World Parkinson's Day 2022: पार्किंसन बीमारी को मैनेज करने के लिए कैसी होनी चाहिए डाइट?
World Parkinsons Day 2022 हर साल 11 अप्रैल को दुनियाभर में विश्व पार्किंसन दिवस मनाया जाता है ताकि लोगों को इस न्यूरोडीजेनेरेटिव बीमारी के बारे में जागरुक किया जाए। दुर्भाग्य से इस रोग का कोई इलाज नहीं है लेकिन डाइट की मदद से मैनेज किया जा सकता है।

नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। World Parkinson's Day 2022: वर्ल्ड पार्किंसन डे हर साल 11 अप्रैल को मनाया जाता है ताकि इस न्यूरोडीजेनेरेटिव बीमारी के बारे में लोगों को जागरुक किया जा सके। पार्किंसन के लक्षण कई हैं, जिसमें कांपना, अकड़न, संतुलन और समन्वय के मुद्दों से लेकर चलने और बात करने में कठिनाई जैसे लक्षण देखे जाते हैं।
यह दिन जेम्स पार्किंसन की वर्षगांठ का भी प्रतीक है, जिन्होंने 1817 में पहली बार इस बीमारी को पहचानते हुए लेख - 'एन एसे ऑन द शेकिंग पाल्सी' लिखा था।
न्यूरोडीजेनेरेटिव मूवमेंट डिसऑर्डर तब होता है जब मस्तिष्क के एक हिस्से में डोपामिन-उत्पादक कोशिकाएं जिसे थियोनिया नाइग्रा कहा जाता है, बिगड़ने लगती हैं। यह मुख्य रूप से 60 से अधिक लोगों को प्रभावित करता है, हालांकि कम उम्र के लोगों में भी इसका ख़तरा होता है।
इस बीमारी के लक्षणों में अंगों में थरथराहट, अकड़न, उठने-बैठने में समस्याएं, पॉश्चर और नींद से जुड़ी दिक्कतें शामिल हैं। दुर्भाग्य से पार्किंसंस रोग का कोई इलाज नहीं है, लेकिन डाइट में कुछ तरह के बदलाव करके इसे मैनेज किया जा सकता है।
कैसी होनी चाहिए पार्किंसन के मरीज़ों की डाइट?
1. एंटी-ऑक्सीडेंट से भरपूर फूड्स को डाइट में शामिल करें
एंटी-ऑक्सीडेंट्स से भरपूर फूड्स, जैसे कि रंग-बिरंगे फल और सब्ज़ियों का सेवन पार्किंसन के मरीज़ों को रोज़ाना करना चाहिए।
2. ऐसा खाना खाएं जिसे चबाना आसान हो
एक्सपर्ट्स का कहना है कि खाने को सही तरीके से चबाने और निगलने से जुड़ी दिक्कतें पार्किंसन बीमारी से पीड़ित लोगों में आमतौर पर देखी जाती है। ऐसे में मांस या अन्य सख़्त खाने की चीज़ों से दूर रहें, खासतौर पर जिन्हें चबाना मुश्किल होता है।
3. ओमेगा-3 फैटी एसिड्स खाएं
अध्ययनों में दिखाया गया है कि ओमेगा-3 फैटी एसिड्स का सेवन तंत्रिका सूजन को कम करने, न्यूरोट्रांसमिशन को बढ़ाने और न्यूरोडीजेनेरेशन को रोकने में मददगार साबित हो सकता है। पार्किंसन्स के मरीज़ों को ओमेगा-3 से भरपूर फैटी फिश या फिर ओमेगा-3 सप्लीमेंट का सेवन ज़रूर करना चाहिए।
4. चीनी और नमक का सेवन कम करें
पार्किंसन के रोगी को कम चीनी, सोडियम और नमक के सेवन की सलाह दी जाती है। इसके अलावा लक्षणों को मैनेज करने के लिए अनाज, सब्ज़ियों और फलों के खूब सेवन करना चाहिए।
5. प्रोसेस्ड फूड्स और डेयरी प्रोडक्ट्स का सेवन न करें
पार्किंसन बीमारी से पीड़ित व्यक्ति को प्रोसेस्ड या हाई कोलेस्ट्रॉल वाले फूड्स से दूरी बनानी चाहिए। प्रोसेस्ड फूड्स में डिब्बा बंद फल और सब्ज़ियां, चीज़, दही और लो-फैट दूध जैसे डेयरी प्रोडक्ट्स और यहां तक कि ऐसी खाने की चीज़ें जो कोलेस्ट्रॉल और सैचूरेटेड फैट से भरपूर होती हैं नहीं खानी चाहिए।
Disclaimer: लेख में उल्लिखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।

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