Smartphone Vision Syndrome: मोबाइल फोन ने छीनी महिला की आंखों की रोशनी, जानें अंधेरे में इसके उपयोग के नुकसान
Smartphone Vision Syndrome मोबाइल फोन हम सभी की ज़िंदगी का अहम हिस्सा बन गया है। इसमें हमारी पूरी ज़िंदगी समाई होती है। हालांकि दिन-रात इसका इस्तेमाल करना आपकी आंखों की रोशनी भी छीन सकता है। हैदराबाद में आया ऐसा ही एक मामला।

नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Smartphone Vision Syndrome: हैदराबाद में रहने वाली एक 30 साल की महिला की आंखों की रोशनी चली गई। वजह थी घंटों तक मोबाइल फोन का इस्तेमाल वह भी अंधेरे में, जिसकी वजह से उसे 18 महीने तक अंधेपन से जूझना पड़ा।
महिला के डॉक्टर ने ट्विटर की मदद से इस समस्या के बारे में बताया और साथ ही लक्षणों व बचने के तरीके भी शेयर किए। डॉक्टर ने बताया कि महिला को विज़न में स्पॉट्स, तेज़ रोशनी के फ्लैशेज़, ज़िग-ज़ैग लाइनें और किसी चीज़ पर फोकस कर देख पाने में दिक्कत का सामना करना पड़ रहा था। उन्होंने बताया कि महिला स्मार्टफोन विजन सिंड्रोम नाम की बीमारी से पीड़ित थी। आइए पहले इस स्थिति को समझते हैं।
A common habit resulted in severe #vision impairment in a young woman
1. 30-year old Manju had severe disabling vision symptoms for one and half years. This included seeing floaters, bright flashes of light, dark zig zag lines and at times inability to see or focus on objects.
— Dr Sudhir Kumar MD DM🇮🇳 (@hyderabaddoctor) February 6, 2023
क्या है स्मार्टफोन विज़न सिंड्रोम?
स्मार्टफोन विज़न डिसॉर्डर, डिजिटल स्क्रीन के लंबे समय तक उपयोग से जुड़ा है, जिसमें आंखें और दृष्टि से संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। यह एक ऐसी समस्या है, जो लगातार तेज़ी से बढ़ रही है। इसकी वजह है मोबाइल फोन्स और टैब्लेट का लगातार और लंबे समय तक उपयोग।
इसके बारे में जानना क्यों ज़रूरी है?
30 वर्षीय इस महिला को अंधेरे में कई घंटों तक मोबाइल फोन का इस्तेमाल करने की वजह से करीब डेढ़ साल तक अंधेपन से जूझना पड़ा। हैदराबाद के डॉक्टर जिन्होंने इस महिला का इलाज किया, ने इसके लक्षण भी शेयर किये। उन्होंने बताया कि अगर आप भी लंबे समय तक फोन का उपयोग करते हैं, तो फ्लोटर्स, विज़न में स्पॉट्स, तेज़ रोशनी के फ्लैशेज़, ज़िग-ज़ैग लाइनें और किसी चीज़ पर फोकस कर देख पाने में दिक्कत महसूस कर रहे हैं, तो सतर्क हो जाएं। डॉक्टर ने ट्वीट कर बताया कि महिला को क्या हुआ था और उसका इलाज कैसे किया गया था।
2. There were moments when she could not see anything for several seconds. This occurred mostly at nights when she got up to use washroom. She was evaluated by an #eye specialist and detailed evaluation was found to be normal.
She was referred to rule out neurological causes.
— Dr Sudhir Kumar MD DM🇮🇳 (@hyderabaddoctor) February 6, 2023
क्या आप इस समस्या से तो नहीं जूझ रहे?
ऐसे कई पल आए, जब महिला कई सेकंड्स के लिए कुछ भी नहीं देख पा रही थी। ऐसा आमतौर पर रात के समय हो रहा था, जब वह बाथरूम जाने के लिए उठ रही थी। उसकी जांच एक आई-स्पेशलिस्ट ने की, जिसके बाद पाया कि सबकुछ ठीक है। लक्षण तब दिखने शुरू हुए जब महिला ने अपने स्पेशल-नीड बच्चे की देखभाल के लिए अपना जॉब छोड़ दिया। इस दौरान वह रोज़ाना घंटों तक मोबाइल का इस्तेमाल कर रही थी, जिसमें रात के समय बिना लाइट के फोन का उपयोग भी शामिल है।
इस जानकारी के बाद डॉक्टर के लिए साफ हो गया कि महिला स्मार्टफोन विज़न सिंड्रोम से जूझ रही थी। कम्प्यूटर, स्मार्टफोन्स या फिर टैब्लेट का लंबे समय तक इस्तेमाल आंखों की रौशनी छीन सकता है। इसे कम्प्यूटर विज़न सिंड्रोम या डिजिटल विज़न सिंड्रोम भी कहते हैं।
4. The diagnosis was obvious now. She was suffering from smartphone vision syndrome (SVS). Long-term use of devices such as computer, smartphones or tablets can cause various eye-related disabling symptoms, referred to as computer vision syndrome (CVS) or digital vision syndrome.
— Dr Sudhir Kumar MD DM🇮🇳 (@hyderabaddoctor) February 6, 2023
डॉक्टर ने बताया कि मैंने और किसी तरह के टेस्ट की सलाह नहीं दी और न ही किसी तरह की दवाई खाने के लिए कहा। मैंने बस कहा कि जितना हो सके फोन का इस्तेमाल कम से कम करो, ताकि आंखों को ठीक किया जा सके। एक महीने बाद महिला फिर आई और उसकी आंखों की रौशनी पहले जैसी स्वस्थ हो गई थी। 18 महीनों तक जो समस्या झेली वह जा चुकी थी। अब आंखों ठीक हो गई थीं, इसलिए फ्लोटर्स, लाइट फ्लैशेज़ नहीं दिख रहे थे। साथ ही रात में विज़न से जुड़ी सारी दिक्कतें दूर हो गई थीं।
इस समस्या के दूसरे कारण क्या हैं?
डॉक्टर के मुताबिक, शरीर का खराब पॉश्चर, ऑफिस में भी फोन या टैब का इस्तेमाल, काम के बीच ब्रेक न लेना, लंबे घंटों तक मोबाइल, लैप्टॉप या टैब का उपयोग करना, फोन को पास से देखना आदि भी इस विज़न सिंड्रोम के कारण हो सकते हैं।
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