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    World TB Day 2023: छूने से फैलता है टीबी! जानें ट्यूबरक्लॉसिस से जुड़े ऐसे ही कुछ आम मिथक और उनकी सच्चाई

    By Harshita SaxenaEdited By: Harshita Saxena
    Updated: Thu, 23 Mar 2023 05:26 PM (IST)

    World TB Day 2023 टीबी एक गंभीर बीमारी है जिसे लेकर आज भी लोगों के बीच कई सारी अफवाहें फैली हुई हैं। ऐसे में लोगों को इस बीमारी के प्रति जागरूक करने के मकसद से हर साल 24 मार्च को विश्व टीबी दिवस मनाया जाता है।

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    World TB Day 2023: टीबी से जुड़े आम मिथक और उनकी सच्चाई

    नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। World TB Day 2023: टीबी यानी ट्यूबरक्लॉसिस एक गंभीर बीमारी है, जो आमतौर पर फेफड़ों को प्रभावित करती है। यह एक जीवाणु संक्रमण है, जो समय से इलाज न मिलने पर गंभीर रूप ले सकती है। टीबी होने पर खूनी बलगम के साथ खांसी, बुखार, रात को पसीना आना, वज़न घटना जैसे लक्षण नजर आ सकते हैं। गंभीर स्थिति में यह बीमारी फेफड़ों के अलावा शरीर के अन्य भागों को भी प्रभावित कर सकती हैं। ऐसे में यह बेहद जरूरी है कि लोगों में इस बीमारी को लेकर जागरुकता फैलाई जाए। लोगों को इस बीमारी के प्रति जागरूक करने के मकसद से हर साल 24 मार्च को विश्व टीबी दिवस मनाया जाता है।

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    यह बीमारी बीते कई वर्षों से भारत में चिंता का विषय बनी हुई है। मौजूदा समय में भले ही इस बीमारी का इलाज मुमकिन है, लेकिन बावजूद इसके इससे जुड़े कई सारे मिथक और अफवाहें आज भी लोगों के बीच फैले हुए हैं। ऐसे में वर्ल्ड टीबी डे के मौके पर आज जानेंगे इस बीमारी से जुड़े कुछ आम मिथक और उनकी सच्चाई के बारे में-

    मिथकः छूने से फैलता है टीबी

    तथ्यः कई लोगों का यह मानना है कि टीबी छूआछूत की बीमारी है, जो किसी संक्रमित व्यक्ति के छूने से फैलती है। लेकिन यह बिल्कुल भी सच नहीं है। कोई भी पीड़ित व्यक्ति दूसरे व्यक्ति को तभी संक्रमित कर सकता है, जब पीड़ित व्यक्ति में कोई लक्षण विकसित हों। इसके अलावा टीबी संक्रमण तभी फैलता है, जब बैक्टीरिया फेफड़ों या फिर गले में हो। अगर बैक्टीरिया शरीर के किसी अन्य अंग जैसे किडनी या फिर स्पाइन में है, तो इससे कोई दूसरा व्यक्ति संक्रमित नहीं हो सकता है।

    मिथकः टीबी जेनेटिक बीमारी है

    तथ्यः आज भी कई लोग ऐसे हैं, जो यह मानते हैं कि टीबी एक जेनेटिक बीमारी है। हालांकि, सच्चाई इससे बिल्कुल विपरीत है। दरअसल, एक ही घर में रहने वाले लोगों को अक्सर यह बीमारी हो जाती है, जिसकी वजह से लोग इसे जेनेटिक बीमारी मानने लगे। लेकिन असल में एक साथ रहने वाले लोगों को यह बीमारी बैक्टीरिया के फैलने से होती है।

    मिथकः टीबी एक लाइलाज बीमारी है

    तथ्यः यह पूरी तरह से गलत है। टीबी एक लाइलाज बीमारी नहीं है। इसके इलाज पूरी तरह से मुमकिन है। अगर समय रहते इस बीमारी का इलाज कराया जाए, तो इससे निजात पाई जा सकती है। टीबी का इलाज 6 से 9 महीने लंबा हो सकता है।

    मिथकः टीबी जानलेवा साबित होती है

    तथ्यः यह बात भी पूरी तरह से गलत है। टीबी एक गंभीर बीमारी जरूर है, लेकिन इसका यह मतलब नहीं कि यह एक टीबी जानलेवा होती है। अगर सही तरीके और समय पर इसका इलाज किया जाए, तो इस बीमारी से ठीक हुआ जा सकता है।

    मिथकः टीबी सिर्फ फेफड़ों को प्रभावित करता है

    तथ्यः लोगों का यह मानना है कि टीबी सिर्फ फेफड़ों को ही प्रभावित करती है, लेकिन यह पूरी तरह सच नहीं है। टीबी की बीमारी मुख्य रूप से फेफड़ों को प्रभावित करती है, लेकिन खून के जरिए यह बीमारी आपके शरीर के अन्य अंगों पर भी असर डाल सकती है।

    Disclaimer: लेख में उल्लिखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।

    Picture Courtesy: Freepik