Diabetes and Rice: डायबिटीज के मरीज़ों को चावल खाना चाहिए या नहीं, अगर हां तो कौन सा चावल बेहतर है, जानिए
Diabetes and Rice विशेषज्ञों के मुताबिक सफेद और चमकीला चावल शुगर के मरीजों के लिए बहुत नुकसानदेह है। शुगर के मरीजों को एक दिन में सिर्फ 45-60 ग्राम कार्बोहाइड्रेट्स लेने की सलाह दी जाती है। चूंकि चावल में ज्यादा कार्बोहाइड्रेट्स होता है इसलिए शुगर के मरीज़ चावल से परहेज करें।

नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। शुगर तेज़ी से फैलने वाली ऐसी बीमारी है, जिसके मरीज़ों की तादाद देश और दुनियां में बढ़ती जा रही है। भारत में यह बीमारी इतनी तेजी से फैल रही है कि इनके मरीज़ों की तादाद 5 करोड़ तक पहुंच गई है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक 2030 तक भारत में डायबिटीज के मरीजों की संख्या आठ करोड़ को पार कर जाएगी। दुनिया में 23 करोड़ लोग इस क्रॉनिक बीमारी के साथ जी रहे हैं। आने वाले 20 साल में यह तादाद बढ़कर 35 करोड़ तक पहुंच सकती है।
शुगर के मरीज़ों को शुगर कंट्रोल रखना है तो अपनी डाइट पर खास ध्यान देने की जरूरत है। इस बीमारी में डॉक्टर चावल खाने से मना करते हैं, लेकिन लोगों को चावल खाने का इतना ज्यादा शौक होता है कि वो चावल खाने से बाज़ नहीं आते। विशेषज्ञों के मुताबिक सफेद और चमकीला चावल शुगर के मरीजों के लिए बहुत नुकसानदेह है।
शुगर के मरीज़ क्यों नहीं खा सकते चावल:
ब्रिटिश मेडिकल जर्नल के मुताबिक जो लोग सफेद चावल का सेवन ज्यादा करते हैं, उसमें type 2 diabetes होने का जोखिम सबसे ज्यादा रहता है। जो लोग डायबिटीज के शिकार हैं उन्हें चावल का सेवन नहीं करना चाहिए। चावल में ग्लाइसेमिक इंडेक्स (GI) ज्यादा होता है, यह ब्लड में जाते ही शुगर में बदल जाता है। ग्लाइसेमिक इंडेक्स का मतलब यह होता है कि किसी भोजन से खून में शुगर की कितनी मात्रा बनती है। शुगर के मरीजों को एक दिन में सिर्फ 45 से 60 ग्राम के बीच कार्बोहाइड्रेट्स लेने की सलाह दी जाती है। चूंकि चावल में ज्यादा कार्बोहाइड्रेट्स होता है इसलिए शुगर के मरीज़ों को इसे खाने से मना किया जाता है। हालांकि, ऐसा सभी चावल के साथ नहीं होता, क्योंकि कई ऐसे चावल होते हैं जिसमें GI भी कम होता है और कार्बोहाइड्रेट्स भी कम पाया जाता है।
शुगर के मरीज़ कौन से चावल का करें सेवन:
डायबिटीज के रोगियों को ऐसे चावल खाने चाहिए जिनसे ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम हो, ताकि शुगर लेवल कम रहे। ग्लाइसेमिक इंडेक्स उन चावलों में कम होता है जिनमें स्टार्च कम पाया जाता है। उसना चावल इसका सबसे बेहतर विकल्प है। इसके अलावा बासमती, ब्राउन और वाइल्ड राइस में भी बहुत कम जीआई होता है। आमतौर पर इसमें 56 से 69 के बीच जीआई मौजूद रहता है जो शुगर लेवल को बढ़ाता नहीं है। सफेद या चमकीले चावल का जीआई 70 से ज्यादा होता है।
ब्राउन चावल शुगर के मरीज़ों के लिए बेस्ट विकल्प:
शुगर के मरीजों के लिए ब्राउन राइस खाना भी ठीक रहेगा, इसमें जीआई कम होता है। ब्राउन चावल में बहुत अधिक फाइबर होता है जो जिंक को जल्दी अवशोषित होने से बचाता है। जिंक की उपस्थिति इंसुलिन को सही तरीके से काम करने के लिए जरूरी है। जिंक का जल्दी अवशोषित हो जाने से इंसुलिन सही से प्रभाव नहीं डाल पाता जिसके कारण खून में शुगर का लेवल बढ़ने लगता है। विशेषज्ञों के मुताबिक शुगर के मरीजों को उसना और ब्राउन राइस का सेवन भी बहुत कम ही करना चाहिए। आधा कप राइस एक दिन के लिए पर्याप्त है, इसमें 15 ग्राम से ज्यादा कार्बोहाइड्राइट नहीं होना चाहिए।
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