World Immunization Week 2025: जानलेवा हो सकता है टिटनेस इन्फेक्शन! जानें कब लगवाएं इसकी वैक्सीन
कई खतरनाक बीमारियों से बचाव के लिए उनकी वैक्सीन लेना कितना जरूरी है इस बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए अप्रैल के आखिरी सप्ताह में वर्ल्ड इम्युनाइजेशन वीक (World Immunization Week 2025) मनाया जाता है। टिटनेस की वैक्सीन एक बेहद कॉमन वैक्सीन है लेकिन टिटनेस से बचाव के लिए यह बेहद जरूरी है। आइए जानें यह वैक्सीन कब लेनी चाहिए और यह क्यों जरूरी है।

लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। टिटनेस (Tetanus) एक गंभीर बैक्टीरियल इन्फेक्शन है, जो क्लोस्ट्रीडियम टेटनी नाम के बैक्टीरिया के कारण होता है। यह बैक्टीरिया मिट्टी, धूल, लोहे की जंग और जानवरों के मल में पाया जाता है। शरीर में कटने, छिलने या गहरे घाव होने पर यह इन्फेक्शन फैल सकता है। टिटनेस के लक्षणों (Tetanus Symptoms) में मांसपेशियों में अकड़न, दर्दनाक ऐंठन, जबड़े का लॉक होना (लॉकजॉ) और सांस लेने में तकलीफ शामिल हैं।
गंभीर मामलों में यह जानलेवा भी हो सकता है। लेकिन अच्छी खबर यह है कि टिटनेस वैक्सीन के जरिए इससे पूरी तरह बचा जा सकता है। आइए World Immunization Week 2025 के मौके पर डॉ. अजय कुमार गुप्ता (मैक्स सुपर स्पेशिलिटी हॉस्पिटल, वैशाली के इंटरनल मेडिसिन के डिपार्टमेंट हेड) से जानते हैं कि टिटनेस की वैक्सीन कब लेनी चाहिए, यह क्यों जरूरी है (Why Tetanus Vaccine is Necessary) और यह काम कैसे करता है (Tetanus Prevention Tips)?
टिटनेस वैक्सीन कब लेनी चाहिए?
टिटनेस वैक्सीन आमतौर पर बचपन में ही दी जाती है, जिसे DTP (डिप्थीरिया, टिटनेस और पर्टुसिस) या DTaP वैक्सीन के रूप में लगाया जाता है। यह बच्चों को लगनी वाली वैक्सीन का हिस्सा होता है। बचपन में लगे शुरुआती डोज के बाद, सुरक्षा के लिए हर 10 साल पर इसका बूस्टर शॉट लेते रहना चाहिए।
साथ ही, अगर कोई प्रग्नेंट महिला है, जो डॉक्टर उसे भी यह वैक्सीन लगवाने की सलाह देते हैं। इसके अलावा, अगर आपको कोई गहरी चोट लग गई है (जैसे लोहे की चोट, जंग लगी वस्तु से कटना, मिट्टी में हुई चोट), और आपने पिछले 5 सालों में टिटनेस का शॉट नहीं लिया है, तो भी यह वैक्सीन लगवानी चाहिए।
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टिटनेस वैक्सीन क्यों जरूरी है?
- टिटनेस बैक्टीरिया हर जगह मौजूद है- यह मिट्टी, धूल, लकड़ी और जानवरों के मल में पाया जाता है। किसी भी चोट के जरिए यह शरीर में घुस सकता है।
- इन्फेक्टेड व्यक्ति से व्यक्ति में नहीं फैलता- टिटनेस फैलने वाली बीमारी नहीं है। यानी यह एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में नहीं फैलती। इसलिए वैक्सीन ही इससे बचाव का एकमात्र तरीका है।
- गंभीर कॉम्प्लिकेशन्स हो सकते हैं- अगर समय पर इलाज न मिले, तो टिटनेस से मांसपेशियों में पैरालाइसिस, सांस लेने में दिक्कत और मौत तक हो सकती है।
टिटनेस वैक्सीन कैसे काम करती है?
टिटनेस वैक्सीन शरीर की इम्युनिटी को टेटनोस्पाज्मिन नाम के जहरीले पदार्थ के खिलाफ एंटीबॉडी बनाने में मदद करती है। जब वैक्सीन लगती है, तो शरीर इस बैक्टीरिया को पहचानना सीख लेता है, ताकि अगर भविष्य में टिटनेस बैक्टीरिया शरीर में घुसे, तो इम्यून सिस्टम तुरंत उससे लड़ने के लिए तैयार होता है।
बूस्टर डोज क्यों जरूरी है?
टिटनेस वैक्सीन की इम्युनिटी समय के साथ कम होने लगती है। इसलिए हर 10 साल में बूस्टर लगवाना जरूरी है ताकि शरीर में एंटीबॉडीज बनी रहें।
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