युवाओं को Diabetes का मरीज बना रहा मीठा खाने का शौक, बचाव के लिए माननी ही पड़ेंगी डॉक्टर की 5 सलाह
Diabetes अब सिर्फ बुजुर्गों तक ही सीमित नहीं रह गई है बल्कि यह युवा पीढ़ी को भी तेजी से अपनी चपेट में ले रही है (Diabetes In Young Adults) लेकिन एक हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाकर और डॉक्टर की बताई कुछ सलाह मानकर आप डायबिटीज से बचाव कर सकते हैं। आइए यशोदा सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल कौशांबी के वरिष्ठ एंडोक्रिनोलॉजिस्ट डॉ. राहुल चौड़ा से जानते हैं इसके बारे में।
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। भारत में टाइप 2 डायबिटीज (Type 2 Diabetes) अब एक आम समस्या बन चुकी है और सबसे हैरान करने वाली बात यह है कि यह बीमारी अब सिर्फ बुजुर्गों तक ही सीमित नहीं रही है। कई शोध इस बात की ओर इशारा करते हैं कि आजकल हर चौथा युवा इस बीमारी से प्रभावित हो रहा है। लाइफस्टाइल में बदलाव, खराब खानपान और फिजिकल एक्टिविटी की कमी इसकी बड़ी वजहों में से एक है। पहले यह बीमारी बुजुर्गों में ही पाई जाती थी, लेकिन अब युवा भी तेजी से इसके शिकार (Diabetes In Young Adults) हो रहे हैं। क्या इसका असर हमारी आने वाली पीढ़ियों पर भी पड़ेगा? आइए जानते हैं इस बढ़ते ट्रेंड के कारण और इससे बचने के उपाय, साथ ही डॉक्टर की सलाह।
डायबिटीज की चपेट में क्यों आ रहे युवा?
1) लाइफस्टाइल और डाइट में बदलाव
आजकल के युवाओं में फास्ट फूड और जंक फूड का सेवन तेजी से बढ़ रहा है। इन चीजों में भारी मात्रा में चीनी और सैचुरेटेड फैट होता है, जो शरीर में इंसुलिन रेजिस्टेंस को बढ़ाकर टाइप 2 डायबिटीज का खतरा बढ़ाती है। इसके अलावा, फिजिकल एक्टिविटी में कमी और ज्यादा समय तक बैठे रहने की आदत भी इस समस्या को और गंभीर बना रही है। युवाओं में कार्बोहाइड्रेट से भरपूर ड्रिंक्स, पैकेज्ड फूड आइटम्स और मिठाइयों का जरूरत से ज्यादा सेवन भी चिंता का कारण बन रहा है।
2) मेंटल स्ट्रेस और काम का दबाव
मॉडर्न लाइफस्टाइल में बढ़ते कम्पटीशन और टाइम की कमी के कारण युवाओं पर स्ट्रेस का बोझ लगातार बढ़ रहा है। लगातार काम का दबाव, एग्जाम्स का स्ट्रेस और पर्सनल प्रॉब्लम्स उनकी मेंटल हेल्थ पर गहरा असर डालती करती हैं। यह स्ट्रेस शरीर में हार्मोनल बदलाव की वजह बनता है, जो डायबिटीज के खतरे को बढ़ा सकता है।
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3) जेनेटिक कारण
अगर परिवार में किसी सदस्य को टाइप 2 डायबिटीज है, तो अन्य सदस्यों में भी इस बीमारी का खतरा बढ़ जाता है। हालांकि, हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाकर आप इस खतरे को काफी हद तक कम भी कर सकते हैं।
क्या कहते हैं डॉक्टर?
यशोदा सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल, कौशांबी के वरिष्ठ एंडोक्रिनोलॉजिस्ट डॉ. राहुल चौड़ा के मुताबिक, युवाओं में टाइप 2 डायबिटीज के मामलों में बढोतरी खासतौर से उनके खराब लाइफस्टाइल और खानपान की आदतों के कारण है। जंक फूड और शुगरी आइटम्स का ज्यादा सेवन, शरीर में इंसुलिन रेजिस्टेंस को बढ़ाकर डायबिटीज का कारण बनता है। इसके अलावा, फिजिकल एक्टिविटी में कमी और स्ट्रेस भी इस बीमारी के जोखिम को बढ़ाते हैं। डॉ. चौड़ा के बताते हैं कि हेल्दी डाइट, रेगुलर एक्सरसाइज और स्ट्रेस मैनेजमेंट के तरीकों को अपनाकर आप इस गंभीर बीमारी से बच सकते हैं।
इसके साथ ही डॉक्टर ने यह भी बताया कि चूंकि आजकल युवा स्मार्टफोन, वीडियो गेम और सोशल मीडिया पर ज्यादा समय बिताते हैं, जिससे फिजिकल एक्टिविटीज के लिए समय नहीं मिल पाता है। ऐसे में, ज्यादा समय तक बैठे रहने से मोटापा बढ़ता है और इंसुलिन रेजिस्टेंस का खतरा बढ़ जाता है, जो डायबिटीज का एक बड़ा कारण है।
डायबिटीज से बचाव के लिए क्या करें?
डायबिटीज एक गंभीर बीमारी है, लेकिन जरूरी देखभाल और हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाकर इसे बेहतर ढंग से कंट्रोल किया जा सकता है। आइए जानते हैं कि डायबिटीज से बचाव के लिए हम आप कर सकते हैं।
- हेल्दी डाइट: फलों, सब्जियों और पूरे अनाज जैसे पौष्टिक फूड आइटम्स को अपनी डाइट में शामिल करें। इनमें फाइबर की मात्रा ज्यादा होती है, जो ब्लड शुगर को स्थिर रखने में मदद करती है। ज्यादा चीनी और सैचुरेटेड फैट से परहेज करें।
- रेगुलर एक्सरसाइज: रोजाना कम से कम 30 मिनट की मॉडरेट इंटेंसिटी फिजिकली एक्टिविटी करें। यह वजन को काबू रखने, मांसपेशियों को मजबूत बनाने और इंसुलिन सेंसिटिविटी बढ़ाने में मदद करती है।
- स्ट्रेस मैनेजमेंट: योग, ध्यान और प्राणायाम जैसी हेल्दी हैबिट्स को अपनाकर आप स्ट्रेस को कम कर सकते हैं क्योंकि डायबिटीज को कंट्रोल करने में स्ट्रेस भी बाधा डाल सकता है।
- वेट मैनेजमेंट: हेल्दी वेट बनाए रखने के लिए बैलेंस डाइट और रेगुलर एक्सरसाइज का पालन करें। ज्यादा वजन होने से टाइप 2 डायबिटीज का खतरा बढ़ जाता है।
- भरपूर नींद: रोजाना 7-8 घंटे की नींद लेना जरूरी है। नींद की कमी ब्लड शुगर के स्तर को प्रभावित कर सकती है।
- रेगुलर हेल्थ चेकअप: डॉक्टर से रेगुलर हेल्थ चेकअप करवाएं और अपनी ब्लड शुगर को मॉनिटर करते रहें।
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Disclaimer: लेख में उल्लेखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो, तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।
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