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    World Liver Day 2024: कैसे फैटी लिवर की वजह बन सकती हैं आपकी पसंदीदा शुगर ड्रिंक्स?

    Updated: Fri, 19 Apr 2024 02:52 PM (IST)

    19 अप्रैल को हर साल वर्ल्ड लिवर डे (World Liver Day 2024) मनाया जाता है जिसका मकसद शरीर के इस सबसे बड़े और जरूरी ऑर्गन से जुड़ी समस्याओं को लेकर लोगों को जागरूक करने का है। आइए इस मौके पर उन फूड्स और ड्रिंक्स के बारे में जानते हैं जिनका सेवन करके हम जाने अनजाने अपने लीवर को नुकसान पहुंचाने का काम करते हैं।

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    एक्सपर्ट से जानिए कैसे फैटी लिवर का कारण बन सकती हैं आपकी पसंदीदा शुगर ड्रिंक्स

    लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। World Liver Day 2024: हर साल 19 अप्रैल को दुनियाभर में 'वर्ल्ड लिवर डे' मनाया जाता है। लिवर शरीर का सबसे बड़ा और जरूरी ऑर्गन होता है। आजकल के लाइफस्टाइल में गलत खानपान के कारण लिवर में फैट जमा होने लगता है, जिससे फैटी लिवर की समस्या बढ़ती है। बता दें, इसमें अल्कोहलिक फैटी लीवर (एएलडी) या नॉन अल्कोहलिक फैटी लिवर रोग (एनएएफएलडी) होता है, जो कि वक्त रहते इलाज न मिलने पर गंभीर रूप भी ले सकता है।

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    कोलंबिया विश्वविद्यालय के सर्जरी विभाग ने अपनी वेबसाइट पर बताया है, कि लिवर शरीर में खून की आपूर्ति से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालता है, ब्लड शुगर लेवल को हेल्दी रखता है और ब्लड क्लॉट बनने से बचाता है। अमेरिकन लिवर फाउंडेशन की मानें, तो लिवर शरीर के 500 से ज्यादा अलग-अलग फंक्शन में बड़ी भूमिका निभाने वाले मेहनती अंगों में से एक है। लिवर के ज्यादातर फंक्शन मेटाबॉलिज्म से जुड़े होते हैं, ऐसे में इस बात पर ध्यान देना काफी जरूरी हो जाता है कि हम क्या खाते हैं।

    क्यों होती है फैटी लिवर की समस्या?

    क्या आप जानते हैं कि आपकी कुछ पसंदीदा फूड आइटम्स आपके लिवर के कामकाज में बाधा डाल सकती हैं? जी हां, ऐसा तब होता है जब एक्सट्रा शुगर वाले खाद्य या पेय पदार्थों का जरूरत से ज्यादा सेवन किया जाता है। फ्राइड फूड, अल्कोहल और प्रोसेस्ड मीट जैसी कई चीजें इसमें शामिल हैं। इन खाद्य पदार्थों के ज्यादा सेवन से फैटी लीवर रोग के विकसित होने का खतरा बढ़ सकता है। इस बारे में योग और आयुर्वेद की लाइफस्टाइल स्पेशलिस्ट, नमिता चंद्रा पिपरिया ने एक वीडियो में बताया है कि फैटी लीवर की समस्या क्यों होती हैं। आइए जानें।

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    क्लिप में, एक्सपर्ट ने शरीर के अलग-अलग अंगों जैसे आंत, रक्त, कोशिकाएं, लीवर और ब्रेन की भूमिका बताई है। उन्होंने बताया कि एक बार जब हम खाना खाते हैं, तो हमारी आंत ग्लूकोज मॉलिक्यूल्स को ब्लड में बदलकर इसे एनर्जी के लिए पूरे शरीर में ले जाती है, और लीवर ज्यादा चीनी को ट्राइग्लिसराइड्स (एक प्रकार की वसा) में परिवर्तित करता है जो वसा कोशिकाओं में चला जाता है। हालांकि, शुगरी ड्रिंक्स के ज्यादा सेवन के साथ, लीवर पर भार भी बढ़ जाता है। यह वसा जमा करना शुरू कर देता है और जल्द ही आपको नॉन-अल्कोहलिक फैटी लिवर (एनएएफएलडी) की समस्या हो जाती है।

