Back Image

Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck

    World No-Tobacco Day: स्मोकिंग की आदत बढ़ा सकती है पेनाइल कैंसर का खतरा, जानें इसकी अन्य वजहें व लक्षण

    By Priyanka SinghEdited By: Priyanka Singh
    Updated: Tue, 30 May 2023 09:31 AM (IST)

    World No-Tobacco Day दुनियाभर में 31 मई का दिन वर्ल्ड नो टोबैको डे के तौर पर मनाया जाता है। इसका मकसद लोगों को स्मोकिंग से होने वाले खतरों के प्रति जागरूक बनाना है। तो ज्यादा स्मोकिंग से पेनाइल कैंसर का खतरा बढ़ जाता है जानेंगे आज इसी बारे में।

    Hero Image
    World No-Tobacco Day: क्या है पेनाइल कैंसर इसके कारण व लक्षण

    नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। World No-Tobacco Day:  ब्रेस्ट, माउथ, लंग, स्किन कैंसर के बारे में तो आपने अक्सर ही सुना होगा, लेकिन क्या आप पेनाइल कैंसर से वाकिफ हैं? शायद नहीं, क्योंकि इस कैंसर के बारे में लोग कम ही बात करते हैं या कह सकते हैं कि बात करने में कतराते हैं। इसी वजह से इस कैंसर का पता लगाना थोड़ा मुश्किल हो जाता है। पेनाइल कैंसर पुरुषों में होने वाला कैंसर है, जो पीनस को प्रभावित करता है। समय रहते इसके लक्षणों पर ध्यान न देने पर यह घातक हो सकता है। तो किन वजहों से होता है पेनाइल कैंसर और किस तरह के लक्षण शरीर पर आते हैं नजर, आइए जान लेते हैं इस बारे में विस्तार से। 

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    क्या है पेनाइल कैंसर?

    पेनाइल कैंसर पुरुषों के पीनस यानी लिंग में या उसके ऊपर शुरू होता है। यह तब होता है जब लिंग में सामान्य रूप से हेल्दी सेल्स कैंसरग्रस्त हो जाती हैं और नियंत्रण से बाहर होने लगती हैं, जिससे एक ट्यूमर बन जाता है। समय रहते इस ओर ध्यान न देने पर यह कैंसर शरीर के अन्य अंगों में फैल सकता है। 

    क्या हैं पेनाइल कैंसर के कारण?

    1. स्मोकिंग 

    स्मोकिंग सिर्फ लंग कैंसर ही नहीं, बल्कि पेनाइल कैंसर की भी वजह बन सकती है। धूम्रपान की आदत शरीर के इंफेक्शन से लड़ने की क्षमता को धीमा कर सकता है। कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाती है, जिससे कैंसर तेजी से फैलने लगता है।

    2. कमजोर इम्यूनिटी

    हमारा इम्यून सिस्टम शरीर में किसी भी तरह के इंफेक्शन और कैंसर जैसी बीमारियों से लड़ने में मदद करता है, लेकिन अगर इम्यून सिस्टम कमजोर होता है, तो इस कैंसर के होने की संभावना बढ़ जाती है। एचआईवी या एड्स जैसी बीमारियां भी इम्यूनिटी की वजह से ही होती हैं। 

    3. ह्यूमन पेपिलोमा वायरस (एचपीवी)

    एचपीवी स्किन से स्किन टच से फैलता है। आमतौर पर ओरल इंटीमेटेशन के दौरान यह वायरस फैल सकता है। कैंसर रिसर्च यूके के अनुसार यूके में लगभग 10 में से 8 लोग (80%) अपनी लाइफ में कभी न कभी एचपीवी वायरस से संक्रमित होते हैं। ज्यादातर लोगों को यह वायरस कोई नुकसान नहीं पहुंचाता है और उपचार के बिना ही ठीक हो जाता है। लेकिन एचपीवी से ग्रस्त लोगों में पेनाइल कैंसर का जोखिम ज्यादा रहता है।

    4. फोरस्किन को हटाना

    सर्कम्सिशन या खतना फोरस्किन को हटाने के लिए किया जाने वाला एक मामूली ऑपरेशन है। ऐसा कहा जाता है कि जिन पुरुषों ने सर्कम्सिशन नहीं करवाया होता है, उनको कभी-कभी अपनी फोरस्किन को पीछे खींचने में तकलीफ हो सकती है। इसे फिमोसिस कहते हैं। फिमोसिस वाले पुरुषों में अन्य दूसरे पुरुषों की तुलना में पेनाइल कैंसर का खतरा ज्यादा होता है। लेकिन फिर भी अभी यह पूरी तरह से साबित नहीं हुआ है।

    क्या है पेनाइल कैंसर के लक्षण?

    - पीनस में से खून आना

    - बदबूदार डिस्चार्ज होना

    - पीनस का बढ़ा होना या दर्द होना

    - जेनाइटल पर दाने या रैश होना

    - फोरस्किन को पीछे खींचने में दर्द होनाा

    पेनाइल कैंसर के जोखिम को कैसे कम करें? 

    धूम्रपान अवॉयड करें

    धूम्रपान की आदत छोड़ने से इस कैंसर के होने की संभावनाओं को काफी हद तक कम किया जा सकता है। 

    स्वच्छता का ख्याल रखें

    साफ-सफाई का खास ख्याल रखें। इससे किसी भी तरह के संक्रमण होने का खतरा कम हो जाता है। 

    फिमोसिस का इलाज कराएं

    खतना न होने वाले पुरुषों में फिमोसिस के होने की कई वजहें हैं, जिनमें इंफेक्शन से लेकर साफ-सफाई न रखना शामिल है। तो इन कारणों की करें और इसका तुरंत जरूरी इलाज कराएं। इससे भी पेनिस कैंसर के होने की संभावनाओं को कम कर सकते हैं।

    एचपीवी वैक्सीन लें

    एचपीवी को रोकने के लिए आपको वैक्सीन लेना चाहिए। वैसे नॉर्मली 9 से 26 साल की उम्र में ये टीका लगवा लेना चाहिए। अगर आप 26 साल से ज्यादा उम्र के हैं, तो टीका लगवाना कितना सुरक्षित रहेगा इस बारे में डॉक्टर से सलाह-मशविरा कर लें। 

    Pic credit- freepik