Wristband Benefits: वर्कआउट के दौरान क्यों पहनना चाहिए रिस्टबैंड? जानें इसके फायदे और पहनने का सही तरीका
Wristband Benefits वजन उठाते समय 95% भार हमारे हाथों पर होता है। ऐसे में अगर इसे लेकर सतरकता न बरती जाए तो ये आपका फिटनेस गेम बिगाड़ सकती है। चलिए जानते हैं कि रिस्टबैंड इसमें आपकी कैसे मदद कर सकता है।

नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Wristband Benefits: आपने जिम में या फिर आस-पास लोगों को कसरत या वेट लिफ्टिंग के दौरान हाथों में रिस्टबैंड पहने हुए देखा होगा। तो क्या कभी आपके मन में ये सवाल आया है कि वर्कआउट के दौरान ये लोग रिस्टबैंड क्यों पहने हुए हैं? या फिर कहीं आपने ये तो नहीं मान लिया कि ये मात्र एक फैशन एक्सेसरी है, जिसे वर्कआउट के दौरान पहना जाता है? असल में कसरत के दौरान रिस्टबैंड पहनना एक बुनियादी चीज है, जिसके कई फायदे हैं। लेकिन ऐसे बहुत कम ही लोग हैं, जो इसपर ध्यान देते हैं।
जब आप वजन उठाते हैं, तो इसका 95% भार आपके हाथों पर होता है। ऐसे में अगर इसे लेकर सतरकता न बरती जाए, तो इससे आपका फिटनेस गेम बिगड़ सकता है। अगर आप क्रॉसफिट भी करते हैं, तो आपको रिस्ट रैप का इस्तेमाल करना चाहिए क्योंकि इसमें बहुत सारी ट्रेनिंग ऐसी होती है, जो रस्सी से की जाती है और कई तरह के फ्लोर एक्सरसाइजेस भी शामिल होते हैं, जिसे करते वक्त कलाई पर अधिक दबाव पड़ता है। इसलिए जरूरी है कि इसे हल्के में न लें। अब आप जान चुके हैं कि रिस्टबैंड क्यों जरूरी है, तो चलिए जानते हैं कि इसके फायदे क्या हैं।
रिस्टबैंड पहनने के फायदे
1. चोट से बचाए
रिस्टबैंड कलाई के जोड़ों को एक सपोर्ट देता है। इसकी मदद से किसी झटके या मोच के कारण हड्डी और मसल टिशू को नुकसान पहुंचने की संभावना कम हो जाती है। एक अध्ययन से यह भी पता चलता है कि अगर किसी को बोन डेंसिटी की समस्या है, तो व्यायाम करते समय या खेलते समय भी रिस्टबैंड पहनना जरूरी है।
2. बेहतर ग्रिप दे
रिस्टबैंड पहनने से कलाई की हड्डी और मसल्स को सही ग्रिप मिलता है, जिससे आपको बारबेल्स और डंबल्स को उठाने में सही पकड़ मिलती है। इसलिए अगर आप अब तक इसके बिना ही एक्सरसाइज कर रहे थे, तो आज ही इसका इस्तेमाल शुरू कर दें।
3. मसल्स में खिंचाव कम करे
जब आप क्रॉसफिट या वेट ट्रेनिंग करते हैं, तो मसल्स पर इसका सबसे ज्यादा तनाव पड़ता है। ऐसे में रिस्टबैंड का इस्तेमाल करने से यह न सिर्फ आपकी कलाई पर खिंचाव को कम करेगा बल्कि बेहतर ग्रिप होने के कारण मसल्स पर स्ट्रेस भी कम डालेगा।
4. सही पॉश्चर
बाइसेप कर्ल करते समय अधिकतर लोगों का पॉश्चर गलत होता है। इसपर ध्यान देना चाहिए और किसी ट्रेनर की सलाह लेनी चाहिए। उनसे पूछें कि आपकी कलाई ठीक मूव कर रही है या नहीं। ज्यादातर मामलों में देखा जाता है कि लोग गलत मूवमेंट कर रहे होते हैं, जिसकी वजह से मसल्स में दर्द होता है। रिस्टबैंड इसमें आपकी मदद कर सकता है। इसे पहनकर आप अपने मूवमेंट की जांच कर सकते हैं। इतना ही नहीं रिस्टबैंड के बिना और उसके साथ आपको बाइसेप्स कर्ल करते हुए काफी अंतर महसूस होगा क्योंकि यह छोटा सा रैप बेहतर सपोर्ट देकर इसे ठीक करता है।
5. भारी वजन उठाना
अगर आप मसल्स गेन करने की कोशिश कर रहे हैं, तो रिस्टबैंड पहनना आपके लिए जरूरी है। क्योंकि मसल गेन करने के लिए अधिक वजन उठाने की जरूरत होती है और बिना रिस्टबैंड के ज्यादा भार उठाना रिस्की हो सकता है। इसके अलावा अगर आपको भारी वजन उठाने में मुश्किल आ रही है, तो रिस्टबैंड पहनने से आपको ऐसा करने में मदद मिलेगी।
रिस्टबैंड पहनने से पहले याद रखें ये बातें-
रिस्टबैं पहनने से पहले थोड़ा वार्म-अप जरूर कर लें।
रिस्टबैं को ज्यादा टाइट न बांधें।
एडजस्टेबल रिस्टबैंड को चुनें।
Disclaimer: लेख में उल्लिखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।
Picture Courtesy: Freepik
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।