Sudden Cardiac Arrest: अचानक सोते-सोते क्यों रुक जाती है दिल की धड़कन? जानें क्या हैं इसके कारण
Sudden Cardiac Arrest सडन कार्डियक अरेस्ट यानी दिल की धड़कन का अचानक रुक जाना। जब किसी व्यक्ति का अचानक हृदय की गति रुक जाती है तो वह बेहोश हो जाता है और समय पर इलाज न होने के कारण व्यक्ति की मृत्यु भी हो जाती है। तो आइए जानते हैं कार्डियक अरेस्ट के क्या कारण हैं और इससे बचाव कैसे करें।

नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Sudden Cardiac Arrest: कई बार आपने सुना होगा कि किसी व्यक्ति की नींद में ही मृत्यु हो गई, इसका कारण सडन कार्डियक अरेस्ट होता है। सडन कार्डियक अरेस्ट यानी अचानक दिल की धड़कन का रुक जाना। आजकल सडन कार्डियक अरेस्ट के मामले लगातार बढ़ रहे हैं, बुजुर्ग ही नहीं बल्कि युवा भी इसके चपेट में आ रहे हैं। कई लोग कार्डियक अरेस्ट को हार्ट अटैक ही मान लेते हैं, लेकिन आपको बता दें ये दोनों अलग-अलग हैं। जब किसी व्यक्ति का दिल काम करना बंद कर देता है, तो उसको सडन कार्डियक अरेस्ट कहते हैं।
कार्डियक अरेस्ट के क्या हैं कारण ?
कार्डियक अरेस्ट होने के कई कारण हैं, जिनमें डायबिटीज, असामान्य हार्टबीट, क्यूटी सिंड्रोम, ब्रुगाडा सिंड्रोम, हाइपरट्रॉफिक कार्डियोमायोपैथी, हाई ब्लडप्रेशर, कोलेस्ट्रोल, स्मोकिंग, एक्सरसाइज वजन बढ़ना, खराब लाइफस्टाइल, स्ट्रेस आदि मुख्य कारण हैं।
कार्डियक अरेस्ट से बचने के लिए क्या करें?
- कार्डियक अरेस्ट से बचने के लिए सबसे जरूरी है कि व्यक्ति फिट रहें। रोजाना एक्सरसाइज करें। अगर एक्सरसाइज नहीं हो पा रही है, तो रोजाना 30 मिनट वॉक करें।
- फिजिकली एक्टिव रहने के साथ-साथ संतुलित आहार लेना भी जरूरी है। हरी सब्जियों को अपनी डायट भी शामिल करें। साथ ही कम कार्बोहाइड्रेट और कम कोलेस्ट्रॉल वाला खाने का सेवन करें। कोशिश करें कि जंक फूड का सेवन न करें।
- पूरी नींद लेना भी जरूरी है। जो व्यक्ति रोजाना 4-5 घंटे सोता है, उसे दिल की बीमारी होने का खतरा ज्यादा होता है। रोजाना कम से कम 7-8 घंटे की नींद लेना बहुत जरूरी है।
- शराब और धूम्रपान का सेवन आज से ही छोड़ दें। दिल की बीमरियों का मुख्य कारण शराब और धूम्रपान करना होता है।
- वजन नियंत्रित रखें। कई बीमारियां होने का पहला कारण बढ़ा वजन ही होता है, इसलिए वजन को कंट्रोल में रखना बहुत जरूरी है।
- साथ ही समय-समय पर हेल्थ चेकअप करवाना भी जरूरी है। किसी भी कार्डियोलोजिस्ट के पास जकर समय-समय पर टेस्ट करवाएं।
- लक्षणों के प्रति जागरूकता भी जरूरी है। अगर किसी व्यक्ति को सीने में दर्द, घबराहट, चक्कर आना और बेहोशी जैसे संकेत मिल रहे हैं, तो तुरंत डॉक्टर को दिखाएं।
Disclaimer: लेख में उल्लिखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।
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