सर्दी में क्यों बढ़ जाता है आंखों का इन्फेक्शन? सिर्फ ठंड नहीं, 5 कारण हैं जिम्मेदार; पढ़ें डॉक्टर की राय
सर्दी के मौसम में सिर्फ खांसी-जुकाम या फ्लू की समस्या नहीं होती है, बल्कि आंखों में इन्फेक्शन (Eye Infection) भी हो सकता है। लेकिन ऐसा क्यों होता है औ ...और पढ़ें

आंखों के इन्फेक्शन से कैसे बचें? (Picture Courtesy: Freepik)
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। हर सर्दी के मौसम में अस्पतालों और नेत्र विशेषज्ञों के क्लीनिक में लाल, खुजलीदार, पानी बहने वाली या सूजी हुई आंखों वाले मरीजों की संख्या काफी बढ़ जाती है। अक्सर लोग सर्दी-जुकाम और फ्लू को ही ठंड के साथ जोड़कर देखते हैं, लेकिन यह मौसम आंखों के इन्फेक्शन (Winter Eye Infection) का समय भी होता है।
ऐसा क्यों होता है और इससे बचने के लिए क्या कर सकते हैं (Winter Eye Care Tips), इस बारे में जानने के लिए हमने डॉ. रिंकी आनंद गुप्ता (डायरेक्टर, ऑप्थेलमोलॉजी कैटेरेक्ट एंड रिफ्रैक्टिव सर्जन, मैक्स सुपर स्पेशेलिटी हॉस्पिटल, वैशाली) से बात की। आइए जानें इस बारे में उन्होंने क्या बताया।
सर्दियों में आंखों के इन्फेक्शन के मामले क्यों बढ़ जाता है?
- ड्राई हवा आंखों की प्राकृतिक सुरक्षा कमजोर कर देती है- ठंडी हवा, इनडोर हीटिंग और वातावरण में नमी की कमी आंखों के आंसू की नेचुरल लेयर को सुखा देती है। यह परत आंखों के लिए एक सुरक्षा कवच का काम करती है, जो धूल, एलर्जन और कीटाणुओं को आंख में घुसने से रोकती है। जब यह परत अस्थिर हो जाती है, तो आंखों में जलन, खुजली और रूखापन आ जाता है। साथ ही सतह पर छोटी-छोटी दरारें पड़ सकती हैं, जो इन्फेक्शन का रिस्क बढ़ा देती हैं।
- वायरस बंद जगहों में तेजी से फैलते हैं- सर्दियों में लोग ज्यादातर समय घरों, स्कूलों या दफ्तरों जैसे बंद स्थानों पर बिताते हैं। ऐसे में एडिनोवायरस जैसे वायरस, जो वायरल कंजक्टिवाइटिस का कारण बनते हैं, आसानी से एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैल जाते हैं। एक इन्फेक्टेड व्यक्ति पूरे परिवार में इन्फेक्शन फैला सकता है।
- आंखों को बार-बार रगड़ने की आदत- सर्दियों में आंखों में होने वाली खु जली और जलन के कारण लोग बार-बार आंखें रगड़ते हैं। अगर हाथ साफ न हों, तो कीटाणु आंखों में सीधे पहुंच जाते हैं। बच्चों में यह आदत ज्यादा देखी जाती है, जिससे उनमें इन्फेक्शन का जोखिम बढ़ जाता है।
- एलर्जी में बढ़ोतरी और सेकेंडरी इन्फेक्शन- सर्दियों में कम्बल, कारपेट, स्वेटर आदि से धूल के कण निकलते हैं। साथ ही, पालतू जानवरों के साथ ज्यादा वक्त बिताने से एलर्जी की समस्या बढ़ जाती है। एलर्जिक कंजक्टिवाइटिस के कारण आंखें कमजोर हो जाती हैं और उन पर बैक्टीरियल इन्फेक्शन होने का खतरा बढ़ जाता है।
- शरीर की बीमारियों से लड़ने की क्षमता प्रभावित होना- ठंड के मौसम में शरीर की इम्युनिटी कुछ कम हो सकती है, खासकर उन लोगों में जो पहले से कुपोषण, डायबिटीज या विटामिन की कमी से जूझ रहे हैं। सामान्य सर्दी-खांसी के वायरस भी कभी-कभी आंखों तक पहुंच जाते हैं।
इन्फेक्शन से बचने के लिए क्या करें?
- आंखों को नम रखें- डॉक्टर की सलाह से आर्टिफिशियल टीयर्स या लुब्रिकेटिंग आई ड्रॉप्स का इस्तेमाल करें।
- हाथों की सफाई रखें- बार-बार साबुन और पानी से हाथ धोएं। आंखों को छूने से पहले खास ध्यान दें।
- आंखें रगड़ने से बचें- अगर खुजली हो रही है, तो ठंडे पानी से आंखें धोएं या साफ कपड़े को ठंडे पानी में भिगोकर आंखों पर हल्के से रखें।
- घर की हवा में नमी बनाए रखें- ह्यूमिडिफायर का इस्तेमाल करें या कमरे में पानी से भरा बर्तन रखें। हीटर का तापमान बहुत ज्यादा न रखें।
- तौलिए, रूमाल और तकिए के कवर साफ रखें- नियमित रूप से गर्म पानी से धोएं। पर्सनल सामान शेयर न करें।
- धूप के चश्मे का इस्तेमाल- तेज हवा और धूप से बचाव के लिए बाहर निकलते समय धूप का चश्मा पहनें।
- कॉन्टैक्ट लेंस पर खास ध्यान- हाइजीन का पूरा ख्याल रखें। इन्फेक्शन के लक्षण दिखने पर तुरंत लेंस का इस्तेमाल बंद कर दें।
- समय पर डॉक्टर से सलाह लें- आंखों में रेडनेस, दर्द, पानी बहना, म्यूकस डिसचार्ज, लाइट सेंसिटिविटी या धुंधला दिखाई देने जैसे लक्षण दिखते ही डॉक्टर से संपर्क करें।

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