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    मां बनने के बाद बढ़ जाता है Postpartum Hypertension का खतरा, इन 10 तरीकों से कंट्रोल करें हाई बीपी

    Updated: Mon, 31 Mar 2025 10:42 AM (IST)

    ड‍िलीवरी के बाद मह‍िलाओं में कई बदलाव देखने को म‍िलते हैं। ज्‍यादातर म‍ह‍िलाएं ड‍िलीवरी के बाद हाई ब्‍लड प्रेशर की समस्‍या से जूझती हैं। इसे पोस्टपार्टम हाइपरटेंशन (postpartum hypertension control tips) कहा जाता है। आपको बता दें क‍ि अगर समय रहते हाई बीपी को कंट्रोल नहीं क‍िया गया तो कई गंभीर बीमार‍ियों का आप श‍िकार हो सकती हैं। हाई बीपी से बचाव के ल‍िए कुछ तरीके आजमाने चाह‍िए।

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    मह‍िलाओं में क्‍यों बढ़ जाता पोस्टपार्टम हाइपरटेंशन का खतरा। (Image Credit- Freepik)

    लाइफस्‍टाइल डेस्‍क, नई द‍िल्‍ली। High BP Prevention Tips: प्रेग्नेंसी के दौरान या ड‍िलीवरी के बाद में ब्‍लड प्रेशर का सामान्‍य होना जरूरी है। ज‍िन मह‍िलाओं का बीपी पहले से ही हाई होता है, उन्‍हें ड‍िलीवरी के बाद भी हाई बीपी की समस्‍या हो सकती है। बच्चे के जन्म के बाद महिलाओं के शरीर में कई तरह के शारीरिक और हार्मोनल बदलाव होते हैं। इनमें से एक आम समस्या पोस्टपार्टम हाइपरटेंशन (Postpartum Hypertension Control Tips) है, जो ड‍िलीवरी के बाद हाई बीपी की समस्या को दर्शाता है।

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    अगर ये समस्‍या लंबे समय तक रहती है तो मह‍िलाओं में हार्ट अटैक का खतरा बढ़ सकता है। आज हम आपको अपने इस लेख में पोस्‍टपार्टम हाइपरटेंशन ( What is postpartum hypertension) के बारे में बताने जा रहे हैं। इसके कारण और बचाव के तरीके भी बताएंगे। आइए जानते हैं व‍िस्‍तार से-

    पोस्टपार्टम हाइपरटेंशन के कारण

    • अगर प्रेग्‍नेंसी के दौरान महिला को हाई ब्लड प्रेशर की समस्या रही हो, तो डिलीवरी के बाद भी यह समस्या बनी रह सकती है।
    • इसके अलावा ड‍िलीवरी के बाद शरीर में हार्मोन का स्तर अचानक बदलता है, जिससे ब्‍लड प्रेशर प्रभावित हो सकता है।
    • नवजात शिशु की देखभाल में महिलाओं को पर्याप्त नींद नहीं मिल पाती, जिससे मानसिक और शारीरिक तनाव बढ़ता है। यह भी हाई बीपी का एक कारण हो सकता है।
    • अगर डिलीवरी के समय कुछ खास दवाएं जैसे पेन किलर या एनेस्थीसिया दी गई हों, तो उनका प्रभाव भी कुछ समय तक हाई ब्लड प्रेशर बनाए रख सकता है।
    • वहीं जो महिलाएं पहले से ही ज्‍यादा वजन की होती हैं या उनका खानपान असंतुलित होता है, उनमें यह समस्या और भी ज्‍यादा देखने को म‍िलती है।
    • कुछ महिलाओं में किडनी से जुड़ी समस्याओं के कारण भी ड‍िलीवरी के बाद हाई ब्लड प्रेशर की समस्‍या बन सकती है।

    इन बीमार‍ियों का बढ़ सकता है खतरा

    • ब्रेन स्ट्रोक- हाई बीपी की समस्‍या से ब्रेन स्‍ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है।
    • द‍िल से जुड़ी बीमारी- द‍िल की धड़कन अनियमित हो सकती है। अटैक भी पड़ सकता है।
    • किडनी फेलियर- अगर बीपी बहुत ज्यादा बढ़ जाए तो किडनी पर भी नकारात्‍मक असर देखने को म‍िलते हैं।

    ऐसे करें कंट्रोल

    • संतुलित आहार लें
    • नमक का सेवन कम करें।
    • डाइट में हरी सब्‍ज‍ियों को शाम‍िल करें।
    • कैफीन और जंक फूड से बना लें दूरी।
    • व्यायाम और योग करेंं।
    • गहरी सांस लेने का प्रयास करें।
    • पैदल चलें।
    • वजन कंट्रोल रखें।
    • नींद पूरी करें और तनाव कम करें।
    • दवाओं का सही उपयोग करें।
    • समस्‍या बढ़ने पर डॉक्‍टर से सलाह जरूरी।

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    Disclaimer: लेख में उल्लिखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।