Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    World Health Day 2025: मेल फर्टिलिटी पर सीधा असर डालता है स्ट्रेस, डॉक्टर से जानें दोनों का कनेक्शन

    इन दिनों लोग अपनी सेहत को लेकर काफी लापरवाही बरतने लगते हैं। ऐसे में वर्ल्ड हेल्थ डे एक मौका है लोगों को सेहत के प्रति जागरूक करने का। फिजिकल हेल्थ के चलते लोग अक्सर मेंटल हेल्थ को अनदेखा कर देते हैं। हालांकि स्ट्रेस एक ऐसी समस्या है जो शरीर पर सीधा असर डालती है खासकर पुरुषों में। आइए जानते हैं स्ट्रेस और मेल फर्टिलिटी का कनेक्शन।

    By Harshita Saxena Edited By: Harshita Saxena Updated: Sat, 05 Apr 2025 07:58 PM (IST)
    Hero Image
    स्ट्रेस और मेल फर्टिलिटी का कनेक्शन (Picture Credit- Freepik)

    लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। तनाव एक ऐसी समस्या है, जिसका अनुभव कई लोग करते हैं। फिर भी सेहत पर इसके प्रभावों को आमतौर पर नजरअंदाज ही किया जाता है। खासकर पुरुषों में इसे अक्सर कम ही आंका जाता था। ऐसे में वर्ल्ड हेल्थ डे एक अच्छा मौका है, लोगों को सिर्फ शारीरिक ही नहीं मानसिक स्वास्थ्य के प्रति भी जागरूर करने का।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    स्ट्रेस सेहत को कई तरह से प्रभावित करता है। खासकर मेल फर्टिलिटी पर इसका गहरा असर पड़ता है। कई अध्ययनों से यह पता चलता है कि लंबे समय तक तनाव रहने पर शुक्राणु यानी स्पर्म की मात्रा और पूरे सेक्स फंक्शन को प्रभावित करके मेल फर्टिलिटी पर असर डालता है।

    तनाव और पुरुष प्रजनन क्षमता के बीच संबंध को जानना जरूरी है, क्योंकि माता-पिता बनने का सपना देखने वाले कपल्स के लिए काफी अहम हो सकता है। ऐसे में वर्ल्ड हेल्थ डे के मौके पर सीफार फर्टिलिटी, गुरुग्राम के आईवीएफ एक्सपर्ट डॉक्टर पुनीत राणा अरोड़ा से जानेंगे स्ट्रेस का मेल फर्टिलिटी पर असर-

    यह भी पढ़ें-  ज्‍यादा नमक खाने से खराब हो सकती है आपकी क‍िडनी, इन 6 तरीकों से कम करें Salt Intake

    स्ट्रेस और मेल फर्टिलिटी का कनेक्शन

    डॉक्टर ने बताया कि जैसे-जैसे स्ट्रेस लेवल बढ़ता है, शरीर कोर्टिसोल के हाई लेवल को रिलीज करता है। यह एक हार्मोन है, जो तनाव के लिए शरीर के नेचुरल रिस्पॉन्स का हिस्सा है। कोर्टिसोल का बढ़ा हुआ स्तर टेस्टोस्टेरोन के प्रोडक्शन को बाधित कर सकता है, जो स्पर्म प्रोडक्शन और सेक्स फंक्शन में शामिल एक जरूरी हार्मोन है।

    टेस्टोस्टेरोन के कम लेवल से स्पर्म की संख्या कम हो सकती है, स्पर्म क्वालिटी कम हो सकती है और इरेक्टाइल डिस्फंक्शन हो सकता है। तनाव अन्य रिप्रोडक्टिल हार्मोन के संतुलन को भी प्रभावित करता है, जो मेल इनफर्टिलिटी में और योगदान दे सकता है।

    अनहेल्दी आदतों का कारण बनता है स्ट्रेस

    डॉक्टर के मुताबिक लंबे समय तक तनाव रहने की वजह से लाइफस्टाइल से जुड़ी अनहेल्दी आदतें भी बढ़ सकती हैं। इसकी वजह से खराब डाइट, फिजिकल एक्टिविटी की कमी, नींद की कमी आदि हो सकती है, जो प्रजनन क्षमता में कमी लाते हैं। उदाहरण के लिए, तनाव के कारण खराब डाइट लेने से पोषक तत्वों की कमी हो सकती हैं, जो स्पर्म हेल्थ को नुकसान पहुंचा सकती हैं। इसके अलावा, तनाव शराब या तंबाकू इनटेक को भई बढ़ा सकता है, जो दोनों स्पर्म क्वालिटी और प्रोडक्शन को नुकसान पहुंचाने में योगदान करते हैं।

    कैसे बढ़ाएं मेल फर्टिलिटी?

    हालांकि, इससे बचा भी जा सकता है। डॉक्टर ने बताया कि तनाव कम करने के तरीके मेल फर्टिलिटी की क्षमता को बहुत बढ़ा सकते हैं। एक्सरसाइज और अन्य फिजिकल एक्टिविटी से कोर्टिसोल का लेवल कम होता है और हार्मोन बैलेंस बनाए रखने में मदद मिलती है। मेडिटेशन, डायाफ्रामिक ब्रीदिंग और अन्य माइंडफुलनेस एक्सरसाइज भी स्ट्रेस मैनेजमेंट के उपायों के रूप में मददगार होते हैं। इसके अलावा एक हेल्दी डाइट, अच्छी नींद और सोशल सपोर्ट सिस्टम बेहतर स्वास्थ्य और प्रजनन क्षमता को बढ़ावा दे सकते हैं।

    यह भी पढ़ें-  शरीर ही नहीं दिमाग पर भी असर डालता है हमारा खाना, डॉक्टर ने बताया डाइट और मूड का कनेक्शन