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World COPD Day: खराब एयर क्वॉलिटी की वजह से लोग हो रहे हैं इस बीमारी की शिकार, जानें इसके बारे में

World COPD Day ये ऐसा साइलेंट किलर है जो धीरे-धीरे नसों में जहर घोल रहा है और स्वास्थ्य व इकॉनमी को भी बुरी तरह प्रभावित कर रहा है। जानें क्रॉनिक ऑबस्ट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज और इससे जुड़ी जरूरी बातों के बारे में।

By Priyanka SinghEdited By: Published: Wed, 17 Nov 2021 09:16 AM (IST)Updated: Wed, 17 Nov 2021 09:16 AM (IST)
World COPD Day: खराब एयर क्वॉलिटी की वजह से लोग हो रहे हैं इस बीमारी की शिकार, जानें इसके बारे में
मानव शरीर में लंग्स को हाइलाइट करती तस्वीर

एक ओर दुनिया क्लाइमेट चेंज को कंट्रोल करने और कार्बन एमीशन को घटाने के प्रयासों में लगी है। वहीं, इंडियन सबकॉन्टीनेंट बढ़ते एयर पॉल्यूशन के कारण सांसों की घुटन से जूझ रहा है। फिर चाहे दिल्ली हो, इस्लामाबाद हो या फिर ढाका हो, सभी जगह हालात कमोबेश एक से हैं। नॉदर्न इंडिया में खराब एयर क्वॉलिटी के कारण लोगों को क्रॉनिक ऑबस्ट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (सीओपीडी) का बड़ा इंपैक्ट फेस करना पड़ रहा है। ये ऐसा साइलेंट किलर है, जो धीरे-धीरे नसों में जहर घोल रहा है और स्वास्थ्य व इकॉनमी को भी बुरी तरह प्रभावित कर रहा है। ऐसे में, वर्ल्ड सीओपीडी अवेयरनेस डे के मौके पर जानते हैं इस बीमारी के बारे में, क्या है इसका दुनिया और भारत पर इंपैक्ट व अन्य अहम फैक्टर्स के बारे में...

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सीओपीडी को आसानी से समझें

लंग्स व एयरवे डिजीज- जिसमें सांस लेना मुश्किल होता है।

होती है बेचैनी- सांसों के टूटने, चेस्ट में स्टिफनेस, शरीर में पसीने छूटना हैं अहम लक्षण

धुंआ है अहम कारण- ये बीमारी अक्सर स्मोकिंग से होती है। पैसिव स्मोकिंग व आउटडोर एयर पॉल्यूशन से भी यह हो सकता है।

क्या हैं इसके बढ़ने की वजहें

- 59.4% देश में होने वाले सीओपीडी केसेज में एयर पॉल्यूशन रहा है सबसे बड़ा कारण

- 21% देश में होने वाले सीओपीडी केसेस में स्मोकिंग रहा अहम कारण

- 33.6% एयर पॉल्यूशन के कारण सीओपीडी की गिरफ्त में आए लोग हुए इसका शिकार

- 25.8% सीओपीडी से पीड़ित लोग हाउसहोल्ड पॉल्यूशन का बने शिकार

- 80% केसेज में वैश्विर तौर पर स्मोकिंग को ही माना जाता है सीओपीडी की वजह

इसे ठीक नहीं, मैनेज किया जा सकता है...

ब्रीदिंग में सुधार

ट्रीटमेंट के जरिए कुछ ब्रीदिंग एक्सरसाइज व टेक्नीक्स पर काम किया जाता है जिससे पेशेंट्स को सांस लेने में धीरे-धीरे आसानी होती है।

इम्यूनाइजेशन

इम्यूनाइजेशन एक अहम हथियार है। मार्केट में निमोनिया की वैक्सीन अवेलेबल है जिन्हें डॉक्टर्स से कंसल्ट करके एनुअली लगवाया जा सकता है।

स्मोकिंग छोड़े

जो स्मोकिंग करते हैं अगर वह इस बीमारी से हिफाजत चाहते हैं तो उन्हें ऐसा करना छोड़ना होगा।

फिजिकली हो जाएं एक्टिव

मॉडरेट वॉकिंग, स्पॉट जंपिंग समेत कुछ एक्सरसाइजेस स आप अपनी इम्यूनिटी और ऑक्सीजन लेवल को बढ़ा सकते हैं।

रेगुलर मॉनिटरिंग

सीओपीडी से ग्रस्त लोगों को रेगुलर्ली मॉनिटर करने की जरूरत होती है। कोई भी दिक्कत हो तो डॉक्टरी परामर्श लें।

डॉक्टर के रिकमेंडेशन को मानें

डॉक्टर इसे लेकर जो परामर्श दे, उसे कतई इग्नोर न करें।


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