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    World Homoeopathy Day: होम्योपैथी डे पर जानें इससे जुड़े कुछ मिथ और उनके पीछे का सच

    By Priyanka SinghEdited By: Priyanka Singh
    Updated: Mon, 10 Apr 2023 08:04 AM (IST)

    World Homoeopathy Day होम्योपैथी के बारे में लोगों की जागरूकता पहले से काफी बढ़ रही है लेकिन फिर भी लोगों के मन में इस चिकित्सा पद्धति को लेकर कई सारी भ्रम हैं। तो आइए जानते हैं ऐसी ही कुछ मिथ्स और उनके पीछे का सच।

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    World Homoeopathy Day: होम्योपैथी डे पर जानें इससे जुड़े कुछ मिथ और उनके पीछे का सच

    नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। World Homoeopathy Day: होम्योपैथी और मेडिकल फील्ड में इसके योगदान के बारे में जागरूकता फैलाने के मकसद से हर साल 10 अप्रैल को विश्व होम्योपैथी दिवस मनाया जाता है। यह दिन डॉ क्रिश्चियन फ्राइडरिक सैम्यूल हैनीमेन (Christian Friedrich Samuel Hahnemann) के जन्मदिवस के उपलक्ष्य में भी मनाया जाता है। 1755 में पेरिस में पैदा हुए हैनीमेन ने चिकित्सा की इस शाखा की स्थापना की और उन्हें होम्योपैथी का जनक माना जाता है।

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    उपचार के अन्य तरीकों की अपेक्षा होम्योपैथी इलाज सस्ता होता है। होम्योपैथी शरीर के किसी हिस्से का उपचार करने के बजाय पूरी शरीर का उपचार करता है। लेकिन होम्योपैथी को लेकर लोगों के मन में कई सारी भ्रांतियां हैं और इसी वजह से शायद इसे उतना महत्व नहीं दिया जाता। तो आज हम एक्सपर्ट से जानेंगे ऐसी ही कुछ भ्रांतियों और उनके पीछे का सच।

    होम्योपैथी से जुड़े मिथ और उनके पीछे का सच

    भ्रम: होम्योपैथी और एलोपैथी दवाओं का एक साथ नहीं कर सकते सेवन।

    सच्चाईः नहीं ऐसा नहीं है, होम्योपैथिक दवाओं को अन्य पारंपरिक उपचारों के साथ लिया जा सकता है। एक मिथक है कि इसे नहीं लिया जा सकता, जो बिल्कुल गलत है। हमारे पास आने वाले अधिकांश रोगी पहले मधुमेह या उच्च रक्तचाप जैसे रोगों के लिए पारंपरिक या हर्बल उपचार के किसी न किसी रूप में होते हैं। हम उनसे एलोपैथिक दवा को तुरंत बंद करने के लिए नहीं कहते, लेकिन इसे कम करने में मदद करते हैं।

    भ्रमः होम्योपैथी दवाओं के असर के लिए उसका कोर्स पूरा करना जरूरी है?

    सच्चाईः हां, किसी भी उपचार का कोर्स पूरा करना जरूरी है और होम्योपैथी के मामले में भी यही बात लागू होती है। हर दवा एक निश्चित तरीके से काम करती है। दवाओं के कोर्स का टाइम भी बीमारी की गंभीरता पर निर्भर करता है।

    भ्रमः होमियोपैथी दवाओं के साइड इफेक्ट्स नहीं होते?

    सच्चाईः होम्योपैथिक उपचारों के दुष्प्रभाव नहीं देखे गए हैं क्योंकि वे प्राकृतिक, सुरक्षित और रसायनों, एडिटिव्स या स्टेरॉयड से फ्री हैं। एक सुरक्षित और प्रभावी उपचार पद्धति के रूप में, इसमें कोई एडवर्स ड्रग रिएक्शन (एडीआर) नहीं पाई गई है। इस समग्र उपचार प्रणाली का उपयोग मोटापे, एलर्जी, बालों के झड़ने, चिंता, अवसाद, गठिया, मधुमेह, पुराने दर्द और दर्द सहित कई बीमारियों के इलाज के लिए सुरक्षित रूप से किया जा सकता है। इस उपचार प्रणाली का उपयोग शिशुओं, गर्भवती महिलाओं और वरिष्ठ नागरिकों द्वारा किया जाता है।

    भ्रमः होम्योपैथी दवाओं के असर में बहुत लंबा वक्त लगता है?

    सच्चाईः लोगों में यह भ्रम है कि होम्योपैथी उपचार धीमा है। हालांकि यह सच नहीं है क्योंकि होम्योपैथी ने गंभीर बीमारियों के इलाज में वर्षों से उत्कृष्ट परिणाम दिखाए हैं और तथ्य यह है कि होम्योपैथी बीमारी को जड़ से खत्म कर देती है, यही एक कारण है कि लोग इसे पसंद करते हैं। उपचार के अन्य तरीके त्वरित परिणाम दे सकते हैं लेकिन वे लंबे समय में लाभकारी नहीं हो सकते हैं।

    (Dr Mukesh Batra, Padma Shri Recipient, Founder and Chairman, Dr Batra’s Group of Companies से बातचीत पर आधारित)

    Pic credit- freepik