Walking Meditation: क्या होती है 'वॉकिंग मेडिटेशन'? जानें इसके फायदे और करने का सही तरीका
Walking Meditation मेडिटेशन सभी के मानसिक स्वास्थ्य को फायदा पहुंचाती है। यही वजह है कि हेल्थ एक्सपर्ट्स ध्यान करने की सलाह देते हैं। लेकिन क्या आपने कभी वॉकिंग मेडिटेशन के बारे में सुना है? अगर नहीं तो आज हम बता रहे हैं एक ऐसे मेडिटेशन के बारे में जिसे चलते-चलते भी किया जा सकता है। तो आइए जानें इस बारे में विस्तार से।

नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Walking Meditation: जैसा कि नाम से जाहिर है कि वॉकिंग मेडिटेशन चलने से जुड़ी है। मतलब यह हुआ कि चलते-चलते भी मेडिटेट किया जा सकता है। आपको पढ़कर हैरानी हो रही होगी क्योंकि आमतौर पर मेडिटेशन किसी एकांत जगह पर बैठ कर किया जाता है। हालांकि, एक मेडिटेशन ऐसा भी है, जिसे चलते हुए किया जाता है। इस मेडिटेशन को वॉकिंग मेडिटेशन कहते हैं।
वर्कआउट का अहम हिस्सा है मेडिटेशन
मेडिटेशन यानी ध्यान करना भी व्यायाम का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। चाहे फिर शांत मन से एकांत में किया जाए या धीमी-धीमी गति से चलते हुए। हमने हमेशा ध्यान करते हुए लोगों को एक स्थान पर आंखे बंद कर शांत बैठे हुए देखा है। आपने शायद ही किसी को कभी चलते हुए ध्यान करते देखा होगा। क्या आपको लगता है कि आप चलते हुए ध्यान लगा सकते हैं? जवाब है "जी हां", चलते-चलते ध्यान लगाया जा सकता है। आपको यह जान कर आश्चर्य होगा कि इस प्रकार के ध्यान का वैज्ञानिक आधार भी है।
कैसे करें वॉकिंग मेडिटेशन
यह समझना जरूरी है कि ‘वॉकिंग मेडिटेशन’ में आपकी चाल धीमी होनी चाहिए।
इसको करने का सही तरीका इस प्रकार है:
- सबसे पहले एक शांत जगह का चुनें।
- एक छोर से दूसरे छोर तक अत्यंत धीमी गति से चलना शुरू करें।
- हर कदम पर आपको गहरी सांस लेनी है।
- एक किनारे पर पहुंचने के बाद फिर लौटें।
- प्रकिया के हर एक चरण को महसूस करें और धीरे-धीरे आराम से चलते रहें।
- गहरी सांस लेते हुए धीमी गति से चलें। साथ ही कदमों की ताल, मुड़ना, सांस लेना और छोड़ना, आपको हर प्रक्रिया का अनुभव करना होगा।
इस दौरान इस बात का मूल रूप से ध्यान देना है कि अगर आपके मन में कोई बाहरी विचार आ रहे हैं, तो उन पर बिल्कुल भी ध्यान न दें।
वॉकिंग मेडिटेशन के फायदे
- वॉकिंग मेडिटेशन से आपको शरीर स्वस्थ और बीमारियों से दूर रहता है।
- शांत मन से शरीर में एक ऊर्जा और उत्साह बढ़ता है।
- तनाव, अकेलापन और उदासी से राहत मिलती है।
- एक सुकून भरी नींद के साथ दिमाग भी हेल्दी बनता है।
- मेडिटेशन से एकाग्रता भी बढ़ती है।
- इस प्रैक्टिस से शरीर का संतुलन बनाए रखा जा सकता है।
- इसको करने के पाचन बेहतर होता है, शरीर का मेटाबॉल्जिम भी तेजी आती है। जिससे आपका वजन भी कंट्रोल में रहता है।
- हर क्रिया पर ध्यान केंद्रित करने से शरीर के प्रति जागरूकता पैदा होती है।
- वॉकिंग मेडिटेशन करने से शारीरिक ही नहीं मानसिक तौर पर भी कई दिक्कतें कम होती हैं। इससे डिप्रेशन की दिक्कत से धीरे-धीरे निजात मिलती है। साथ ही मूड बेहतर होता है और ब्लड प्रेशर भी सही रहता है।
- वॉकिंग मेडिटेशन करने से ब्लड शुगर लेवल और ब्लड सर्कुलेशन सही रखने में मदद मिलती है। इस मेडिटेशन से टाइप-2 डायबिटीज से पीड़ित लोगों को काफी राहत मिलती है।
Disclaimer: लेख में उल्लिखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।
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