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    World AIDS Day 2023: एड्स से बचाव ही है इसका इलाज, जानें संक्रमण से सुरक्षित रहने के तरीके

    By Swati SharmaEdited By: Swati Sharma
    Updated: Thu, 30 Nov 2023 02:22 PM (IST)

    एड्स एक जानलेवा बीमारी है जिससे बचाव करना ही इसका इलाज है। एचआईवी वायरस का संक्रमण इस बीमारी का कारण बनता है। एड्स के बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए वर्ल्ड एड्स डे मनाया जाता है। एचआईवी का समय रहते पता लगाने से इसके इन्फेक्शन को कम किया जा सकता है। जानें क्या होता है एड्स इसके संक्रमण के कारण और कैसे कर सकते हैं इससे बचाव।

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    क्या होते हैं एचआईवी संक्रमण के लक्षण और बचाव के तरीके

    लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। World AIDS Day 2023: AIDS एक ऐसी खतरनाक बीमारी है, जो HIV वायरस के इन्फेक्शन से होता है। यह वायरस व्यक्ति के इम्यून सिस्टम को इतना कमजोर कर देता है कि सर्दी-जुखाम जैसी छोटी बीमारी से लड़ना भी मुश्किल हो जाता है। इस वायरस के नेचर की वजह से, इस बीमारी का कोई इलाज नहीं है, इसलिए एड्स से बचाव करना बेहद जरूरी है। एड्स की रोकथाम के लिए हर साल 01 दिसंबर को वर्ल्ड एड्स डे मनाया जाता है। आइए जानते हैं कि कैसे एचआईवी का संक्रमण होता है और कैसे किया जा सकता है बचाव।

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    क्या है एड्स?

    एड्स का पूरा नाम एकवायर्ड इम्यूनो डेफिशिएंसी सिंड्रोम है। यह एचआईवी इन्फेक्शन का आखिरी चरण होता है। यह वायरस, शारीरिक संबंध बनाने के दौरान एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैल सकता है, लेकिन इसके संक्रमण के और भी दूसरे कारण हो सकते हैं, जैसे- संक्रमित ब्लड ट्रांस्फयूजन, किसी और पर इस्तेमाल किए हुए इन्जेक्शन का प्रयोग, मां से बच्चे को जन्म के समय, ब्रेस्टफीड करना। समय पर एचआईवी संक्रमण का पता न लगने की वजह से एड्स हो सकता है। हालांकि, इस बीमारी का कोई इलाज नहीं है, लेकिन दवाइयों की मदद से इसके इन्फेक्शन को कंट्रोल किया जा सकता है। यह वायरस इम्यून सिस्टम के टी-सेल्स पर हमला करता है, जिस वजह से इम्युनिटी कमजोर होने लगती है और अन्य दूसरी बीमारियों से बचाव करना मुश्किल हो जाता है।

    यह भी पढ़ें: क्यों मनाया जाता है वर्ल्ड एड्स डे और क्या है इस साल की थीम

    क्या हैं इसके लक्षण?

    क्लीवलैंड क्लीनिक के अनुसार, एचआईवी वायरस के संक्रमण के तीन चरण होते हैं। एक्यूट एचआईवी इन्फेक्शन का सबसे पहला चरण होता है, जिसमें फ्लू जैसे लक्षण नजर आते हैं। इसके बाद दूसरा स्टेज क्लीनिकल लेटेंसी होता है। इस चरण में आमतौर पर कोई लक्षण नजर नहीं आते और कई सालों तक यह स्टेज रह सकता है। इसके बाद आखिरी स्टेज एड्स होता है।

    AIDS

    इसके लक्षण कुछ ऐसे हो सकते हैं-

    • कमजोरी
    • बुखार
    • अधिक पसीना आना
    • ठंड लगना
    • रैशेज
    • लिंफ नॉड में सूजन
    • शरीर में दर्द
    • थकावट
    • डायरिया
    • मुंह में छाले
    • उल्टी
    • वजन कम होना

    कैसे कर सकते हैं बचाव?

    कंडोम का इस्तेमाल

    शारीरिक संंबंध बनाते समय प्रोटेक्शन का इस्तेमाल करें। किसी भी प्रकार के शारीरिक संबंध बनाते समय, कंडोम का इस्तेमाल करें। शारीरिक संबंध बनाने से, एचआईवी वायरस का संक्रमण होने की संभावना काफी अधिक होती है। इसलिए हमेशा सुरक्षित तरीके से शारीरिक संबंध बनाएं और हर बार नए कंडोम का इस्तेमाल करें।

    इंजेक्शन शेयर न करें

    कई लोगों के एक ही इंजेक्शन के इस्तेमाल करने से एचआईवी वायरस फैल सकता है। इसलिए हमेशा इंजेक्शन लेते समय इस बात का ध्यान रखें कि वह पहले नया हो और पहले किसी ने उसका इस्तेमाल न किया हो। सिर्फ दवाइयों के ही नहीं, बल्कि टैटू बनाने के लिए इस्तेमाल की गए सुई से भी एचआईवी का संक्रमण हो सकता है। इसलिए टैटू बनवाते समय खास सावधानी बरतें।

    टेस्ट करवाएं

    अगर आप शारीरिक संबंध बना रहे हैं, तो नियमित तौर से एसटीआई (STI) की जांच कराएं। इससे समय रहते इसका पता चल जाता है और इलाज किया जा सकता है। इसके अलावा, अपने पार्टनर का भी नियमित रूप से टेस्ट करवाएं।

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    Disclaimer: लेख में उल्लिखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।

    Picture Courtesy: Freepik