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    सिर्फ क्लीनिक पर ही निर्भर न रहें, घर पर खुद से भी बीपी जांचना है जरूरी; सही इलाज में मिलेगी मदद

    Updated: Wed, 19 Nov 2025 11:39 AM (IST)

    ब्लड प्रेशर की समस्या सेहत के लिए एक गंभीर खतरा है। हाई ब्लड प्रेशर को साइलेंट किलर भी कहा जाता है, क्योंकि इसके कोई लक्षण नहीं होते हैं। इसलिए इसकी नियमित जांच करना भी जरूरी है। हालांकि, ज्यादातर लोग क्लीनिक में अपना बीपी जंचवाते हैं, लेकिन प्रो. नरसिंह वर्मा (इंडियन सोसाइटी आफ हाइपरटेंशन) बता रहें हैं कि रोज घर पर भी बीपी मापना बेहद जरूरी है।

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    क्यों जरूरी है रोज बीपी जांचना? (Picture Courtesy: Freepik)

    कुमार संजय, नई दिल्ली। क्या अस्पताल में जब कोई आपका ब्लड प्रेशर मापता है तो वह अधिक होता है, लेकिन घर में सामान्य रहता है। ऐसी स्थिति को व्हाइट कोट हाइपरटेंशन कहा जाता है। हृदय रोग विशेषज्ञों के एक अंतरराष्ट्रीय समूह होप एशिया नेटवर्क ने नई गाइडलाइन जारी की है, जिसमें क्लीनिक, घर की माप तथा 24 घंटे की निगरानी, तीनों को समान महत्व दिया गया है। 

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    यह गाइडलाइन 22 देशों के संस्थानों के सहयोग से हुए शोध के बाद जारी की गई है, जिसमें लखनऊ का किंग जार्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) भी शामिल है। 

    इस अध्ययन के मुताबिक भारत में 21.1 प्रतिशत लोगों को 'व्हाइट कोट हाइपरटेंशन' है, वहीं 18.9 प्रतिशत को 'मास्क्ड हाइपरटेंशन (यानी क्लीनिक में सामान्य, घर पर हाइ) की समस्या है, जिससे बीपी के गलत आकलन की आशंका रहती है।  42 प्रतिशत मरीजों में गलत आकलन का खतरा रहता है, इससे ब्रेन स्ट्रोक और हार्ट की परेशानी की आशंका रहती है।

    क्यों है घर पर वीपी मापना जरूरी

    बीपी के सही आकलन के लिए क्लीनिक, घर और 24 घंटे की निगरानी से प्राप्त आंकड़ों के आधार पर इलाज तय किया जाना चाहिए। घर पर सुबह-शाम कम से कम चार दिन इसकी माप जरूरी है। इससे सही दवाओं के चयन में मदद मिलती है।

    रक्तचाप मापने का सही तरीका

    मापने से पहले पांच मिनट शांत बैठें। कुर्सी पर सीधे बैठें, पैर जमीन पर हों और उन्हें क्रास न करें। हाथ दिल की ऊंचाई पर रहे। मापते समय न बोलें और न हिलें । आस्तीन चढ़ाकर मापने से गलत परिणाम आते हैं। सटीकता के लिए एक-दो मिनट के अंतर से दो बार मापें ।

    ब्लड प्रेशर की निगरानी के लिए 24 घंटे का ब्लड प्रेशर मापने वाली मशीन काइस्तेमाल करना बेहद जरूरी है। इस उपाय से दवाइयों का सही प्रयोग और स्वास्थ्य पर ज्यादा प्रभावी नियंत्रण संभव होगा ।

    रक्तचाप नियंत्रण के उपाय

    • दैनिक भोजन में नमक को कम करें। पैक्ड खाद्य पदार्थों के सेवन से बचें। 
    • आहार में ताजे फल, सब्जियां, दालें, जई, बाजरा, ज्वार, राजमा, चना, बादाम, अखरोट और सलाद शामिल करें।
    • प्रतिदिन 30 मिनट तेज चलने का प्रयास करें, योग और प्राणायाम करें। 
    • धूमपान, तंबाकू और शराब से दूरी रखें। 
    • तनाव कम करें और पर्याप्त नींद लें।

    रक्तचाप से जुड़ी भ्रांतियां

    • केवल बुजुर्गो को होता है- यह गलत है। आधुनिक जीवनशैली, तनाव व मोटापे के कारण युवा भी बड़ी संख्या में प्रभावित हैं। 
    • यह कोई बीमारी नहीं- अत्यधिक कम रक्तचाप भी चक्कर, कमजोरी और बेहोशी का कारण बन सकता है ।  
    • इसकी दवा कभी बंद नहीं होती- यह भ्रांति है। यदि व्यक्ति नमक कम करे, व्यायाम, प्राणायाम करे, वजन कम करे और तनाव नियंत्रित रखे तो रक्तचाप इतना स्थिर हो जाता है कि चिकित्सक धीरे-धीरे दवा कम या पूरी तरह बंद भी कर सकते हैं। 

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