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    World Malaria Day 2021: जानें पहली बार कब मनाया गया था यह दिन और थीम के साथ ही इसके लक्षण एवं बचाव

    हर साल इस विश्व मलेरिया दिवस को मनाने का उद्देश्य मलेरिया को नियंत्रित करने के साथ विश्वयापी प्रयासों को मान्यता देता है। इस क्रम में आइए जानें कि पहली बार कब मनाया गया था यह विश्व मलेरिया दिवस।

    By Priyanka SinghEdited By: Updated: Sun, 25 Apr 2021 09:18 AM (IST)
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    world Malaria day का नियॉन साइन बोर्ड

    आज वर्ल्ड मलेरिया डे है। इस दिन का मुख्य उद्देश्य मलेरिया से लोगों को जागरूक करना और उनकी जान की रक्षा करना है। यह दिन मलेरिया जैसी गंभीर बीमारी की ओर लोगों का ध्यान आकर्षित करने, उसके निवारण और नियंत्रण को ध्यान में रखकर मनाया जाता है। हर साल इस विश्व मलेरिया दिवस को मनाने का उद्देश्य मलेरिया को नियंत्रित करने के विश्वयापी प्रयासों को मान्यता देता है। इस क्रम में आइए जानें कि पहली बार कब मनाया गया था यह विश्व मलेरिया दिवस।

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    वह था पहला मौका

    पहली बार विश्व मलेरिया दिवस 25 अप्रैल 2008 को मनाया गया था। यूनिसेफ द्वारा इस दिन को मनाने का उद्देश्य मलेरिया जैसे खतरनाक रोग पर जनता का ध्यान केंद्रित करना था, जिससे हर साल लाखों लोग अपनी जान गंवाने को मजबूर हो जाते हैं। विकासशील देशों में मलेरिया कई मरीजों के लिए मौत का पैगाम बनकर सामने आता है। मलेरिया मच्छरों से होने वाला एक तरह का संक्रामक रोग है। जो फीमेल एनोफिलीज मच्छर के काटने से होता है। इसे डॉक्टरी भाषा में प्लाज्मोडियम कहा जाता है। इस रोग से पीड़ित इस बात को जानते होंगे कि मलेरिया फैलाने वाली इस मादा मच्छर में जीवाणु की 5 जातियां होती हैं।

    मलेरिया रोग के लक्षण

    मलेरिया के लक्षण मादा मच्छरों के काटने के छह से आठ दिन बाद शुरू हो सकते हैं।

    - ठंड लगकर बुखार का आना और बुखार के ठीक होने पर पसीने का आना।

    - थकान, सिरदर्द

    - मांसपेशियों के दर्द, पेट की परेशानी

    - उल्टियां होना

    - बेहोशी आना

    - एनीमिया, त्वचा की पीली रंग की विकृति

    तो हमने देखा कि मलेरिया रोग मादा मच्छर के काटने से होता है। जिसके कारण रक्त में प्लास्मोडियम नामक परजीवी फैल जाता है और इससे जान भी जा सकती है।

    बचाव

    मलेरिया से बाचव का सबसे अच्छा उपाय है मच्छरदानी में सोना और घर के आसपास जमा पानी से छुटकारा पाना। इसके अलावा रुके हुए पानी में स्थानीय नगर निगम कर्मियों या मलेरिया विभाग द्वारा दवाएं छिड़कवाना, गंबूशिया मछली के बच्चे छुड़वाना आदि उपाय भी जरूरी है। यह मछली मलेरिया के कीटाणु मानव शरीर तक पहुंचाने वाले मच्छरों के लार्वा पर पलती है।

    इलाज

    अगर मरीज में ऊपर लिखे लक्षण सामने आ रहे हैं तो जल्द से जल्द डॉक्टर से सलाह लें और उचित दवाएं शुरू करें। बच्चों और गर्भवती महिलाओं के मामले में अतिरिक्त सावधानी की जरूरत होती है।

    विश्व मलेरिया दिवस 2021 की थीम

    हर साल मलेरिया दिवस की एक थीम निर्धारित की जाती है जिस पर वैज्ञानिक से लेकर चिकित्सक तक अपनी रिसर्च और काम करते हैं। इस साल की थीम है 'जीरा मलेरिया लक्ष्य की ओर बढ़ना है।' 

    Pic credit- freepik