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    थायरॉयड (Thyroid)

    By Priyanka SinghEdited By: Priyanka Singh
    Updated: Fri, 19 May 2023 03:50 PM (IST)

    थायरॉइड गले में पाई जाने वाली तितली के आकार की एक ग्रंथि होती है। जो सांस की नली के ऊपर होती है। यह मनुष्य में पाई जाने वाली सबसे बड़ी अतस्रावी ग्रंथियों में से एक होती है। इसी थायरॉइड ग्रंथि में गड़बड़ी से Thyroid से संबंधित रोग होते हैं।

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    थायरॉयड के कारण लक्षण बचाव एवं उपचार

    थायरॉयड हमारे शरीर में मौजूद एक बड़ी ग्रंथि है जो पुरुषों और महिलाओं दोनों के गले में स्थित होती है। यह अंतःस्रावी तंत्र में एक खास भूमिका निभाता है और पिट्यूटरी ग्रंथि द्वारा निकाले गए थायरॉयड उत्तेजक हार्मोन (टीएसएच) द्वारा नियंत्रित होता है। थायरॉयड द्वारा स्रावित हार्मोन चयापचय को नियंत्रित करते हैं। इसके अलावा दिल की धड़कन और कैलरी की खपत को भी कंट्रोल करता है। अगर किसी व्यक्ति को पाचन से जुड़ी दिक्कत है तो उसे हर वक्त ही थकावट, मसल्स में तनाव, चिड़चिड़ा मूड और वजन में एकदम से बदलाव होते रहते हैं। आइए जानते हैं इस बीमारी से जुड़ी जरूरी बातें।

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    थायरॉइड क्या है?

    थायरॉइड गले में पाई जाने वाली तितली के आकार की एक ग्रंथि होती है। ये सांस की नली की ऊपर होती है। यह मानव शरीर में पाई जाने वाली सबसे बड़ी अतस्रावी ग्रंथियों में से एक होती है। इसी थायरॉइड ग्रंथि में गड़बड़ी आने से ही थायरॉइड से संबंधित रोग होते हैं। थायरॉइड ग्लैंड थायरोक्सिन नाम का हार्मोन बनाती है। ये हार्मोन हमारे शरीर के मेटाबॉलिज्म से लेकर बॉडी में सेल्स को कंट्रोल करने का काम करता है। थायरॉइड हार्मोन शरीर के कई जरूरी फंक्शन्स को नियंत्रित करने का काम करता है। 

    थायरॉइड रोग होने के कारण 

    - अव्यवस्थित लाइफस्टाइल

    - खाने में आयोडीन कम या अधिकता

    - ज्यादा चिंता करना

    - वंशानुगत

    - गलत खानपान और देर रात तक जागना

    - डिप्रेशन की दवाइयों लेना

    - डायबिटीज

    - भोजन में सोया उत्पादों का अधिक इस्तेमाल

    थायराइड विकार के प्रकार

    - हाइपरथायरायडिज्म

    जिनमें पसीना आना, अतालता (अनियमित दिल की धड़कन), वजन कम होना, आंखें बाहर निकलना और घबराहट शामिल हैं।

    - हाइपोथायरायडिज्म

    इसमें थकान, वजन बढ़ना, अवसाद, हड्डियों का असामान्य विकास शामिल हो सकते हैं। 

    थायरॉइड हार्मोन क्या काम करता है?

    - यह हमारे शरीर में थायरोक्सिन हार्मोन वसा, प्रोटीन और कार्बोहाइड्रेट के चयापचय को नियंत्रित रखता है।

    - यह ब्लड में शुगर, कोलेस्ट्रॉल और फोस्फोलिपिड की मात्रा को कम करता है।

    - यह हड्डियों, पेशियों, लैंगिक और मानसिक विकास को कंट्रोल करता है।

    - हार्ट बीट और ब्लड प्रेशर को नियंत्रित रखता है।

    थायरॉइड के लक्षण 

    - घबराहट

    - अनिद्रा

    - चिड़चिड़ापन

    - हाथों का काँपना

    - अधिक पसीना आना

    - दिल की धड़कन बढ़ना

    - बालों का पतला होना एवं झड़ना

    - मांसपेशियों में कमजोरी एवं दर्द रहना

    - ज्यादा भूख लगना

    - वजन का घटना

    - महिलाओं में मासिक धर्म की अनियमितता

    - ओस्टियोपोरोसिस से से हड्डी में कैल्शियम तेजी से खत्म होना आदि।

    थायराॅइड से बचाव के उपाय 

    - रोजाना योग करना

    - किसी भी तरह का वर्कआउट रूटीन में शामिल करें।

    - रात में हल्दी का दूध पिएं।

    - सुबह की धूप लें।

    - नारियल तेल से बना खाना खाएं।

    -पर्याप्त मात्रा में नींद लें।

    - भोजन में ज्यादा से ज्यादा फल व सब्जियों को शामिल करें

    - हरी पत्तेदार सब्जियों का सेवन करें

    - पोषक तत्वों से भरपूर भोजन करें

    थायराॅइड में क्या नहीं खाना चाहिए?

    - धूम्रपान, एल्कोहल का सेवन नहीं करना चाहिए।

    - चीनी, चावल, ऑयली फूड का सेवन न करें।

    -  मसालेदार खाने से बचें।

    - मैदे से बनी चीजें खाने से परहेज करें। 

    - चाय और काॅफी का सेवन न ही करें तो बेहतर।

    थायरॉइड का इलाज क्या है?

    थायरॉइड से जुड़ी बीमारी मुख्य रूप से अनहेल्दी डाइट और तनाव लेने से होती है। ऐसे में सबसे पहले अपने खान-पान का ध्यान रखें और कम से कम स्ट्रेस लें। थायरॉइड के इलाज के लिए डॉक्टर से संपर्क करें। डॉक्टर जरूरी जांच के बाद दवाएं खाने की सलाह देते हैं। साथ ही साथ नियमित रूप से जांच भी करवाते रहें जिससे अगर ये कंट्रोल में रहा तो दवाएं बंद भी की जा सकती हैं। 

    Pic credit- freepik