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    कभी दुनिया के सबसे मोटे शख्स थे आंद्रेस मोरेनो, वज़न की वजह से छूटा पत्नी का साथ और फिर गंवाई जान

    By Ruhee ParvezEdited By:
    Updated: Tue, 13 Dec 2022 11:47 AM (IST)

    आंद्रेस मोरेनो एक समय में दुनिया के सबसे मोटे शख्य माने जाते थे। उनका वज़न उस वक्त 444 किलो से भी ज़्यादा था। वज़न कम करने की सर्जरी के कुछ दिन बाद उन ...और पढ़ें

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    बढ़ने वज़न से टूटी शादी और फिर गई जान

    नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। दुनिया में ऐसे कई लोग हैं, जिनका वज़न दूसरों के मुकाबले कुछ तेज़ी से बढ़ता चला जाता है। इसलिए बैरिएटिक सर्जरी काफी पॉपुलर है। कई लोग इस सर्जरी की मदद से आम ज़िंदगी जी पाते हैं, तो कई इसके बावजूद जान गंवा देते हैं। ऐसे ही शख्य थे आंद्रेस मोरेना, जो मेक्सिको के रहने वाले थे और एक समय में दुनिया के सबसे मोटे पुरुष माने जाते थे। हालांकि, दिसंबर 2015 में उन्होंने वज़न कम करने की ठानी, ताकि अपनी ज़िंदगी को बेहतर बना सकें। उनका वज़न एक समय पर 444 किलो से भी ज़्यादा था, जो सर्जरी के बाद 120 किलो कम हो गया था।

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    उस वक्त मोरेनो 38 साल के थे और उन्होंने सर्जरी के बाद कहा था, " मेरे पैर अभी-अभी पैदा हुए हिरण के बच्चे की तरह कांपते थे, लेकिन शुक्र है अब मैं खुद से खड़ा हो सकता हूं और चल भी सकता हूं।"

    जन्म से ही सबसे जुदा थे मोरेनो

    मोरेनो जन्म से ही पॉपुलर हो गए थे, वजह थी उनका वज़न। आपको जानकर हैरानी होगी लेकिन उनका वज़न बड़े होने पर नहीं बढ़ा था, बल्कि जन्म से ही ज़्यादा था। उनके जन्म के वक्तवज़न 13 पाउंड यानी 5.8 किलो था! आपको बता दें कि बच्चे के पैदा होने पर वज़न 2.8 से 3.2 किलो के बीच हेल्दी माना जाता है। मोरेनो जब 10 साल के थे, तो उनका वज़न 117.4 किलो पहुंच गया था। यानी 10 साल की उम्र में उनका हेवीवेट चैंपियन्स से भी ज़्यादा था। मेक्सिको लंबे समय से नागरिकों के बढ़ते वज़न से जूझ रहा है। यहां कि 73 फीसदी आबादी मोटापे की कैटेगरी में आती है। इस देश की मोटापे की दर भी दुनिया में सबसे अधिक है।

    ज़्यादा वज़न के कारण पत्नी ने छोड़ा

    हालांकि, मोरेनो ने शुरुआत में कभी भी अपने वज़न की चिंता नही की और बड़े होकर पुलिस अफ्सर बने। उन्होंने शादी भी कम उम्र में ही कर ली थी। 20 साल की उम्र में मोरेनो की सेहत बिगड़ना शुरू हुई। वे कई डायबिटीज़ के साथ अन्य बीमारियों का शिकार हो गए, जिसका असर उनके निजी जीवन पर भी पड़ा। मोरेनो को एनर्जी ड्रिंक्स की लत थी और वे डायबिटिक भी हो गए थे। उन्होंने याद कर बताया था कि उनकी शादी को तीन साल हुए थे, जिसके बाद उनकी पत्नी ने उन्हें इसलिए छोड़ दिया क्योंकि वे मोटे थे। मोरेनो ने कहा था कि उनकी पत्नी को लगा था कि वे उनके और बच्चों के लिए वज़न कम करेंगे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।

    अकेलेपन से टूट गए थे मोरेनो

    मोरेना को समझ में आया कि उनका वज़न लागातर बढ़ रहा है और उनका आकार स्नोबॉल की तरह बढ़ता जा रहा है, जिसे वे रोक नहीं पा रहे थे। दोस्त और परिवार के लोग उनसे मिलने आते थे और उनके जाने पर वे फिर अकेला और उदास महसूस करने लगते थे। मोरेनो ने बताया था कि वे भगवान के आगे रोते थे और मदद के लिए दुआ करते थे।

    उन्होंने बताया कि एक दिन ऐसा आया जब वह पूरी तरह टूट गए, क्योंकि वे अपने बिस्तर से उठ नहीं पा रहे थे और न ही टॉयलेट या खुद से नहा पा रहे थे। बिस्तर से न उठ पाने की वजह से मोरेनो का वज़न और ज़्यादा बढ़ गया और वे 444 किलो के पार पहुंच गए। उनका करियर खत्म हो गया और उनके प्यार ने भी उन्हें छोड़ दिया और उनकी ज़िंदगी सिर्फ बिस्तर तक सिमट गई।

    फिर वज़न कम करने की ठानी, रोनाल्डो ने भी दिया साथ

    फिर साल 2015 में उन्हें समझ आया कि उनका बढ़ता वज़न उन्हें जल्द ही मार देगा। उन्होंने ठानी कि वे अपनी किस्मत बदल कर रहेंगे। उन्होंने वज़न कम करने के लिए स्टमक बायपास सर्जरी करवाई। सर्जरी शुरू होने से पहले मोरेनो उस वक्त हैरान रह गए जब उन्हें रियाल मड्रिड स्टार क्रिस्टियानो रोनाल्डो ने साइन की हुई जर्सी तोहफे में दी। मोरेनो ने तब कहा था कि वह सभी का शुक्रियादा करना चाहते हैं और खासतौर पर रोनाल्डो का जिन्होंने उनके केस में दिलचस्पी दिखाई। मुझे ऐसा महसूस हो रहा है कि मुझे क्रिसमस से पहले ही तोहफा मिल गया है।

    सर्जरी से पहले उनका वज़न 317 किलो था, उन्होंने 120.6 किलो ऑप्रेशन से पहले अपने आप कम कर लिया था। दूसरी शादी और परिवार शुरू करने से पहले वे 200 किलो से ज़्यादा वज़न कम करना चाहते थे। इसके अलावा वह बढ़ते वज़न से परेशान अन्य लोगों की भी मदद के लिए एक संगठन भी शुरू करना चाहते थे। "मैं उनको दिखाना चाहता हूं कि आपका आकार चाहे कितना भी बड़ा क्यों न हो, उम्मीद हमेशा बनी रहती है।"

    2015 में ली आखिरी सांस

    अरबोलेदास अस्पताल के मेक्सिको गैस्ट्रिक बायपास यूनिट ने मोरेनो की जान बचाने के लिए उनके पेट का 70 फीसदी हिस्सा निकाल दिया था। जिसके कुछ दिनों बाद मोरेनो चलने लगे थे और खुद अपने काम कर पा रहे थे। एक्सपर्ट्स का मानना था कि बिना सर्जरी के मोरेनो 5 साल के अंदर मर जाते। हालांकि, 2015 में 25 दिसंबर क्रिसमस के दिन यानी ऑप्रेशन के कुछ दिनों बाद उनकी मौत हो गई। दिल का दौरा पड़ने पर उन्हें अस्पताल ले जाया जा रहा था, और रास्ते में ही उन्होंने दम तोड़ दिया।