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    World Heart Day 2022: युवाओं में क्यों ज़्यादा देखे जा रहे हैं दिल की बीमारी के मामले? जानें एक्सपर्ट्स की राय

    By Ruhee ParvezEdited By:
    Updated: Thu, 29 Sep 2022 09:42 AM (IST)

    World Heart Day 2022 हर साल वर्ल्ड हार्ट डे मनाया जाता है ताकि लोग अपने दिल की सेहत को लेकर जागरुक हो सकें। कोरोना वायरस महामारी ने दिल की बीमारियों को आम बना दिया है। ऐसे में जानें कि हम अपने दिल को किस तरह मज़बूत बना सकते हैं।

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    युवाओं में क्यों बढ़ रही हैं दिल की बीमारियां?

    नई दिल्ली, रूही परवेज़। World Heart Day 2022: कोविड-19 के बाद सडन कार्डिएक डेथ यानी अचानक कार्डिएक अरेस्ट होने से मौत एक बड़ी चिंता बढ़ गई है। जबकि सडन कार्डिएक डेथ और कोविड के बीच सीधा संबंध होने की बात अभी तक साबित नहीं हो पाई है। इसे देखते हुए स्वस्थ जीवनशैली अपनाना बहुत आवश्यक हो गया है। जिसमें बड़ी मात्रा में फ्लुइड्स लेना और संतुलित आहार का सेवन करना शामिल है।

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    हर साल 29 सितंबर को विश्व हृदय दिवस मनाया जाता है ताकि लोगों को दिल की सेहत के बारें में जागरुक किया जा सके। इस साल बढ़ते हार्ट अटैक और कार्डियेक अरेस्ट के मामलों के बीच ये दिन ज़्यादा महत्व रखता है।

    हेल्थप्लिक्स EMR प्लेटफॉर्म के मुख्य इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजिस्ट, डॉ. रोहित चोपड़ा ने कहा, "भारत के शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों मे ह्रदय से सम्बंधित बीमारियों का प्रकोप हाल के समय में काफ़ी ज्यादा बढ़ गया है। दिल से सम्बन्धित बीमारियों की वजह से भारत में मौतें ज्यादा हो रही हैं। कोविड-19 के बाद यह स्थिति और भी ज्यादा भयानक हो गई है। अब युवा लोगों में भी सडन कार्डिएक अरेस्ट और एक्यूट हार्ट अटैक ज्यादा देखने को मिल रहा है। डायबिटीज, हाइपरटेंशन, हाई कोलेस्ट्रॉल, स्मोकिंग, मोटापा और स्ट्रेस से ह्रदय से सम्बन्धित बीमारियां ज्यादा हो रही हैं। यह समय की मांग है कि ह्रदय के स्वास्थ्य को ज्यादा महत्त्व दिया जाए और इससे सम्बन्धित बीमारियों के बारे में ज्यादा जागरूक रहा जाए और स्वस्थ लाइफस्टाइल को अपनाया जाए।

    दिल की बीमारी से बचने के लिए क्या करें?

    नोएडा के फोर्टिस हॉस्पिटल में कार्डिएक साइंसेज़ के चेयरमैन, डॉ. अजय कौल ने बताया कि अगर कोविड होने के बाद आप कार्डिएक संबंधी समस्या से जूझ रहे हैं, तो बेहतर होगा कि आप बहुत थका देने वाले व्यायाम नहीं करें। बॉडी बिल्डिंग या किसी भी तरह की एक्सरसाइज़ शुरू करने या सप्लीमेंट्स लेने से पहले मेडिकल प्रोफेशनल से सलाह अवश्य कर लें। कोई भी दवा लेने से पहले व्यक्ति को डॉक्टर से सलाह अवश्य करनी चाहिए क्योंकि इसके कारण खून के गाढ़ा होने की समस्या शुरू हो सकती है।

    1. स्वस्थ जीवनशैली का पालन करना हमेशा ही अच्छा रहता है। जिसमें धूम्रपान से परहेज़, नियमित तौर पर व्यायाम करना, अधिक मात्रा में फ्लुइड्स का सेवन करना, अधिक तनाव वाले ऐसे व्यायाम नहीं करना जिनसे स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है, शामिल है।
    2. नियमित रूप से ऐसे भोजन करें जिससे शरीर को पूरा पोषण मिले। साथ ही जंक फूड से परहेज़ करें और योग जैसे व्यायाम करें।
    3. जिम ट्रेनर्स इतने अनुभवी या योग्य नहीं होते हैं कि वे हैवी वर्कआउट कराते हुए आपकी रक्षा भी कर सकें। गंभीर कार्डिएक बीमारियों से पीड़ित लोगों को हैवी वर्कआउट से बचना चाहिए।
    4. हृदय से संबंधित समस्या जैसे कार्डियोमायोपैथी या हाइपरट्रोफिक कार्डियोमायोपैथी के कारण हैवी वर्कआउट के दौरान मौत होने की आशंका बढ़ जाती है। कुछ अन्य कंडीशंस भी इसके लिए ज़िम्मेदार होती हैं जैसे कॉन्जेनिटल हार्ट डिज़ीज़ जिनकी ओर ध्यान नहीं जाता है या फिर उनके कोई लक्षण नहीं दिखाई देते हैं। ये सिर्फ भारी-भरकम व्यायाम की परिस्थितियों में ही दिखते हैं।
    5. सडन कार्डिएक डेथ के मामले बढ़ने की एक वजह बढ़ता मानसिक तनाव और दिनभर बैठी रहने वाली जीवनशैली भी है जिसका आजकल युवाओं में काफी चलन है और इसकी वजह से उनकी दैनिक दिनचर्या भी प्रभावित होती है।

    Disclaimer: लेख में दिए गए सुझाव और टिप्स सिर्फ सामान्य जानकारी के उद्देश्य के लिए हैं और इसे पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। किसी भी तरह के सवाल या परेशानी हो तो फौरन अपने डॉक्टर से सलाह करें।

    Picture Courtesy: Freepik