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Diabetic Symptoms: डायबिटीज़ के मरीज़ों की क्यों रोज़ाना सुबह 3 बजे टूटती है नींद?

Diabetic Symptoms ज़्यादातर डायबिटीज़ के मरीज़ों की नींद रोज़ाना देर रात एक ही समय पर टूटती है। उनकी नींद सुबह दो से तीन बजे के बीच किसी शोर की वजह से नहीं बल्कि बल्ड शुगर लेवल के बढ़ने की वजह से खुल जाती है।

By Ruhee ParvezEdited By: Published: Mon, 13 Sep 2021 09:52 AM (IST)Updated: Mon, 13 Sep 2021 09:52 AM (IST)
Diabetic Symptoms: डायबिटीज़ के मरीज़ों की क्यों रोज़ाना सुबह 3 बजे टूटती है नींद?
डायबिटीज़ के मरीज़ों की क्यों रोज़ाना सुबह 3 बजे टूटती है नींद?

नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Diabetic Symptoms: रात में अक्सर पानी पीने के लिए या फिर बाथरूम जाने के लिए हमारी नींद खुलती है, लेकिन उसके बाद जैसे ही हम वापस बिस्तर पर लेटते हैं, हमें नींद भी आ जाती है। और हम आसानी से अपनी 8 घंटे की नींद पूरी कर लेते हैं। हालांकि, जो लोग डायबिटीज़ से जूझ रहे हैं, उनके लिए स्थिति कुछ अलग होती है।

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ज़्यादातर डायबिटीज़ के मरीज़ों की नींद रोज़ाना देर रात एक ही समय पर टूटती है। उनकी नींद सुबह दो से तीन बजे के बीच किसी शोर की वजह से नहीं बल्कि बल्ड शुगर लेवल के बढ़ने की वजह से खुल जाती है। इसके पीछे दो वजह हो सकती हैं- सोमोगी इफेक्ट या फिर डॉन फिनोमेना।

सोमोगी इफेक्ट क्या है?

ज़ायला हेल्थ की सीनियर एंडोक्रिनोलॉजिस्ट, डॉ. रेबेका श्वेता ग्लैडविन का कहना है, " कुछ डायबिटीज़ के मरीज़ों में हमने देखा है कि ज़्यादातर शुगर रीडिंग दिन के दौरान नॉर्मल होती है, लेकिन फास्टिंग में यही स्तर बढ़ जाता है। ऐसा होने के पीछे एक कारण "सोमोग्यी इफेक्ट" हो सकता है।

अगर आप एक्यूट डायबिटीज़ के लिए इंसुलिन ले रहे हैं, तो संभव है कि ब्लड शुगर का लेवल देर रात या सुबह कम हो जाएगा। यानी सुबह 2:00 बजे से 3:00 बजे के बीच ब्लड शुगर का लेवल कम हो सकता है। इसे नॉकटर्नल हाइपोग्लाइसीमिया कहा जाता है। सुबह के 3:00 बजे का ब्लड शुगर लेवल फास्टिंग के ब्लड शुगर के लेवल को तय करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। जब भी रात में हाइपोग्लाइसीमिया होता है, तो हमारा शरीर एक रक्षा तंत्र के रूप में यकृत को रक्तप्रवाह में बड़ी मात्रा में शर्करा मुक्त करता है जिसके परिणामस्वरूप अगली सुबह उठने के बाद उच्च रक्त शर्करा का स्तर होता है।

यह सोमोगी प्रभाव मधुमेह की दवाओं, मधुमेह रोगियों के भोजन को बार-बार होने वाले हाइपो और हाइपर्स को रोकने के लिए निदान करने के लिए महत्वपूर्ण है। इसके अलावा यह भी महत्वपूर्ण है कि हाइपोग्लाइसीमिया के लक्षण जैसे अत्यधिक पसीना आना, दिल की धड़कने बढ़ना, कांपना, फिर से सोने में असमर्थता, में रोगियों को तुरंत अपने शर्करा के स्तर को मापना चाहिए, और अगर यह 70 मिलीग्राम / डीएल से नीचे पाया जाता है, तो एक बड़ा चम्मच (15 ग्राम) ग्लूकोज़ लें और इसे एक गिलास पानी में मिलाकर पिएं।

डॉन फिनोमेना क्या होता है?

उजाला सिग्नस ग्रुप ऑफ हॉस्पिटल्स के फाऊंडर और डायरेक्टर, डॉ. शुचिन बजाज का कहना है, "डॉन फिनोमेना -इस शब्द का इस्तेमाल सुबह के दौरान ब्लड शुगर (ग्लूकोज) में असामान्य वृद्धि के लिए किया जाता है। आमतौर पर 2 बजे से 8 बजे के बीच डायबिटीज वाले लोगों में यह होता है। हाई मॉर्निंग ब्लड शुगर एक रात पहले अपर्याप्त इंसुलिन, डायबिटीज़ विरोधी दवाओं की अपर्याप्त डोज़ या सोते समय कार्बोहाइड्रेट स्नैक के सेवन के कारण भी हो सकता है।"

सुबह हाई ब्लड शुगर के लेवल को ऐसे रोकें या ठीक करें:

- सोते समय कार्बोहाइड्रेट का सेवन का सेवन न करें।

- दवा या इंसुलिन की अपनी डोज़ को सही मात्रा में लें।

-अन्य दवा को आज़माएं। दवा के समय को बदलें जब आप अपनी दवा या इंसुलिन को रात के खाने से लेकर सोने के समय के बीच में लेते हैं।

- सुबह-सुबह अतिरिक्त इंसुलिन लेने के लिए इंसुलिन पंप का उपयोग करें।

डॉ. बजाज ने कहा, "डॉन फिनोमिनन के अलावा सुबह-सुबह की हाई शुगर सोम्योगी फिनोमिनन के कारण भी हो सकती है जिसमें रात को ज्यादा दवाई की डोज लेने या कम खाना खाने से सुबह 3 बजे के शुगर अचानक कम हो जाती है और इससे लड़ने के लिए शरीर जब प्रतिक्रिया करता है तो सुबह-सुबह शुगर हाई हो जाती है। डॉन फिनोमिनन और सोम्योगी फिनोमिनन में अंतर लाने के लिए 3 बजे की शुगर जांचनी चाहिए। अगर उस समय शुगर हाई है, तो आपका सुबह का शुगर डॉन फिनोमिनन की वजह से ज़्यादा है और 3 बजे शुगर कम है, तो सोम्योगी फिनोमिनन की वजह से शुगर ज़्यादा है।"


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