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    World Asthma Day 2023: क्या है अस्थमा, इसके लक्षण, कारण और बचाव के उपाय

    By Jagran NewsEdited By: Ruhee Parvez
    Updated: Wed, 26 Apr 2023 03:08 PM (IST)

    World Asthma Day 2023 हर साल मई महीने के पहले मंगलवार को विश्व अस्थमा दिवस मनाया जाता है। इस साल यह खास दिन 2 मई को मनाया जाएगा ताकि लोगों में इस बीमारी को लेकर जागरूकता पैदा की जा सके। आइए जानें अस्थमा के बारे में।

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    World Asthma Day 2023: क्या है अस्थमा, इसके लक्षण, कारण और बचाव के उपाय

    नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। World Asthma Day 2023: अस्थमा से पीड़ित व्यक्ति की श्वास नली में सूजन आ जाती है, जिससे सांस लेने में परेशानी होती है। सांस लेते समय घर्र-घर्र की आवाज भी आती है। कभी-कभी खांसी और बलगम की भी समस्या होती है। किसी भी कारण यदि सांस नली में सूजन आती है, तो उससे अस्थमा की शुरुआत हो सकती है। धूल, वायु प्रदूषण और मौसम में बदलाव होने से अक्सर मरीजों की तकलीफ बढ़ जाती है। किसी को सर्दी में, तो किसी को धूल-मिट्टी से संक्रमण का खतरा अधिक रहता है।

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    अलग-अलग हैं कारण

    अस्थमा होने के अलग-अलग कारण हो सकते हैं। जब अस्थमा का कोई मरीज डाक्टर के पास जाता है, जो उसका फिनोटाइप और एंडोटाइप टेस्ट किया जाता है। इससे अस्थमा की बीमारी का वर्गीकरण करने का प्रयास किया जाता है। कुछ अस्थमा एस्नोफिलिक और कुछ नान-एस्नोफिलिक होते हैं। इसमें उन खास तरह की कोशिकाओं को देखा जाता है, जो श्वास नली में सूजन के लिए जिम्मेदार होती हैं। रक्त की जांच कर समस्या के कारणों को जाना जाता है।

    स्थायी लक्षण नहीं

    अस्थमा श्वास नली की एलर्जी है। हालांकि एटोपिक अस्थमा में आंख एलर्जी भी हो सकती है। नाक या त्वचा की एलर्जी हो सकती है। अस्थमा में रेस्पिरेटरी और एक्स्ट्रो-रेस्पेरेटरी लक्षण हो सकते हैं। रेस्पिरेटरी लक्षणों में सामान्य तौर पर सांस फूलती है। खास बात है कि यह समस्या हमेशा एक जैसी नहीं रहती। कभी मरीज बिल्कुल ठीक रहेगा, तो कभी सांस बहुत अधिक फूलने लगेगी। यह समय किसी के लिए सुबह का हो सकता है, तो किसी के लिए दोपहर का। किसी को यह परेशानी सप्ताह में, तो किसी को महीने में हो सकती है। श्वास से संबंधित बीमारियों के शुरुआती लक्षणों में देखा गया है कि सूजन के कारण सांस फूलने, खांसी और कफ की समस्या सामने आने लगती है।

    बच्चों की ही बीमारी नहीं है

    पहले आमतौर यह लोग मानते रहे कि अस्थमा सिर्फ बच्चों में होता है। जब उनका सही से उपचार नहीं हो पाता, तो वह लंबे समय तक बना रहता है। लेकिन गौर करने वाली बात है कि अस्थमा की शुरुआत 50 या 60 साल की उम्र में भी हो सकती है। हमें यह नहीं मानना चाहिए कि यह सिर्फ बच्चों की बीमारी है।

    दिनचर्या को बना सकते हैं सामान्य

    अगर अस्थमा का सही तरीके से इलाज हो, तो पीड़ित व्यक्ति सामान्य जिंदगी जी सकता है। इनहेलर्स का प्रयोग करते रहें, तो सांस नली का सूजन खत्म हो सकता है। यदि इसके बावजूद अचानक कभी समस्या बढ़ जाए, तो रिलीवर इनहेलर्स भी आते हैं। ये कुछ घंटों के लिए आराम दे देते हैं। इनहेलर्स का कोई दुष्प्रभाव नहीं होता। यह सीधे फेफड़ों में जाता है।

    भ्रांतियों से रहें दूर

    इनहेलर्स का लंबे समय तक इस्तेमाल करने से कुछ लोगों को लगता है कि इसकी आदत या नशा हो सकता है। यह पूरी तरह से भ्रम है कि अस्थमा के मरीज को इसकी लत लगती है। ध्यान रखें, जिनकी सांस की नली में सूजन है, उनको इसकी जरूरत पड़ती है।

    बचाव के उपाय

    -आपके आसपास की हवा स्वच्छ होनी जरूरी है।

    -धूल और प्रदूषण से बचें।

    -इनहेलर का प्रयोग कर रहे हैं, तो उसे जारी रखें।

    -यदि मरीज को पहले से कारण पता है, तो उसे अतिरिक्त सावधानी बरतनी चाहिए।

    -दो बातों का हमेशा ध्यान रखें

    - पहली, सांस की दिक्कत बढ़ने न पाएं और दूसरी, श्वास नली के सूजन के कारकों से दूर रहें।

    डॉ. रोहित कुमार

    असि. प्रोफेसर, पल्मोनरी, क्रिटिकल केयर एंड स्लीप मेडिसिन, सफदरजंग अस्पताल, नई दिल्ली

    बातचीत : ब्रह्मानंद मिश्र