राम जैसे अन्य संचार माध्यमों का भी इस्तेमाल कर रहे हैं। इसने ऑनलाइन कनेक्टिविटी के तरीकों में काफी बदलाव ला दिया है। यह सर्वेक्षण 315 कर्मचारियों पर किया गया था।

    पर्सनल लाइफ पर भी पड़ता है बुरा असर

    काम के घंटों के बाद ईमेल का लगातार जवाब देने से न केवल कर्मचारियों का मानसिक स्वास्थ्य प्रभावित होता है बल्कि उनके व्यवहार पर भी नकारात्मक असर पड़ता है। जब कर्मचारी हमेशा काम के बारे में सोचते रहते हैं, तो वे अपने निजी जीवन को पूरी तरह से आनंद नहीं ले पाते। इससे उनके परिवार और दोस्तों के साथ संबंधों में खटास आ सकती है। लगातार काम के दबाव में रहने से कर्मचारी चिड़चिड़े और तनावग्रस्त हो जाते हैं, जिसके चलते घरेलू कलह और पारिवारिक जीवन में दूरी बढ़ सकती है। यह न केवल कर्मचारी की कार्य क्षमता को कम करता है बल्कि उनके ओवरऑल लाइफ की क्वालिटी को भी बिगाड़ता है।

    यह भी पढ़ें- लंबी और हेल्दी लाइफ के लिए आज से रूटीन में शामिल करें ये आदतें, एक हफ्ते में बदल जाएगी आपकी जिंदगी