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    सिर्फ सात मिनट की कसरत से आप रह सकते हैं चुस्त-दुरुस्त, बस करना होगा यह छोटा सा काम

    मोटापे के मामले में भारत दुनिया भर में अमेरिका और चीन के बाद तीसरे स्थान पर है। मोटापे से ग्रसित लोगों के लिए जाने-माने व्यायाम मनोविज्ञानी क्रिस जार्डन का विशुद्ध वैज्ञानिक आधार पर तैयार व्यायाम कार्यक्रम बेहद लाभप्रद हो सकता है। लैंसेट के एक अध्ययन से पता चलता है कि भारत में मोटापे की दर चिंताजनक है। यहां 70 प्रतिशत शहरी आबादी ज्यादा वजन वाली है।

    By Jagran News Edited By: Jeet Kumar Updated: Thu, 16 Jan 2025 05:30 AM (IST)
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    सिर्फ सात मिनट की कसरत से आप रह सकते हैं चुस्त-दुरुस्त (सांकेतिक तस्वीर)

     जेएनएन, नई दिल्ली। एक बहुत ही प्रचलित कहावत है-तंदुरुस्ती हजार नियामत है। अगर आप जिम नहीं जा सकते हैं और खुद को फिट रखना चाहते हैं तो यह खबर आपके लिए है। सिर्फ सात मिनट की कसरत न सिर्फ आपको चुस्त-दुरुस्त रख सकती है, बल्कि निष्क्रिय जीवनशैली से सक्रिय जीवनशैली में बदलाव लाने में भी मदद कर सकती है।

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    आपाधापी भरे इस जीवन में समयाभाव के कारण जहां लोग अपने स्वास्थ्य पर अपेक्षाकृत उचित ध्यान नहीं दे पाते, वहीं सात मिनट की इस कसरत के लिए न तो जिम जाने को मोटी रकम खर्च करने की कोई आवश्यकता है और न ही कोई भारी उपकरण की दरकार है। बस कुर्सी या बेंच ही पर्याप्त है। इनमें से कुछ व्यायामों में जंपिंग जैक, पुश-अप और क्रंचेस शामिल हैं।

    भारत में मोटापे की दर चिंताजनक

    लैंसेट के एक अध्ययन से पता चलता है कि भारत में मोटापे की दर चिंताजनक है। यहां 70 प्रतिशत शहरी आबादी ज्यादा वजन वाली है। मोटापे के मामले में भारत दुनिया भर में अमेरिका और चीन के बाद तीसरे स्थान पर है। मोटापे से ग्रसित लोगों के लिए जाने-माने व्यायाम मनोविज्ञानी क्रिस जार्डन का विशुद्ध वैज्ञानिक आधार पर तैयार व्यायाम कार्यक्रम बेहद लाभप्रद हो सकता है।

    व्यायाम कार्यक्रम को चुस्त-दुरुस्त रहने का रामवाण मान रहे लोग

    उल्लेखनीय है कि क्रिस जार्डन ने एक दशक से भी अधिक समय पहले एक व्यायाम कार्यक्रम तैयार किया था जो 'गतिहीन जीवन' जीने की समस्या को हल करता है..वो भी सिर्फ सात मिनट में! इसका उद्देश्य हर व्यायाम को अपनी शारीरिक गति के अनुकूल करना है। दुनिया में असमय बढ़ता मोटापा, समय की कमी और जिम अथवा महंगे व्यायाम उपकरण की खरीद में असमर्थ लोग क्रिस जार्डन के इस व्यायाम कार्यक्रम को चुस्त-दुरुस्त रहने का रामवाण मंत्र मानकर अपना रहे हैं।

    बढ़ती लोकप्रियता के इसी क्रम में जार्डन ने वाशिंगटन पोस्ट को बताया कि 30 सेकेंड में जितना हो सके उतने जंपिंग जैक करें। अगर यह किसी और के मुकाबले कम है तो तनाव न लें। उन्होंने बताया कि अपने शरीर के वजन के अनुरूप आप जंपिंग जैक कर सकते हैं। यह पारंपरिक हाई इंटेंसिटी इंटरवल ट्रेनिंग (एचआइआइटी) की उसी विचारधारा का अनुसरण करता है जिसमें पांच सेकेंड का विश्राम होता है।

    क्या होता है हाई इंटेंसिटी इंटरवल ट्रेनिंग

    हाई इंटेंसिटी इंटरवल ट्रेनिंग एक प्रकार का अंतराल प्रशिक्षण व्यायाम है। इसमें कई राउंड शामिल होते हैं जो कई मिनटों के अधिक मेहनत वाले व्यायामों के बीच बारी-बारी से हृदय गति को अधिकतम 80 प्रतिशत तक बढ़ाते हैं। इसके बाद आसान व्यायाम की छोटी अवधि होती है। हाई इंटेंसिटी इंटरवल ट्रेनिंग व्यायाम के तहत-वाल सीट्स, पुश-अप्स, ऐब क्रंच, स्टेप-अप, स्क्वैट, ट्राइसेप डिप आन द चेयर, प्लैंक, हाई नीज, लंगेज, साइड प्लैंक्स किए जा सकते हैं।

    ब्लड शुगर नियंत्रित रखने के लिए फायदेमंद

    दिल्ली स्थित कृष फिटनेस अकादमी की ट्रेनर किरण चुलानी शुरुआती और पेशेवर एथलीटों के लिए एचआइआइटी वर्कआउट के लाभों के बारे में बताती हैं कि यह वर्कआउट सभी स्तरों पर किसी की भी फिटनेस को बढ़ाने के लिए एक बहुत ही शक्तिशाली उपकरण हो सकता है। शुरुआती लोगों के लिए कम समय की प्रतिबद्धता का पालन करना आसान लगता है। एचआइआइटी इंसुलिन संवेदनशीलता में भी सुधार कर सकता है, जो ब्लड शुगर को नियंत्रित रखने के लिए फायदेमंद है।