    वीडियो के कैप्शन में, नमिता चंद्रा पिपरिया बताती हैं कि "किसी भी चीज ज्यादा सेवन करने से, चाहे फिर वह ग्लूकोज ही क्यूं न हो, फैटी लिवर (एनएएफएलडी) का कारण बन सकती है। लेकिन फ्रुक्टोज (चीनी का प्रकार) कई कारणों से दिक्कत बढ़ाने वाला है। बड़ी बात यह है कि यह ओवरईटिंग को बढ़ावा देता है क्योंकि यह बड़े पैमाने पर हाई प्रोसेस्ड फूड्स, खासतौर से मीठे पेय पदार्थों में पाया जाता है। वे बताती हैं कि जब इसमें फ्रुक्टोज मिलाया जाता है तो यह और भी बड़ी चुनौती है क्योंकि यह भोजन को अत्यधिक स्वादिष्ट बना देता है।"

    उन्होंने आगे समझाया है, कि चूंकि फ्रुक्टोज बड़े पैमाने पर लिवर में प्रोसेस्ड किए जाते हैं, जिससे फैट तेजी से बढ़ता है। आपकी गट लिवर को फ्रुक्टोज से बचाने की कोशिश करती है, लेकिन जब इसका बहुत ज्यादा सेवन किया जाता है तो वह हार मान जाती है और गट हेल्थ के बैक्टीरिया में असंतुलन पैदा हो जाता है और चूंकि लिवर ब्लड शुगर लेवल को मैनेज करने में बहुत अहम भूमिका निभाता है, ऐसे में एक बार जब हम एनएएफएलडी (या एमएएफएलडी) के शिकार हो जाते हैं तो लिवर शुगर को उतनी कुशलता से नियंत्रित नहीं कर पाता है, जिससे टी2 डायबिटीज का खतरा बढ़ जाता है।

    फल खाना सही या गलत?

    क्या आपके मन में भी ये सवाल खड़ा हो रहा है कि फलों का सेवन करना ठीक है या नहीं, क्योंकि इनमें फ्रुक्टोज भी होता है। तो आपको बता दें कि ये अक्सर पूछे जाने वाले सवालों में से है। कमेंट सेक्शन में, एक्सपर्ट बताते हैं कि शुगरी ड्रिंक्स में फ्रुक्टोज "फ्रुक्टोज का हाई प्रोसेस्ड फॉर्म होता है जो एक्स्ट्रा टेस्टी होने के साथ सूजन पैदा करने वाला भी होता है। इसके अलावा ये प्रोसेस्ड शुगरी ड्रिंक्स भूख शांत करने वाले नहीं होते हैं और ज्यादा सेवन का कारण बनते हैं।"

    वहीं, दूसरी जगह फ्रूट्स फाइबर रिच होने के कारण भूख को शांत करते हैं, यही वजह है कि आप एक-दो से ज्यादा सेब नहीं खा सकते हैं। ऐसे में सीमित मात्रा में फल खाना सही माना गया है, जो फैटी लीवर समेत अन्य मेटाबॉलिक समस्याओं की वजह नहीं बनता है, लेकिन अगर बात आम, लीची या खरबूजा आदि की होती है, तो इन्हें खाते वक्त सावधानी बरतना जरूरी होता है, क्योंकि इसके ज्यादा सेवन का खतरा रहता है।

    फैटी लिवर से बचाव के लिए इन बातों का रखें ख्याल

    एक हेल्थ वेबसाइट के मुताबिक, फैटी लीवर रोग को रोकने के लिए कुछ बातों का ध्यान रखना बेहद जरूरी होता है। आइए जानें।

    • अधिक मात्रा में शराब के सेवन से लिवर में फैट का निर्माण हो सकता है।
    • कैंडी, कुकीज, सोडा और फलों के रस जैसे मीठे खाद्य पदार्थ से परहेज करना चाहिए।
    • तले हुए खाद्य पदार्थ फैट और कैलोरी की मात्रा बढ़ा सकते हैं, जिससे फैटी लिवर रोग के विकास का खतरा हो सकता है।
    • ज्यादा नमक वाले खाद्य पदार्थों का सेवन भी सीमित मात्रा में करना चाहिए। स्टडीज से पता चला है कि हाई सोडियम के सेवन एनएएफएलडी का जोखिम रहता है।
    • प्रोसेसड व्हाइट फ्लोर से बनी वस्तुएं जैसे ब्रेड और पास्ता भी ज्यादा नहीं खाना चाहिए।
    • हाई प्रोसेस्ड मीट के सेवन से भी दूरी बनानी चाहिए, क्योंकि इनमें सैचुरेटेड फैट ज्यादा पाया जाता है।
    • आप क्या खा रहे हैं इस पर नजर बनाए रखें, ओवरईटिंग से बचें और अपने लिवर को हेल्दी रखें।

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    Disclaimer: लेख में उल्लेखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।

    Picture Courtesy: Freepik

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